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JNU में तेंदुआ दिखने का दावा, स्टूडेंट्स और स्टाफ में डर का माहौल

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नई दिल्ली: जेएनयू कैंपस में तेंदुआ दिखने की खबर से स्टूडेंट्स में दहशत है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने स्टूडेंट्स को हॉस्टल के अंदर रहने और जंगली इलाके से दूर रहने की सलाह दी है। शुक्रवार को तेंदुआ दिखने की सूचना मिली थी। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पैरों के निशानों की जांच की, लेकिन बारिश की वजह से ये निशान धुल गए हैं, इसलिए तेंदुआ होने की पुष्टि नहीं हो सकी है। फिलहाल एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।



कावेरी हॉस्टल के एक स्टूडेंट ने स्टाफ को बताया कि उसने कैंपस में तेंदुआ देखा है। इसके बाद कावेरी और यमुना हॉस्टल में रहने वालों को खिड़की और दरवाजे बंद रखने की हिदायत दी गई। ऊपरी मंजिल पर रहने वालों को भी यही सलाह दी गई है। स्टूडेंट्स और स्टाफ को कहा गया है कि बाहर जाते समय ग्रुप में जाएं, अकेले जाने से बचें। जब तक तेंदुआ पकड़ा नहीं जाता, तब तक हॉस्टल कॉरिडोर और पब्लिक एरिया की लाइट्स जलाकर रखने को कहा गया है। बाथरूम के दरवाजे भी बंद रखने की सलाह दी गई है। झेलम हॉस्टल के रास्ते ओल्ड ट्रांजिट हाउस और स्टेडियम के आसपास ज्यादा सावधानी बरतने को कहा गया है।



वन विभाग का मौजूदगी से इनकारपहले वन विभाग के अधिकारियों ने कहा था कि कैंपस में कैमरा ट्रैप और पिंजरा लगाया जाएगा। सुरक्षा के लिए गार्ड भी 'के तैनात कर दिए गए हैं। हालांकि, सत्यापन के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए की उपस्थिति से इनकार कर दिया, विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने शनिवार रात को कहा कि वन अधिकारियों ने जेएनयू में तेंदुए की मौजूदगी की पुष्टि नहीं की। वे स्पॉट सत्यापन के बाद वापस चले गए



जून में भी सामने आई थी ऐसी ही घटनाजेएनयू कैंपस से असोला भाटी वाइल्डलाइफ सेंचुरी ज्यादा दूर नहीं है, जहां 11 से अधिक तेंदुए रहते हैं। माना जा रहा है कि उनमें से कोई तेंदुआ भटककर जेएनयू तक पहुंच गया होगा। इससे पहले जून में भी जगतपुर गांव में तेंदुआ दिखने की घटना सामने आई थी।

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