नई दिल्ली: हर दस में से आठ गाड़ी मालिक पुरानी के लिए फ्यूल बैन के नए नियमों के खिलाफ है। यह बात लोकल सर्कल्स के एक सर्वे में सामने आई है। पुरानी गाड़ियों को फ्यूल न देने के नियम लागू होने के बाद यह सर्वे गुरुवार को जारी किया गया। एक जुलाई से 10 साल पुरानी डीजल और पंद्रह साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को फ्यूल नहीं दिया जा रहा है। 79 फीसदी गाड़ी ओनर फ्यूल बैन के सर्वे में दिल्ली के 11 जिलों के 33,000 लोगों ने हिस्सा लिया
आधे से ज्यादा लोग बैन के खिलाफ
सर्वे में लोगों से पूछा गया कि फ्यूल पंपों पर पुरानी गाड़ियों के लिए फ्यूल बैन करने को वह सपोर्ट करते हैं या नहीं? इस सवाल के जवाब में 79 फीसदी गाड़ी मालिकों ने 'नहीं' कहा है। केवल 21 फीसदी ने ही इस नए नियम को सपोर्ट किया है।
87 दुपहिया ड्राइवर इससे खफा सर्वे में सामने आया है कि 87 प्रतिशत दुपहिया ड्राइवर इस नियम से नाराज हैं। 44 प्रतिशत कार मालिक भी नए नियम से नाराज हैं। जून और जुलाई 2025 में हुए सर्वे के आधार पर यह दावा किया गया है।
प्रदूषण कम करने के लिए अन्य कदम उठाएं
लोगों से पूछा गया कि फ्यूल बैन से पहले प्रदूषण कम करने के लिए जरूरी दूसरे कदम सरकार को सख्ती से उठाने चाहिए या नहीं? 35 फीसदी लोगों ने इस सवाल का जवाब 'ना' में दिया, जबकि 65 फीसदी ने इसके जवाब में 'हां' कहा हैं। 65 फीसदी गाड़ी मालिकों ने कहा कि सरकार को प्रदूषण कम करने के लिए दूसरे जरूरी कदम उठाने चाहिए। सर्वे में दिल्ली के 11 जिलों के 33,000 लोगों ने हिस्सा लिया। कुल मिलाकर सर्व में हिस्सा लेने वाले लोगों में दो तिहाई से अधिक लोग फ्यूल बैन के खिलाफ हैं। 87 फीसदी दुपहिया और 44 फीसदी कार वाले इसके पक्ष में नहीं हैं।
आधे से ज्यादा लोग बैन के खिलाफ
सर्वे में लोगों से पूछा गया कि फ्यूल पंपों पर पुरानी गाड़ियों के लिए फ्यूल बैन करने को वह सपोर्ट करते हैं या नहीं? इस सवाल के जवाब में 79 फीसदी गाड़ी मालिकों ने 'नहीं' कहा है। केवल 21 फीसदी ने ही इस नए नियम को सपोर्ट किया है।
87 दुपहिया ड्राइवर इससे खफा सर्वे में सामने आया है कि 87 प्रतिशत दुपहिया ड्राइवर इस नियम से नाराज हैं। 44 प्रतिशत कार मालिक भी नए नियम से नाराज हैं। जून और जुलाई 2025 में हुए सर्वे के आधार पर यह दावा किया गया है।
प्रदूषण कम करने के लिए अन्य कदम उठाएं
लोगों से पूछा गया कि फ्यूल बैन से पहले प्रदूषण कम करने के लिए जरूरी दूसरे कदम सरकार को सख्ती से उठाने चाहिए या नहीं? 35 फीसदी लोगों ने इस सवाल का जवाब 'ना' में दिया, जबकि 65 फीसदी ने इसके जवाब में 'हां' कहा हैं। 65 फीसदी गाड़ी मालिकों ने कहा कि सरकार को प्रदूषण कम करने के लिए दूसरे जरूरी कदम उठाने चाहिए। सर्वे में दिल्ली के 11 जिलों के 33,000 लोगों ने हिस्सा लिया। कुल मिलाकर सर्व में हिस्सा लेने वाले लोगों में दो तिहाई से अधिक लोग फ्यूल बैन के खिलाफ हैं। 87 फीसदी दुपहिया और 44 फीसदी कार वाले इसके पक्ष में नहीं हैं।
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