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समुदायों के बीच तनाव पैदा करने कोशिश, कामयाब नहीं होगा... भारत की पाकिस्तान को चेतावनी

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नई दिल्ली: भारत ने एक बार कहा कि पाकिस्तान भारत में सांप्रदायिक आधार पर समुदायों के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहा है, जिसमें वो कभी सफल नहीं होगा। इसलिए वो बेतुके दावे कर रहा है, लेकिन उसके इरादे सफल नहीं होंगे। एक दिन पहले ही मिस्री ने कहा था कि पाकिस्तान धार्मिक स्थलों को निशाना बना रहा है,जिससे कि इन हालातों को सांप्रदायिक रंग दिया जा सके और तनाव उत्पन्न हो। शनिवार को विदेश सचिव ने पाकिस्तानी सेना के विभाजनकारी एजेंडे पर एक बार फिर प्रहार करते हुए कहा कि पाकिस्तान अपने हिंसक अभियान के तहत जम्मू और कश्मीर के साथ साथ पंजाब में नागरिकों और नागरिक इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बना रहा है। इसके साथ ही वो अपनी एक लगातार चलने वाली ऐसी रणनीति पर भी काम कर रहा है, जिसके जरिए समुदायों में तनाव पैदा किया जा सके। विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों के बेतुके दावे करना लगातार जारी हैं और इसी के तहत वो भारत की ओर से श्री अमरिंदर साहिब की ओर भारत के मिसाइल फायर करने का झूठ फैला रहे है। मिस्री ने कहा कि उनके ऐसे इरादे कभी कामयाब नहीं होंगे। इसके अलावा मिस्री ने पाकिस्तान की आर्मी के प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी की प्रेस कॉन्फ्रेंस का ब्योरे का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें इस बात में मजा आता है कि कई मुद्दों पर भारत के लोग भारतीय सरकार की आलोचना करें। मिस्री ने कहा कि पाकिस्तान के लिए ये हैरानी की बात होगी कि किसी देश के नागरिक अपनी सरकार की आलोचना करें। मिस्री ने कहा कि ये स्वतंत्र और पारदर्शी लोकतंत्र का प्रमाण है। पाकिस्तान लोकतंत्र की इस सच्चाई से वाकिफ नहीं है, इसमें कोई हैरानी नहीं . और क्या-क्या कहा? इसके अलावा मिस्री ने पाकिस्तान के उस दावे को झुठलाया, जिसमें कहा गया कि भारतीय मिसाइलों ने अफगानिस्तान को भी निशाना बनाया है। मिस्री ने कहा कि ये पूरी तरह से आधारहीन आरोप हैं। उन्होंने कहा कि अफगान जनता जानती है कि पिछले डेढ़ साल में किसने कई मौकों पर अफगानिस्तान के नागरिकों और नागरिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया है। बता दे कि पिछले साल दिसंबर में भी पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर एयर स्ट्राइक की थी, उससे पहले भी वो दो बार ऐसा कर चुका है। दरअसल पाकिस्तान इस अफवाह के जरिए अफगानिस्तान के प्रशासन के मन में संदेह पैदा करने की कोशिश कर रहा है। बता दें कि भारत सरकार ने भले ही तालिबान को डिप्लोमैटिक मान्यता ना दी हो, लेकिन भारत तालिबान सरकार के संपर्क में लगातार बना हुआ है।
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