US Permanent Residency: अमेरिका में रहना और काम करना बहुत से भारतीयों का सपना है। इस सपने को आंखों में संजोए हर साल लाखों भारतीय कामगार और छात्र नौकरी और पढ़ाई के सिलसिले से भारत से हजारों किलोमीटर दूर स्थित अमेरिका पहुंचते हैं। हालांकि, भले ही अमेरिका का वीजा जद्दोजहद करने के बाद मिल जाता है, लेकिन जैसे ही ये एक्सपायर होता है, वैसे ही फिर से वतन लौटना पड़ता है। यही वजह है कि बहुत से लोग अमेरिका में हमेशा के लिए बसने के बारे में सोचते हैं।अमेरिका में परमानेंट तौर पर रहना और नौकरी करना उतना ज्यादा आसान नहीं है, जितना नजर आता है। इसके लिए बहुत सी बाधाओं को पार करना पड़ता है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि अमेरिका में स्थायी रूप से रहने के लिए एक खास वीजा दिया जाता है। इस वीजा को हासिल करने के लिए आपका बहुत ज्यादा बुद्धिमान होना जरूरी है। इसके अलावा अगर आपके पास पैसा भी है तो फिर आप इस वीजा को आसानी से हासिल कर सकते हैं। आइए इस वीजा के बारे में डिटेल से जानते हैं। क्या है अमेरिका का परमानेंट रेजिडेंसी दिलाने वाला वीजा?दरअसल, अमेरिका में एक इंप्लॉयमेंट बेस्ड (EB) वीजा होता है, जिसे ग्रीन कार्ड के तौर पर भी जाना जाता है। इस वीजा के जरिए किसी भी शख्स को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने का मौका मिलता है। इंप्लॉयमेंट बेस्ड वीजा पांच कैटेगरी में दिया जाता है, जो नौकरी या टैलेंट के आधार पर मिलता है। इंप्लॉयमेंट बेस्ड वीजा लेने के लिए आपको यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विस (USCIS) को ठोस वजहें भी बतानी पड़ती हैं। इस वीजा की जो पांच कैटेगरी है, उसमें से हर एक के लिए भारतीय एलिजिबल हैं। EB Visa की पांच कैटेगरी कौन सी हैं?अमेरिका की तरफ से हर साल 6.75 लाख इंप्लॉयमेंट बेस्ड (EB) वीजा/ग्रीन कार्ड जारी किए जाते हैं, जो लोगों को परमानेंट रेजिडेंसी देने का सबूत होता है। EB वीजा की पांच कैटेगरी होती हैं, जिनके बारे में नीचे डिटेल्स से बताया गया है। EB-1 Visa: USCIS की तरफ से ये वीजा उन विदेशी लोगों को दिया जाता है, जिनके पास अपनी फील्ड में असाधारण काबिलियत है। अगर कोई भारतीय साइंस, आर्ट्स, एजुकेशनल, बिजनेस या एथलेटिक्स की फील्ड में असाधारण काबिलियत रखता है तो वह इस वीजा के लिए अप्लाई कर सकता है। EB-2 Visa: ये इंप्लॉयमेंट बेस्ड वीजा की दूसरी कैटेगरी है। इसके तहत उन लोगों को वीजा मिलता है, जिनके पास अडवांस डिग्री या अपने संबंधित फील्ड में असाधारण योग्यता है। अगर कोई अमेरिका के राष्ट्रीय हित में काम कर रहा है तो उसे भी इस वीजा के तहत स्थायी के तौर पर रहने की इजाजत दी जा सकती है। EB-3 Visa: वीजा की इस कैटेगरी के तहत उन लोगों को परमानेंट रेजिडेंसी मिलती है, जो स्किल वर्कर्स, प्रोफेशनल्स या अन्य वर्कर्स हैं। इस वीजा को हासिल करने में सबसे ज्यादा टाइम लगता है। भारतीयों को इस कैटेगरी के तहत ही सबसे ज्यादा परमानेंट रेजिडेंसी हासिल होती है। EB-4 Visa: ये वीजा कुछ खास अप्रवासियों के लिए है, जो बाकी की कैटेगरी में फिट नहीं हो पाते हैं। EB-4 वीजा अक्सर धार्मिक कामों को करने वाले लोगों को दिया जाता है, लेकिन ये कई बार अमेरिकी सेना में काम कर चुके विदेशी नागरिकों और डॉक्टरों को भी मिल जाता है। EB-5 Visa: इंप्लॉयमेंट बेस्ड वीजा की पांचवीं कैटेगरी EB-5 वीजा है। इसके जरिए उन लोगों को परमानेंट रेजिडेंसी दी जाती है, जो अमेरिकी कंपनी में निवेश करते हैं। इसके तहत ऐसी कंपनियों में निवेश करना होता है, जिससे कम से कम 10 लोगों को नौकरी मिले।
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