पटना: बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार देर रात हुई उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है। गांधी मैदान थाना क्षेत्र के रामगुलाम चौक के पास गोपाल खेमका की गोली मार कर हत्या कर दी गई। घटनास्थल से गांधी मैदान थाना की दूरी महज 600 मीटर है। इसके बावजूद पुलिस समय पर नहीं पहुंच सकी, जिस पर परिवार और स्थानीय लोगों ने गहरी नाराजगी जताई है।
रामकृपाल यादव पहुंचे खेमका के घर
भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव गोपाल खेमका के घर पहुंचे। उन्होंने कहा कि जिसका परिवार का अभिभावक चला जाए, उसकी हालत समझी जा सकती है। 6 साल में पिता-पुत्र दोनों की हत्या होना सिर्फ दुर्भाग्य नहीं, बल्कि यह गंभीर चिंता का विषय है। गोपाल खेमका एक प्रतिष्ठित व्यवसायी और समाजसेवी थे। सरकार को इस घटना को गंभीरता से लेना चाहिए और अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार कर स्पीडी ट्रायल कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद है कि इतनी बड़ी वारदात शहर के बीचों-बीच होती है और पुलिस समय पर नहीं पहुंचती है। प्रशासन को चेतना होगा और ऐसा कड़ा संदेश देना होगा कि भविष्य में कोई भी अपराधी इस तरह की दुस्साहसिक हरकत की हिम्मत न कर सके।
मानो, पुलिस तमाशा देखने आई हो- खेमका के भाई
गोपाल खेमका के भाई शंकर खेमका ने बताया कि हमें नहीं लगता कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी थी। वह हर रोज सुबह 10 बजे ऑफिस जाते थे। वारदात की जानकारी मिलने के बाद भी पुलिस निष्क्रिय रही, यह समझ से परे है। रात करीब डेढ़ बजे गांधी मैदान थाना की पुलिस पहुंची और करीब 2 बजे टाउन डीएसपी, फिर ढाई बजे पटना सिटी एसपी आईं। हमने खुद पुलिस को बताया कि कहां गोली चली है, कहां खोखा गिरा है। इसके बाद वे लोग ईंट से घेराबंदी करने लगे। ऐसा लग रहा था मानो वे तमाशा देखने आए हों।
गार्ड ने बताया- कैसे क्या हुआ
घटनास्थल पर मौजूद बिल्डिंग के गार्ड राम पारस ने बताया कि रात करीब साढ़े 11 बजे गोपाल खेमका ने बिल्डिंग का गेट खोलने के लिए गाड़ी का हॉर्न बजाया। वह जैसे ही गेट खोलने पहुंचे, तभी गोलियों की आवाज सुनाई दी। गेट खोलने के बाद देखा कि खेमका की मौत हो चुकी थी। हम कुछ समझ पाते इससे पहले ही सब कुछ हो गया। कोई दिखाई नहीं दिया।
अभी तक कोई सुराग नहीं मिला
फिलहाल एफएसएल की टीम मौके से सबूत इकट्ठा कर रही है। घटनास्थल से दो खाली कारतूस बरामद किए गए हैं। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है। टाउन डीएसपी-2 प्रकाश ने बताया कि मामले की जांच जारी है। सीसीटीवी फुटेज का गहन विश्लेषण किया जा रहा है और जो भी साक्ष्य मिल सकते हैं, उन्हें इकट्ठा किया जा रहा है।
आईएएनएस के इनपुट्स
रामकृपाल यादव पहुंचे खेमका के घर
भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव गोपाल खेमका के घर पहुंचे। उन्होंने कहा कि जिसका परिवार का अभिभावक चला जाए, उसकी हालत समझी जा सकती है। 6 साल में पिता-पुत्र दोनों की हत्या होना सिर्फ दुर्भाग्य नहीं, बल्कि यह गंभीर चिंता का विषय है। गोपाल खेमका एक प्रतिष्ठित व्यवसायी और समाजसेवी थे। सरकार को इस घटना को गंभीरता से लेना चाहिए और अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार कर स्पीडी ट्रायल कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद है कि इतनी बड़ी वारदात शहर के बीचों-बीच होती है और पुलिस समय पर नहीं पहुंचती है। प्रशासन को चेतना होगा और ऐसा कड़ा संदेश देना होगा कि भविष्य में कोई भी अपराधी इस तरह की दुस्साहसिक हरकत की हिम्मत न कर सके।
मानो, पुलिस तमाशा देखने आई हो- खेमका के भाई
गोपाल खेमका के भाई शंकर खेमका ने बताया कि हमें नहीं लगता कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी थी। वह हर रोज सुबह 10 बजे ऑफिस जाते थे। वारदात की जानकारी मिलने के बाद भी पुलिस निष्क्रिय रही, यह समझ से परे है। रात करीब डेढ़ बजे गांधी मैदान थाना की पुलिस पहुंची और करीब 2 बजे टाउन डीएसपी, फिर ढाई बजे पटना सिटी एसपी आईं। हमने खुद पुलिस को बताया कि कहां गोली चली है, कहां खोखा गिरा है। इसके बाद वे लोग ईंट से घेराबंदी करने लगे। ऐसा लग रहा था मानो वे तमाशा देखने आए हों।
गार्ड ने बताया- कैसे क्या हुआ
घटनास्थल पर मौजूद बिल्डिंग के गार्ड राम पारस ने बताया कि रात करीब साढ़े 11 बजे गोपाल खेमका ने बिल्डिंग का गेट खोलने के लिए गाड़ी का हॉर्न बजाया। वह जैसे ही गेट खोलने पहुंचे, तभी गोलियों की आवाज सुनाई दी। गेट खोलने के बाद देखा कि खेमका की मौत हो चुकी थी। हम कुछ समझ पाते इससे पहले ही सब कुछ हो गया। कोई दिखाई नहीं दिया।
अभी तक कोई सुराग नहीं मिला
फिलहाल एफएसएल की टीम मौके से सबूत इकट्ठा कर रही है। घटनास्थल से दो खाली कारतूस बरामद किए गए हैं। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है। टाउन डीएसपी-2 प्रकाश ने बताया कि मामले की जांच जारी है। सीसीटीवी फुटेज का गहन विश्लेषण किया जा रहा है और जो भी साक्ष्य मिल सकते हैं, उन्हें इकट्ठा किया जा रहा है।
आईएएनएस के इनपुट्स
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