नई दिल्लीः दिल्ली में 1 नवंबर से दूसरे राज्यों में रजिस्टर बीएस-3 या उससे नीचे की गाड़ियों की एंट्री पर रोक के आदेश पर ट्रांसपोर्टरों ने नाराजगी जाहिर की है। उनका दावा है कि इस बैन की वजह से सब्जियों से से लेकर फल और अन्य खाने-पीने की चीजों की सप्लाई प्रभावित होगी। इसका असर आगामी दस दिनों में देखने को मिल सकता है।   
   
प्रवेश की नहीं मिलेगी अनुमतिराजधानी में हर दिन लगभग 1 लाख ट्रक दूसरे शहर या फिर दूसरे राज्यों से सामान लेकर आते हैं। इनमें दूध, दही, मक्खन, फल, सब्जियां, अनाज, दालें, अंडे, पोल्ट्री, उत्पाद, नमक, दवाएं समेत अन्य एसेंशियल कमोडिटीज आइटम इटम होते हैं। ऑल इंडिया मोटर्स ट्रांसपोर्ट असोसिएशन दिल्ली-एनसीआर के चेयरमैन तरलोचन सिंह ढिल्लों ने बताया कि दिल्ली के बाहर पंजीकृत सभी व्यावसायिक मालवाहक वाहन (LGV, MGV, HGV) जो BS-VI मानक के अनुरूप नहीं है, उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी।
     
सप्लाई पर असर पड़ने की आशंका हालांकि, BS-IV मानक वाले कमर्शल वाहन सीमित अवधि के लिए 31 अक्टूबर 2026 तक प्रवेश कर सकेंगे। वहीं, आल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट असोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने बताया कि बड़ी संख्या दूसरे राज्यों की गाड़ियां माल लेकर आती है। खासकर फल, सब्जी की। अमूमन सब्जियों का लोकल डिस्ट्रिब्यूशन छोटी गाड़ियों से होता है, जो अधिकतम बीएस 3 या उससे कम वाली होती हैं। ऐसे में उन पर प्रतिबंध लगने की वजह से सप्लाई पर असर पड़ने की आशंका है। इससे दाम भी बढ़ सकते हैं।
  
प्रवेश की नहीं मिलेगी अनुमतिराजधानी में हर दिन लगभग 1 लाख ट्रक दूसरे शहर या फिर दूसरे राज्यों से सामान लेकर आते हैं। इनमें दूध, दही, मक्खन, फल, सब्जियां, अनाज, दालें, अंडे, पोल्ट्री, उत्पाद, नमक, दवाएं समेत अन्य एसेंशियल कमोडिटीज आइटम इटम होते हैं। ऑल इंडिया मोटर्स ट्रांसपोर्ट असोसिएशन दिल्ली-एनसीआर के चेयरमैन तरलोचन सिंह ढिल्लों ने बताया कि दिल्ली के बाहर पंजीकृत सभी व्यावसायिक मालवाहक वाहन (LGV, MGV, HGV) जो BS-VI मानक के अनुरूप नहीं है, उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी।
सप्लाई पर असर पड़ने की आशंका हालांकि, BS-IV मानक वाले कमर्शल वाहन सीमित अवधि के लिए 31 अक्टूबर 2026 तक प्रवेश कर सकेंगे। वहीं, आल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट असोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने बताया कि बड़ी संख्या दूसरे राज्यों की गाड़ियां माल लेकर आती है। खासकर फल, सब्जी की। अमूमन सब्जियों का लोकल डिस्ट्रिब्यूशन छोटी गाड़ियों से होता है, जो अधिकतम बीएस 3 या उससे कम वाली होती हैं। ऐसे में उन पर प्रतिबंध लगने की वजह से सप्लाई पर असर पड़ने की आशंका है। इससे दाम भी बढ़ सकते हैं।
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