नई दिल्ली: कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) की जांच शुरू कर दी है। यह योग गुरु स्वामी रामदेव की कंपनी है। इस जांच से मंत्रालय यह पता लगाएगा कि कंपनी में कामकाज और पैसे के लेन-देन में कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई है। एक सूत्र ने यह जानकारी दी है।
भेजा गया है नोटिसहमारे सहयोगी ईटी की एक खबर है कि केंद्र सरकार के इस मंत्रालय ने कंपनी को कंपनी अधिनियम की धारा 210 के तहत नोटिस भेजा है। इस धारा के अनुसार, सरकार जनता के हित में किसी भी कंपनी की जांच कर सकती है। सूत्रों के अनुसार, सरकार को कुछ एजेंसियों से पतंजलि आयुर्वेद में वित्तीय अनियमितताओं की जानकारी मिली थी। इसके बाद ही मंत्रालय ने जांच का फैसला लिया।
पतंजलि का यह आया जवाबजब ET (इकनॉमिक टाइम्स) ने पतंजलि आयुर्वेद से इस बारे में पूछा, तो कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि "उन्हें MCA से अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है।" मंत्रालय को भी ईमेल भेजा गया था, लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया था। अप्रैल 2024 में, पतंजलि फूड्स ने बताया था कि उन्हें चंडीगढ़ में डायरेक्टरेट जनरल ऑफ GST इंटेलिजेंस से ₹27.5 करोड़ के टैक्स के मामले में कारण बताओ नोटिस मिला है। पतंजलि फूड्स, पतंजलि आयुर्वेद की ही एक लिस्टेड कंपनी है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने भी कंपनी को भ्रामक विज्ञापन दिखाने से रोका था।
एमसीए की कड़ी नजरMCA आजकल कंपनियों के कामकाज और गड़बड़ियों पर कड़ी नजर रख रहा है। हाल ही में, मंत्रालय ने जेनसोल इंजीनियरिंग में कथित धोखाधड़ी के मामले में भी जांच शुरू की है। मंत्रालय चाहता है कि सभी कंपनियां ईमानदारी से काम करें और नियमों का पालन करें। अगर कोई कंपनी गड़बड़ी करती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भेजा गया है नोटिसहमारे सहयोगी ईटी की एक खबर है कि केंद्र सरकार के इस मंत्रालय ने कंपनी को कंपनी अधिनियम की धारा 210 के तहत नोटिस भेजा है। इस धारा के अनुसार, सरकार जनता के हित में किसी भी कंपनी की जांच कर सकती है। सूत्रों के अनुसार, सरकार को कुछ एजेंसियों से पतंजलि आयुर्वेद में वित्तीय अनियमितताओं की जानकारी मिली थी। इसके बाद ही मंत्रालय ने जांच का फैसला लिया।
पतंजलि का यह आया जवाबजब ET (इकनॉमिक टाइम्स) ने पतंजलि आयुर्वेद से इस बारे में पूछा, तो कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि "उन्हें MCA से अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है।" मंत्रालय को भी ईमेल भेजा गया था, लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया था। अप्रैल 2024 में, पतंजलि फूड्स ने बताया था कि उन्हें चंडीगढ़ में डायरेक्टरेट जनरल ऑफ GST इंटेलिजेंस से ₹27.5 करोड़ के टैक्स के मामले में कारण बताओ नोटिस मिला है। पतंजलि फूड्स, पतंजलि आयुर्वेद की ही एक लिस्टेड कंपनी है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने भी कंपनी को भ्रामक विज्ञापन दिखाने से रोका था।
एमसीए की कड़ी नजरMCA आजकल कंपनियों के कामकाज और गड़बड़ियों पर कड़ी नजर रख रहा है। हाल ही में, मंत्रालय ने जेनसोल इंजीनियरिंग में कथित धोखाधड़ी के मामले में भी जांच शुरू की है। मंत्रालय चाहता है कि सभी कंपनियां ईमानदारी से काम करें और नियमों का पालन करें। अगर कोई कंपनी गड़बड़ी करती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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