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हरियाणा में भी सीएम मोहन यादव की दमदारी, अमित शाह के साथ कदमताल करते दिखे

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भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की छवि अब राष्ट्रीय नेता के रूप में बन रही है। पार्टी भी लगातार उनकी इमेज बिल्डिंग में लगी है। उन्हें देश के अलग-अलग चुनावी राज्यों में हाल के दिनों में प्रचार के लिए भेजा गया था। अब हरियाणा में गृह मंत्री अमित शाह के साथ उन्हें पर्यवेक्षक बनाकर पार्टी ने साफ संदेश दे दिया है कि मोहन यादव अब बीजेपी में लंबी रेस के घोड़ा हैं। अमित शाह के साथ कदमताल करते दिखेहरियाणा में विधायक दल की मीटिंग के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ सीएम मोहन यादव भी पहुंचे थे। वहां से उनकी कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। तस्वीरों में दिख रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री के साथ सीएम मोहन यादव कदमताल करते दिख रहे हैं। इससे समझा जा सकता है कि सीएम का कद कैसे बीजेपी में बड़ा हो रहा है। साथ ही पार्टी भी उन्हें उभारने में लगी है। मोहन यादव का स्ट्राइक रेट बढ़िया रहावहीं, सीएम मोहन यादव ने हरियाण विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार भी किया था। खासकर यादव बहुल सीटों पर उनका अच्छा प्रभाव दिखा है। सीएम ने जिन उम्मीदवारों के वोट मांगे हैं, उनकी जीत हुई है। बीजेपी की कोशिश है कि सीएम मोहन यादव को पार्टी के अंदर यादवों के बड़े नेता के रूप में प्रोजेक्ट किया जाए। इसलिए हरियाणा में उन्हें बड़ी भूमिका दी गई। बिहार-यूपी में भूनाने की कोशिशसीएम मोहन यादव को यादवों के नेता स्थापित कर बीजेपी यूपी-बिहार के यादवों को साधना चाहती है। सीएम बनने के बाद मोहन यादव सबसे पहले बिहार ही गए थे। वहां यादवों की 17 फीसदी आबादी है। 2025 में वहां विधानसभा के चुनाव हैं। यही स्थिति यूपी में भी है। पार्टी इन दोनों राज्यों में यह संदेश देने की कोशिश करेगी। हमने आपके समाज के जमीन से जुड़े नेता को यहां तक पहुंचाया है। ओडिशा में सफल रहा है प्रयोगदरअसल, बीजेपी का यह दांव ओडिशा में सफल रहा है। देश के सर्वोच्च पद पर वहां की आदिवासी महिला को बैठाया। विधानसभा चुनाव में बीजेपी का वह कार्ड काम कर गया है। पार्टी वहां सत्ता में आ गई है। एमपी में मोहन यादव का जबरदस्त परफॉर्मेंसवहीं, एमपी में सीएम बनने के बाद मोहन यादव की पहली परीक्षा लोकसभा चुनाव के दौरान हुई। लोकसभा चुनाव में उनका स्ट्राइक रेट 100 फीसदी रहा है। पहली बार मध्य प्रदेश में बीजेपी लोकसभा की 29 सीटें जीत गई। इसके बाद एक उपचुनाव हुआ, उसमें भी जीत मिली। साथ ही कमलनाथ के अभेद किले छिंदवाड़ा को ध्वस्त कर दिया। इससे साफ है कि वह केंद्रीय नेतृत्व की उम्मीदों पर खरे उतरे हैं। इन सफलताओं से सीएम मोहन यादव का ग्राफ बढ़ा है। आने वाले दिनों केंद्र की ओर उन्हें और भी बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

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