लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मॉडल चाय वाली के नाम से मशहूर सिमरन गुप्ता को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। लखनऊ हाई कोर्ट ने सिमरन गुप्ता से मारपीट और उत्पीड़न करने वाले पुलिसकर्मियों की जांच का आदेश जारी किया है। इस संबंध में लखनऊ कमिश्नर को आदेश जारी किए गए हैं। हाई कोर्ट ने सिमरन गुप्ता मामले की 6 सप्ताह जांच कर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश कमिश्नर को जारी किया है। दरअसल, 8 जून रविवार की रात सिमरन गुप्ता के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार का मामला सामने आया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। वायरल वीडियो में पुलिस मॉडल चाय वाली के स्टॉल पर उससे मारा-पीटा और उसके कपड़े पकड़कर खींचते देखे गए थे।
हाई कोर्ट का रुख सख्तमॉडल चाय वाली के नाम से मशहूर सिमरन गुप्ता के साथ पुलिसकर्मियों की कथित मारपीट और उत्पीड़न के मामले में लखनऊ हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को छह सप्ताह के भीतर जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। अगर पुलिसकर्मी दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। हाई कोर्ट के जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस मनीष कुमार की खंडपीठ ने सिमरन गुप्ता की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। याचिका में 8 जून की रात हुई पुलिसिया बर्बरता का जिक्र किया गया है।
क्या है पूरा मामला?याचिकाकर्ता सिमरन गुप्ता इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर ‘मॉडल चाय वाली’ नाम से चाय की दुकान चलाती हैं। 8 जून की रात वह दुकान में पेंटिंग का काम करा रही थी। इसी दौरान राम राम बैंक चौकी के तत्कालीन इंचार्ज आलोक कुमार चौधरी, सिपाही अभिषेक यादव, दुर्गेश कुमार वर्मा और महिला सिपाही किरन अग्निहोत्री वहां पहुंचे। सिमरन का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने दुकान खुली होने पर आपत्ति जताई। बिना किसी उचित कारण के मारपीट शुरू कर दी।
सिमरन ने घटना का वीडियो बनाने की कोशिश की तो पुलिस ने उनका फोन छीन लिया। हालांकि, पुलिस की यह पूरी कार्रवाई दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। साथ ही, एक राहगीर ने भी मोबाइल से घटना का वीडियो बनाया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
वकील ने दी दलीलसिमरन की ओर से पेश हुए वकील चन्दन श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि घटना के बाद सिमरन ने पुलिस कमिश्नर और डीसीपी को शिकायती पत्र दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वकील ने दलील दी कि संबंधित पुलिसकर्मियों पर पुलिस अधिनियम की धारा 29 और 7 के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए थी। याचिका में यह भी कहा गया है कि पुलिसकर्मी दुकान पर काम करने वाले एक लड़के को भी मारते हुए चौकी ले गए। सिमरन जब लड़के को छुड़ाने चौकी पहुंचीं तो वहां मौजूद दरोगा अखिलेश कुमार ने दोनों के साथ दुर्व्यवहार किया।
कोर्ट ने इस मामले में आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जांच की जिम्मेदारी सीधे पुलिस कमिश्नर को सौंपी है और छह सप्ताह में शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।
कौन हैं सिमरन गुप्ता?मॉडल चाय वाली के नाम से मशहूर सिमरन गुप्ता का असली नाम आंचल गुप्ता है। सिमरन गोरखपुर की रहने वाली है। उसने मॉडलिंग छोड़कर चाय की दुकान शुरू की। दरअसल, सिमरन गुप्ता ने वर्ष 2018 में मिस गोरखपुर का खिताब जीता था। सिमरन के पिता राजेंद्र गुप्ता शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग हैं। पिता की बीमारी और परिवार को कर्ज से उबारने के लिए सिमरन ने मॉडलिंग शुरू की। 2020 में आई महामारी कोविड-19 ने सिमरन के मॉडलिंग करियर पर विराम लगा दिया। वह बेरोजगार हो गई। कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी की, लेकिन सैलरी नहीं मिली।
टी स्टॉल का आया आइडियासिमरन ने पैसे की तंगी को दूर करने के लिए दूसरे आइडिया पर विचार शुरू किया। गोरखपुर में 'ग्रेजुएट चायवाली' काफी चर्चा में आई। इसने सिमरन को खूब प्रभावित किया। इसके बाद उसने गोरखपुर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के सामने चाय का स्टॉल लगाया। सिमरन का आइडिया चल निकला। उसके हाथ की बनाई चाय खूब बिकने लगी। गोरखपुर में आइडिया सफल रहने के बाद उसने लखनऊ में बिजनेस शुरू किया। राजधानी के इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर मॉडल चाय वाली के नाम से सिमरन गुप्ता की चाय की स्टॉल खोली।
चाय के शौकीनों के लिए सिमरन ने कई प्रयोग किए। वह अलग-अलग फ्लेवर के चाय बेचने लगी। कुछ ही दिनों मॉडल चाय वाली इलाके में मशहूर हो गई। उसकी स्टॉल पर बड़ी संख्या में युवाओं का जुटान होता है।
खरीदी अपनी दुकानसिमरन गुप्ता ने चाय की दुकान से लोकप्रियता तो हासिल की ही। इसके साथ-साथ उसकी कमाई भी बढ़ गई। सिमरन ने अपनी दुकान खरीद ली। अभी वह स्टॉल और दुकान दोनों चला रही हैं। सिमरन गुप्ता की जब लोकप्रियता बढ़ी तो उसकी शॉप इतने ग्राहक आए कि एक माह में एक लाख रुपये की कमाने लगी थी। वह सोशल मीडिया पर भी खूब एक्टिव है। इंस्टाग्राम पर उसके 29 हजार से अधिक फॉलोअर्स हैं। सोशल मीडिया से भी वह कमाई करती है।
हाई कोर्ट का रुख सख्तमॉडल चाय वाली के नाम से मशहूर सिमरन गुप्ता के साथ पुलिसकर्मियों की कथित मारपीट और उत्पीड़न के मामले में लखनऊ हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को छह सप्ताह के भीतर जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। अगर पुलिसकर्मी दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। हाई कोर्ट के जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस मनीष कुमार की खंडपीठ ने सिमरन गुप्ता की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। याचिका में 8 जून की रात हुई पुलिसिया बर्बरता का जिक्र किया गया है।
क्या है पूरा मामला?याचिकाकर्ता सिमरन गुप्ता इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर ‘मॉडल चाय वाली’ नाम से चाय की दुकान चलाती हैं। 8 जून की रात वह दुकान में पेंटिंग का काम करा रही थी। इसी दौरान राम राम बैंक चौकी के तत्कालीन इंचार्ज आलोक कुमार चौधरी, सिपाही अभिषेक यादव, दुर्गेश कुमार वर्मा और महिला सिपाही किरन अग्निहोत्री वहां पहुंचे। सिमरन का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने दुकान खुली होने पर आपत्ति जताई। बिना किसी उचित कारण के मारपीट शुरू कर दी।
सिमरन ने घटना का वीडियो बनाने की कोशिश की तो पुलिस ने उनका फोन छीन लिया। हालांकि, पुलिस की यह पूरी कार्रवाई दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। साथ ही, एक राहगीर ने भी मोबाइल से घटना का वीडियो बनाया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
वकील ने दी दलीलसिमरन की ओर से पेश हुए वकील चन्दन श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि घटना के बाद सिमरन ने पुलिस कमिश्नर और डीसीपी को शिकायती पत्र दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वकील ने दलील दी कि संबंधित पुलिसकर्मियों पर पुलिस अधिनियम की धारा 29 और 7 के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए थी। याचिका में यह भी कहा गया है कि पुलिसकर्मी दुकान पर काम करने वाले एक लड़के को भी मारते हुए चौकी ले गए। सिमरन जब लड़के को छुड़ाने चौकी पहुंचीं तो वहां मौजूद दरोगा अखिलेश कुमार ने दोनों के साथ दुर्व्यवहार किया।
कोर्ट ने इस मामले में आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जांच की जिम्मेदारी सीधे पुलिस कमिश्नर को सौंपी है और छह सप्ताह में शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।
कौन हैं सिमरन गुप्ता?मॉडल चाय वाली के नाम से मशहूर सिमरन गुप्ता का असली नाम आंचल गुप्ता है। सिमरन गोरखपुर की रहने वाली है। उसने मॉडलिंग छोड़कर चाय की दुकान शुरू की। दरअसल, सिमरन गुप्ता ने वर्ष 2018 में मिस गोरखपुर का खिताब जीता था। सिमरन के पिता राजेंद्र गुप्ता शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग हैं। पिता की बीमारी और परिवार को कर्ज से उबारने के लिए सिमरन ने मॉडलिंग शुरू की। 2020 में आई महामारी कोविड-19 ने सिमरन के मॉडलिंग करियर पर विराम लगा दिया। वह बेरोजगार हो गई। कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी की, लेकिन सैलरी नहीं मिली।
टी स्टॉल का आया आइडियासिमरन ने पैसे की तंगी को दूर करने के लिए दूसरे आइडिया पर विचार शुरू किया। गोरखपुर में 'ग्रेजुएट चायवाली' काफी चर्चा में आई। इसने सिमरन को खूब प्रभावित किया। इसके बाद उसने गोरखपुर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के सामने चाय का स्टॉल लगाया। सिमरन का आइडिया चल निकला। उसके हाथ की बनाई चाय खूब बिकने लगी। गोरखपुर में आइडिया सफल रहने के बाद उसने लखनऊ में बिजनेस शुरू किया। राजधानी के इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर मॉडल चाय वाली के नाम से सिमरन गुप्ता की चाय की स्टॉल खोली।
चाय के शौकीनों के लिए सिमरन ने कई प्रयोग किए। वह अलग-अलग फ्लेवर के चाय बेचने लगी। कुछ ही दिनों मॉडल चाय वाली इलाके में मशहूर हो गई। उसकी स्टॉल पर बड़ी संख्या में युवाओं का जुटान होता है।
खरीदी अपनी दुकानसिमरन गुप्ता ने चाय की दुकान से लोकप्रियता तो हासिल की ही। इसके साथ-साथ उसकी कमाई भी बढ़ गई। सिमरन ने अपनी दुकान खरीद ली। अभी वह स्टॉल और दुकान दोनों चला रही हैं। सिमरन गुप्ता की जब लोकप्रियता बढ़ी तो उसकी शॉप इतने ग्राहक आए कि एक माह में एक लाख रुपये की कमाने लगी थी। वह सोशल मीडिया पर भी खूब एक्टिव है। इंस्टाग्राम पर उसके 29 हजार से अधिक फॉलोअर्स हैं। सोशल मीडिया से भी वह कमाई करती है।
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