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ऑनलाइन लॉटरी, गिफ्ट और इनाम के नाम पर करते थे ठगी, साइबर स्कैम गिरोह का भंडाफोड़

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नई दिल्ली : भारत में चल रहे साइबर स्कैम के एक सिंडिकेट को क्राइम ब्रांच ने क्रैक कर दो विदेशी नागरिकों समेत छह साइबर क्रिमिनल को गिरफ्तार किया है। ये लोग ऑनलाइन लॉटरी, गिफ्ट और इनाम जीतने का झांसा देकर न सिर्फ बड़े पैमाने पर ठगी करते थे बल्कि गैंग के मेंबर्स को अलग-अलग काम सौंपे हुए थे।



इन चीजों की हुई बरामदगी

इनमें दो आरोपी 15 परसेंट कमीशन पर बैंक अकाउंट रेंट पर इंतजाम कराते थे। आरोपियों में नाइजीरिया निवासी शेडरेक, संडे जॉन, बरेली के इज्जत नगर निवासी शाहिद रजा, इसका दामाद शाहरुख खान, विकास और इसका भाई राकेश उर्फ लालू के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 3.63 लाख कैश, आधार, पैन कार्ड, कई बैंक के एटीएम कार्ड, चेक बुक, पासबुक और अन्य सामान बरामद किया है।



ऐसे हुआ गिरोह का पर्दाफाश

क्राइम ब्रांच डीसीपी विक्रम सिंह के मुताबिक 7 जुलाई को उनकी टीम को सूचना मिली कि लॉटरी और गिफ्ट के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के कुछ लोग पंजाबी बाग इलाके में आने वाले हैं। सूचना के बाद सेंट्रल मार्केट चौक से एक आरोपी शाहिद रजा को गिरफ्तार किया गया। इसके पास से 3.63 लाख कैश, 9 एटीएम कार्ड, मोबाइल और अन्य सामान बरामद हुआ। पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह ठगी के रैकेट में शामिल है।



आरोपी का निशानदेही पर पकड़े गए जालसाज

उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने डी-ब्लॉक, कृष्णा पार्क, खानपुर से नाइजीरियन नागरिक शेडरेक को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ। छानबीन में पता चला कि शेडरेक अवैध रूप से भारत में रह रहा था। इसके बाद टीम ने छापेमारी कर एक-एक कर बाकी चार आरोपियों को भी दबोच लिया। पूछताछ के दौरान शेडरेक और संडे जॉन ने बताया कि वह अपने देश के बाकी लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। ठगी की रकम के लिए उनको बैंक खातों की जरूरत होती है। शाहिद और इसका दामाद शाहरुख इनको कैश निकालने के अलावा बैंक खाते भी उपलब्ध करवाते हैं।



भारत में अवैध रूप से रहे थे विदेशी आरोपी

पुलिस पकड़े गए आरोपियों से इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन लोगों ने अब तक कितने लोगों के साथ ठगी की है। दोनों विदेशियों के वीजा की अवधि काफी समय पहले खत्म हो चुकी है। जांच में पता चला कि शाहिद और शाहरूख बैंक खाते उपलब्ध करवाने के अलावा खातों से कैश भी निकालकर इनके हवाले करते थे। बदले में इनको 15 फीसदी कमीशन मिलता था। विकास और राकेश का काम नए बैंक खाते और सिमकार्ड उपलब्ध करवाकर ससुर-दामाद के हवाले करना था। बदले में दोनों को पांच फीसदी कमीशन मिलता था।







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