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खरगोन के व्यापारी परिवार से थाने से महज डेढ़ किमी दूर 20 लाख की लूट, जेवर छीनने के दौरान महिलाओं को किया घायल

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खरगोन: मध्य प्रदेश के खरगोन के व्यापारी परिवार के साथ आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर मारपीट कर 20 लाख रु ले गहनों की लूट हो गई। व्यापारी ने पुलिस को बताया कि आधा मिनट का समय मिल जाता तो वह बच जाते। दरअसल उन्होंने पंचर टायर को बदल लिया था और कार में बैठने ही वाले थे। लुटेरों ने व्यवसायी की मां के कान से जेवर खींचने के दौरान उन्हें बुरी तरह घायल कर दिया।





यह घटना खरगोन और धार सीमा पर स्थित गुजरी बाईपास पर हुई। यह क्षेत्र धार जिले के धामनोद थाने के अंतर्गत आता है। साथ ही खरगोन जिले की काकड़दा पुलिस चौकी से डेढ़ किलोमीटर दूर है। धामनोद के थाना प्रभारी नारायण कटारा और खरगोन पुलिस सूत्रों ने बताया कि खरगोन के व्यवसायी वल्लभ महाजन अपने बेंगलुरु में काम करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर भाई सचिन, सचिन की पत्नी रेखा, बुजुर्ग मां शारदा और भांजे निशि के साथ इंदौर जा रहे थे। उनकी कार के ड्राइवर तरफ का अगला पहिया अचानक पंचर हो गया। उन्होंने फटाफट कार की स्टेपनी निकाली और पहिए को बदल लिया।





अचानक से परिवार पर किया हमला

वे जैसे ही कार में सवार होकर इंदौर के लिए निकलने वाले थे कि चार-पांच लुटेरों ने उन पर हमला बोल दिया। उन्होंने घटना का प्रतिरोध कर रहे भाइयों वल्लभ और सचिन को पत्थर और लाठियां से पीटा।





20 तोले वजन के जेवर ले गए लुटेरे

उन्होंने सभी महिलाओं से करीब 20 तोले वजन के कंगन गले की चेन आदि गहने लूट लेने के अलावा पर्स भी ले लिया। इसी दौरान उन्होंने मां शारदा महाजन के कान में से बाली खींची और उनके कान बुरी तरह से चोटिल कर दिया। वह बुरी तरह चीख कर वहीं सड़क पर बैठ गयीं। दोनों भाइयों को सिर में भी चोटें आई हैं।





तलाश में जुटी पुलिस

घटना की सूचना मिलते ही खरगोन जिले की काकड़दा चौकी पुलिस की टीम और धार जिले की धामनोद पुलिस थाने की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस सूत्रों के मुताबिक परिवार ने स्टेपनी चेंज कर ली थी और कार में बैठने ही वाले थे कि लुटेरे आ गए। घायलों को पहले धामनोद में भर्ती कराया गया उसके बाद वे खरगोन वापस चले गए। पुलिस सूत्रों के अनुसार लुटेरे ग्राम मालवानी की कच्ची सड़क की ओर से आए थे। पुलिस टीम लुटेरों की सरगर्मी से तलाश आरम्भ कर दी है।





पीड़ित सचिन का कहना

सचिन ने खरगोन में पत्रकारों को बताया कि वे अपनी दादी की मृत्यु के चलते खरगोन आए थे। अगली रात पत्नी, मां और भांजी के साथ बेंगलुरु जा रहे थे। वल्लभ उन्हें इंदौर एयरपोर्ट पर छोड़कर वापस खरगोन आ जाते। उन्होंने बताया कि घटना में उनका वॉलेट भी चल गया है जिसमें महत्वपूर्ण दस्तावेज थे।

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