मैहर: मध्यप्रदेश में एक बार फिर इंजीनियरिंग की अनोखी मिसाल देखने को मिली है। मैहर जिले के अमरपाटन में एमपीआरडीसी (मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम) ने मुख्य मार्ग का निर्माण किया है। इसमें आधा सैकड़ा से अधिक बिजली के खंभे अब भी सड़क के बीचोंबीच खड़े हैं। दो साल पहले बनी इस सड़क पर हर दिन वाहन चालकों की जान जोखिम में पड़ रही है। लेकिन न बिजली विभाग चेता, न निर्माण एजेंसी, और न ही प्रशासन ने कोई सुध ली है।
दरअसल, अमरपाटन-सतना मार्ग पर जनपद कार्यालय से लेकर नए तहसील कार्यालय मोड़ तक सड़क बनाई गई है। इसके बीच में 50 से ज्यादा विद्युत पोल जस के तस खड़े हैं। हैरानी की बात ये है कि ठेकेदार ने बिजली विभाग को खंभे हटाने की सूचना भी दी थी। इसके चलते निर्माण कार्य दो महीने तक रोका भी गया। लेकिन कार्रवाई के अभाव में ठेकेदार ने पोल को हटाए बिना ही सड़क को पूरा कर एमपीआरडीसी को सौंप दिया।
रोजाना हो रहे हादसे
स्थानीय निवासी दिनेश शुक्ला सहित कई लोगों ने खंभों को लेकर शिकायतें दर्ज कराई हैं। उनका कहना है कि इस लापरवाही की वजह से आए दिन सड़क पर हादसे हो रहे है। लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला। लोगों ने बिजली विभाग और सड़क निर्माण एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
दे रहे बड़े हादसे को आमंत्रण
सरकारी तंत्र की चुप्पी इस मामले को और गंभीर बना रही है। सवाल यह है कि जब निर्माण के पहले से खंभे हटाने की जानकारी दी गई थी, तो विभाग ने कार्रवाई क्यों नहीं की है और यदि सड़क खंभों के साथ बनी है, तो निर्माण को पास कैसे किया गया है।यदि समय रहते इन खंभों को हटाया नहीं गया, तो यह 'लापरवाही' आने वाले दिनों में और बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है।
दरअसल, अमरपाटन-सतना मार्ग पर जनपद कार्यालय से लेकर नए तहसील कार्यालय मोड़ तक सड़क बनाई गई है। इसके बीच में 50 से ज्यादा विद्युत पोल जस के तस खड़े हैं। हैरानी की बात ये है कि ठेकेदार ने बिजली विभाग को खंभे हटाने की सूचना भी दी थी। इसके चलते निर्माण कार्य दो महीने तक रोका भी गया। लेकिन कार्रवाई के अभाव में ठेकेदार ने पोल को हटाए बिना ही सड़क को पूरा कर एमपीआरडीसी को सौंप दिया।
रोजाना हो रहे हादसे
स्थानीय निवासी दिनेश शुक्ला सहित कई लोगों ने खंभों को लेकर शिकायतें दर्ज कराई हैं। उनका कहना है कि इस लापरवाही की वजह से आए दिन सड़क पर हादसे हो रहे है। लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला। लोगों ने बिजली विभाग और सड़क निर्माण एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
दे रहे बड़े हादसे को आमंत्रण
सरकारी तंत्र की चुप्पी इस मामले को और गंभीर बना रही है। सवाल यह है कि जब निर्माण के पहले से खंभे हटाने की जानकारी दी गई थी, तो विभाग ने कार्रवाई क्यों नहीं की है और यदि सड़क खंभों के साथ बनी है, तो निर्माण को पास कैसे किया गया है।यदि समय रहते इन खंभों को हटाया नहीं गया, तो यह 'लापरवाही' आने वाले दिनों में और बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है।
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