खंडवाः जिले के सुरगांव नेपानी में दर्दनाक घटना हो गई। दो भाइयों की अवैध उत्खनन के बने गड्ढे में डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। नाबालिगों की पहचान अलफेज और सेफान के रूप में हुई है। दोनों बच्चे शनिवार के दिन हर दिन की तरह अपनी भैंसों को चराने के लिए घर से गए हुए थे। लेकिन शाम 4:00 बजे के बाद जब ये भैंसे चरकर खुद घर आ गई। लेकिन वे दोनों नहीं आए। तब परिवार वालों ने बच्चों को ढूंढना शुरू किया।
परिवार वाले मवेशियों को चराने वाले जंगल के पास गए। तब यहां जो बड़े-बड़े गड्ढे खुदे हुए थे। बारिश के चलते उनमें पानी भरा हुआ था। इन पानी में ही दोनों बच्चों की लाश तैर रही थी। यह देख परिजनों के होश उड़ गए। मौके पर चीख पुकार मच गई।
हॉस्पिटल लाने से पहले हो चुकी थी देर
काफी मशक्कत के बाद इन गड्ढों से लाश को बाहर निकाला गया। ताबड़तोड़ एंबुलेंस बुलाकर इन्हें खंडवा जिला अस्पताल भेजा गया। जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने इन बच्चों की जांच की। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। डॉक्टर ने बच्चों को मृत घोषित कर दिया।
घटना से परिजनों में फैला आक्रोश
एक साथ दो किशोरों की मौत को लेकर परिजनों में आक्रोश फैल गया है। दुखी परिजनों ने बताया कि देशगांव-रुधी फोरलेन सड़क निर्माण कार्य चल रहा है। फोरलेन बनाने वाली कंपनी बेलेकर जीव्ही ने मुरम के लिए जगह- जगह गहरे गड्ढे खोद दिए, जिसमें बारिश का पानी भरा था। परिजनों का कहना है कि सड़क निर्माण होने के बाद इन गड्ढों को बंद नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चों की जान प्रशासन की लापरवाही ने ली है। निर्माण कार्य के बाद न तो गड्ढे भरे गए और न ही किसी चेतावनी बोर्ड या बैरिकेडिंग की गई।
बारिश में तालाब बने गड्ढे
सड़क किनारे खुदे गहरे गड्ढे बारिश के चलते खतरनाक तालाब बन गए हैं। जो मौत को दावत दे रहे हैं। इन्हीं तालाब में नहाने के लिए दोनों बच्चे नहाने उतरे थे। दोनों बच्चे घर से निकले तो भैंस को चराने के लिए थे लेकिन पानी देखकर इन्होंने इसमें नहाना शुरू कर दिया। उनकी यह मस्ती उनकी जिंदगी की आखिरी खुशी साबित हुई।
लापरवाही की भेंट चढ़े मासूम
घटना को लेकर मोघट पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी ने इस गड्ढे के पास पहुंचकर इस मामले में जांच शुरू कर दी है। परिजनों का आरोप है कि सड़क निर्माण करने के लिए गांव के पास जो जंगल है यहां से बड़े पैमाने पर खुदाई की गई। लेकिन इन गड्ढों को ऐसे ही छोड़ दिया गया। इस कारण इन गड्ढों में पानी भर गया। यहां पर कोई संकेतक भी नहीं लगा है जिस कारण यह हादसा हुआ।
इस दर्दनाक घटना के बाद परिजनों में शोक का माहौल है। जिला अस्पताल में डॉक्टर नें जांच के बाद भी मृत घोषित कर दिया। इसके बाद इन दोनों बच्चों का खंडवा जिला अस्पताल में ही पोस्टमार्टम किया जा रहा है। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव को परिजनों के हवाले किया जाएगा। घटना से गहरे दुख में डूबे परिजनों कंपनी ने कहा कंपनी ने जो लापरवाही बरती है। इसी लापरवाही के कारण उनके बच्चों की जान गई है। लिहाजा ऐसी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई हो।
परिवार वाले मवेशियों को चराने वाले जंगल के पास गए। तब यहां जो बड़े-बड़े गड्ढे खुदे हुए थे। बारिश के चलते उनमें पानी भरा हुआ था। इन पानी में ही दोनों बच्चों की लाश तैर रही थी। यह देख परिजनों के होश उड़ गए। मौके पर चीख पुकार मच गई।
हॉस्पिटल लाने से पहले हो चुकी थी देर
काफी मशक्कत के बाद इन गड्ढों से लाश को बाहर निकाला गया। ताबड़तोड़ एंबुलेंस बुलाकर इन्हें खंडवा जिला अस्पताल भेजा गया। जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने इन बच्चों की जांच की। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। डॉक्टर ने बच्चों को मृत घोषित कर दिया।
घटना से परिजनों में फैला आक्रोश
एक साथ दो किशोरों की मौत को लेकर परिजनों में आक्रोश फैल गया है। दुखी परिजनों ने बताया कि देशगांव-रुधी फोरलेन सड़क निर्माण कार्य चल रहा है। फोरलेन बनाने वाली कंपनी बेलेकर जीव्ही ने मुरम के लिए जगह- जगह गहरे गड्ढे खोद दिए, जिसमें बारिश का पानी भरा था। परिजनों का कहना है कि सड़क निर्माण होने के बाद इन गड्ढों को बंद नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चों की जान प्रशासन की लापरवाही ने ली है। निर्माण कार्य के बाद न तो गड्ढे भरे गए और न ही किसी चेतावनी बोर्ड या बैरिकेडिंग की गई।
बारिश में तालाब बने गड्ढे
सड़क किनारे खुदे गहरे गड्ढे बारिश के चलते खतरनाक तालाब बन गए हैं। जो मौत को दावत दे रहे हैं। इन्हीं तालाब में नहाने के लिए दोनों बच्चे नहाने उतरे थे। दोनों बच्चे घर से निकले तो भैंस को चराने के लिए थे लेकिन पानी देखकर इन्होंने इसमें नहाना शुरू कर दिया। उनकी यह मस्ती उनकी जिंदगी की आखिरी खुशी साबित हुई।
लापरवाही की भेंट चढ़े मासूम
घटना को लेकर मोघट पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी ने इस गड्ढे के पास पहुंचकर इस मामले में जांच शुरू कर दी है। परिजनों का आरोप है कि सड़क निर्माण करने के लिए गांव के पास जो जंगल है यहां से बड़े पैमाने पर खुदाई की गई। लेकिन इन गड्ढों को ऐसे ही छोड़ दिया गया। इस कारण इन गड्ढों में पानी भर गया। यहां पर कोई संकेतक भी नहीं लगा है जिस कारण यह हादसा हुआ।
इस दर्दनाक घटना के बाद परिजनों में शोक का माहौल है। जिला अस्पताल में डॉक्टर नें जांच के बाद भी मृत घोषित कर दिया। इसके बाद इन दोनों बच्चों का खंडवा जिला अस्पताल में ही पोस्टमार्टम किया जा रहा है। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव को परिजनों के हवाले किया जाएगा। घटना से गहरे दुख में डूबे परिजनों कंपनी ने कहा कंपनी ने जो लापरवाही बरती है। इसी लापरवाही के कारण उनके बच्चों की जान गई है। लिहाजा ऐसी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई हो।
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