भारत में स्मार्टफोन अब पहले से ज्यादा कीमत में बिकेंगे। स्मार्टफोन की कीमतें भारत में 2,000 रुपये तक बढ़ गई हैं। इसका कारण स्मार्टफोन्स में इस्तेमाल होने वाले स्टोरेज कंपोनेंट्स जैसे चिप और मेमोरी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी होना है। इसका असर इस लॉन्च होने वाले स्मार्टफोन्स की कीमतों पर देखने को मिलेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के कमजोर होने से भी स्मार्टफोन की लागत बढ़ी है। इस कंपोनेंट की लागत में बढ़ोतरी का असर अब ग्राहकों पर होगा। 2026 में लॉन्च वाले स्मार्टफोन्स की कीमतों में 5000 रुपये तक का इजाफा हो सकता है। ओप्पो, वीवो और सैमसंग के फोन्स महंगे हो गए हैं।
वीवो, ओप्पो और सैमसंग के फोन्स की कीमतें बढ़ीThe Hindu की रिपोर्ट के अनुसार, स्टोरेज कंपोनेंट्स की लागत में बढ़ोतरी होने के कारण भारत में स्मार्टफोन्स के दाम बढ़ चुके हैं। वीवो की T सीरीज के स्मार्टफोन जैसे T4 Lite 5G सीरीज और T4x 5G सीरीज की कीमतों में पहले ही 1,500 की बढ़ोतरी हो चुकी है। वहीं, Oppo Reno 14 सीरीज और F 31 सीरीज की कीमतों में 1,000 से 2,000 रुपये तक का इजाफा देखा गया है।
इसके अलावा, Samsung A17 मॉडल की कीमत 500 रुपये बढ़ी है। सैमसंग के बिना चार्जर के आने वाले फोन्स को खरीदने वाले को 1300 रुपये का अतिरिक्त खर्चा करना होता है। इसका मतलब है कि उनके लिए फोन की कीमत लगभग 1800 रुपये बढ़ गई है।
ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन (AIMRA) ने मोबाइल फोन की कीमतों में अचानक और लगातार बढ़ोतरी की चेतावनी दी है। इसका मेन कारण स्टोरेज कंपोनेंट्स की ग्लोबल कीमतों में भारी वृद्धि होना है।
2026 के अंत तक बढ़ती रहेंगी कीमतेंOEMs द्वारा शेयर किए गए दस्तावेजों के अनुसार, अगस्त 2025 से चिप्स और मेमोरी कंपोनेंट्स की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। मेमोरी की सप्लाई में लगातार कमी इसे और भी गंभीर बनाती जा रही है। इंडस्ट्री रिसर्च के मुताबिक, चिप्स, मेमोरी और अन्य कच्चे माल की कीमतें 2026 के अंत तक बढ़ती रहने की उम्मीद है।
रियलमी इंडिया के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर, फ्रांसिस वोंग ने X पर इस मुद्दे से संबंधित ट्वीट करके कहा था कि 2025 ने पूरे स्मार्टफोन इंडस्ट्री के लिए एक नई चुनौती पेश की है। NAND Flash, DRAM और SSDs जैसे स्टोरेज कंपोनेंट्स की लागत में तेज और लगातार वृद्धि हो रही है। यह किसी एक ब्रैंड या प्राइस सेगमेंट तक सीमित नहीं है। चाहे आप प्रीमियम फ्लैगशिप बना रहे हों या भरोसेमंद मिड-रेंज डिवाइस, हर कोई इस मुश्किल को महसूस कर रहा है।
AI के कारण बढ़ी स्टोरेज कंपोनेंट्स की मांगउन्होंने आगे कहा कि AI के कारण डेटा सेंटर और मशीन लर्निंग सिस्टम को चलाने वाली हाई-एंड मेमोरी की भारी मांग पैदा हुई है। जो चिप्स कभी स्मार्टफोन में इस्तेमाल होते थे, अब जनरेटिव AI मॉडल को पावर देने के लिए भारी मात्रा में उपयोग हो रहे हैं। इससे इंडस्ट्री को यह सोचने पर मजबूर होना पड़ रहा है कि हम डिवाइस कैसे बनाएं, उनकी कीमत कैसे तय करें और उनमें कैसे इनोवेशन करें।
सरकार से GST घटाने का आग्रहरिटेल विक्रेताओं के संगठन ने भारत सरकार से इस गंभीर मुद्दे को तुरंत हल करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को मौजूदा 18% से घटाकर 5% किया जाना चाहिए। उनका मानना है कि यह ग्लोबल सप्लाई-चेन लागत वृद्धि को ऑफसेट करने, बाजार की गति बनाए रखने और आम नागरिक के लिए डिजिटल पहुंच को किफायती सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण हो सकता है।
वीवो, ओप्पो और सैमसंग के फोन्स की कीमतें बढ़ीThe Hindu की रिपोर्ट के अनुसार, स्टोरेज कंपोनेंट्स की लागत में बढ़ोतरी होने के कारण भारत में स्मार्टफोन्स के दाम बढ़ चुके हैं। वीवो की T सीरीज के स्मार्टफोन जैसे T4 Lite 5G सीरीज और T4x 5G सीरीज की कीमतों में पहले ही 1,500 की बढ़ोतरी हो चुकी है। वहीं, Oppo Reno 14 सीरीज और F 31 सीरीज की कीमतों में 1,000 से 2,000 रुपये तक का इजाफा देखा गया है।
इसके अलावा, Samsung A17 मॉडल की कीमत 500 रुपये बढ़ी है। सैमसंग के बिना चार्जर के आने वाले फोन्स को खरीदने वाले को 1300 रुपये का अतिरिक्त खर्चा करना होता है। इसका मतलब है कि उनके लिए फोन की कीमत लगभग 1800 रुपये बढ़ गई है।
ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन (AIMRA) ने मोबाइल फोन की कीमतों में अचानक और लगातार बढ़ोतरी की चेतावनी दी है। इसका मेन कारण स्टोरेज कंपोनेंट्स की ग्लोबल कीमतों में भारी वृद्धि होना है।
2026 के अंत तक बढ़ती रहेंगी कीमतेंOEMs द्वारा शेयर किए गए दस्तावेजों के अनुसार, अगस्त 2025 से चिप्स और मेमोरी कंपोनेंट्स की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। मेमोरी की सप्लाई में लगातार कमी इसे और भी गंभीर बनाती जा रही है। इंडस्ट्री रिसर्च के मुताबिक, चिप्स, मेमोरी और अन्य कच्चे माल की कीमतें 2026 के अंत तक बढ़ती रहने की उम्मीद है।
रियलमी इंडिया के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर, फ्रांसिस वोंग ने X पर इस मुद्दे से संबंधित ट्वीट करके कहा था कि 2025 ने पूरे स्मार्टफोन इंडस्ट्री के लिए एक नई चुनौती पेश की है। NAND Flash, DRAM और SSDs जैसे स्टोरेज कंपोनेंट्स की लागत में तेज और लगातार वृद्धि हो रही है। यह किसी एक ब्रैंड या प्राइस सेगमेंट तक सीमित नहीं है। चाहे आप प्रीमियम फ्लैगशिप बना रहे हों या भरोसेमंद मिड-रेंज डिवाइस, हर कोई इस मुश्किल को महसूस कर रहा है।
AI के कारण बढ़ी स्टोरेज कंपोनेंट्स की मांगउन्होंने आगे कहा कि AI के कारण डेटा सेंटर और मशीन लर्निंग सिस्टम को चलाने वाली हाई-एंड मेमोरी की भारी मांग पैदा हुई है। जो चिप्स कभी स्मार्टफोन में इस्तेमाल होते थे, अब जनरेटिव AI मॉडल को पावर देने के लिए भारी मात्रा में उपयोग हो रहे हैं। इससे इंडस्ट्री को यह सोचने पर मजबूर होना पड़ रहा है कि हम डिवाइस कैसे बनाएं, उनकी कीमत कैसे तय करें और उनमें कैसे इनोवेशन करें।
सरकार से GST घटाने का आग्रहरिटेल विक्रेताओं के संगठन ने भारत सरकार से इस गंभीर मुद्दे को तुरंत हल करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को मौजूदा 18% से घटाकर 5% किया जाना चाहिए। उनका मानना है कि यह ग्लोबल सप्लाई-चेन लागत वृद्धि को ऑफसेट करने, बाजार की गति बनाए रखने और आम नागरिक के लिए डिजिटल पहुंच को किफायती सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण हो सकता है।
You may also like

फर्स्ट टाइम ऐसी वोटिंग पर नीतीश खुश, बिहार की पब्लिक को बोला- थैंक्यू

बीजेपी-RSS की बैठकों में कभी वंदे मातरम् नहीं... राष्ट्रीय गीत के 150साल पर मल्लिकार्जुन खरगे का सियासी हमला

Smartphone Price Increasing: इस छोटी चीज ने खड़ी की बड़ी मुश्किल... कंपनियों ने महंगे किए स्मार्टफोन, कमजोर रुपया भी बना कारण

महागठबंधन की जीत के बाद अखिलेश यादव का बयान: 'नई पीढ़ी के दम पर बिहार में होगी बदलाव की शुरुआत'

हिमाचल के कई इलाकों का माइनस में पारा, एक सप्ताह तक साफ रहेगा मौसम




