वो चाहता तो एथिकल हैकिंग में देश का नाम रोशन कर सकता था। लेकिन शायद उसे सम्मान से ज्यादा दौलत की भूख थी। बंगाल पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है। जिस कुरापति अजय की तलाश 13 मुल्कों की पुलिस को थी, उसे पश्चिम बंगाल की पुलिस ने आखिरकार धर दबोचा है। ये 'देसी नटवरलाल' बरसों से पुलिस को गच्चा देने में लगा हुआ था। इस साइबर ठग की करतूतें ऐसी हैं कि पुलिस के भी होश उड़ा दिए थे।
पश्चिम बंगाल की बिधाननगर पुलिस ने केरल में इसके लिए जाल बिछाया। अन्य राज्यों की पुलिस से मदद ली और उसे पकड़ लिया। अजय कोई छोटा-मोटा चोर या साइबर ठग नहीं था। हैकिंग में उसे महारत हासिल थी। इसी 'कला' के बूते वो रईसों जैसी जिंदगी जी रहा था। उस पर 13-14 FIR दर्ज हैं। बावजूद इसके वो कई साल से सभी की आंखों में धूल झोंकने में लगा हुआ था। मूल रूप से बेंगलुरु का अजय पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया था।
दोस्ती करता और सामान चुरा ले जाता पुलिस के मुताबिक एथिकल हैकर कुरापति अजय को उसके परिवार ने बेदखल किया हुआ है। लेकिन वो अपनी जिंदगी ऐश से जी रहा था। वो अक्सर अपना नाम, पहचान बदलता रहता ताकि उसे पकड़ा न जा सके। वो देश के बड़े शहरों के होटल में चेक-इन करता। वहां लोगों से दोस्ती करता और फिर उनके मोबाइल, लैपटॉप, कार्ड और कैश लेकर उड़ जाता। पुलिस की नाक में उसने इस कदर नाक में दम कर दिया था कि उसकी मूवमेंट ट्रैक करने के लिए कई राज्यों की पुलिस ने एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बना डाला था।
सामान चुराता फिर वापस भेज देता कुरापति अजय का लोगों को चूना लगाने का स्टाइल बिल्कुल ही अलग था। वो पहले लोगों के मोबाइल, लैपटॉप, डेबिट-क्रेडिट कार्ड चुराता, फिर उनका इस्तेमाल करके कूरियर से वापस उनके पते पर भेज देता। पुलिस भी मानती है कि वो कुछ नया करने में माहिर था। हर चोरी के बाद वो अपनी सिम और आधार कार्ड बदल देता था। वो कई फोन इस्तेमाल करता था और फर्जी नामों से सिम चलाता था। पुलिस के मुताबिक उसे मोबाइल चोरी में कोई दिलचस्पी नहीं थी। वो सिर्फ OTP के लिए उन्हें चुराता था। इसके जरिए वो फ्लाइट, होटल के कमरे बुक किया करता था।
पश्चिम बंगाल के शख्स को लगाया 50 लाख चूना कई राज्यों में लोगों को चूना लगाने के बाद कुरापति अजय ने जुलाई में पश्चिम बंगाल का रुख किया। 29 जुलाई को बिधाननगर थाने में एक केस दर्ज हुआ। विनय कुमार नाम के शख्स का मोबाइल, लैपटॉप और वॉलेट उनके गेस्टहाउस से चोरी हो गया। इस गेस्ट हाउस में अजय भी रुका हुआ था। बाद में पता चला कि अजय ने क्रेडिट कार्ड से 5 लाख रुपये का सोना खरीद डाला और डेबिट कार्ड से एक मोबाइल फोन खरीदा। उसने विनय को 50 लाख रुपये का चूना लगाया।
15-15 आई फोन पिछले रविवार को उसे गिरफ्तार किया गया। दरअसल पुलिस को सूचना मिली कि वो केरल में है। स्थानीय पुलिस की मदद से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से ढेर सारे आधार कार्ड, सिम कार्ड और डिजिटल डिवाइस मिले। जांचकर्ताओं की मानें तो उसके पास से करीब 15 लाख रुपये की कीमत के 15 आई फोन और 38 सिम कार्ड भी बरामद हुए हैं।
पश्चिम बंगाल की बिधाननगर पुलिस ने केरल में इसके लिए जाल बिछाया। अन्य राज्यों की पुलिस से मदद ली और उसे पकड़ लिया। अजय कोई छोटा-मोटा चोर या साइबर ठग नहीं था। हैकिंग में उसे महारत हासिल थी। इसी 'कला' के बूते वो रईसों जैसी जिंदगी जी रहा था। उस पर 13-14 FIR दर्ज हैं। बावजूद इसके वो कई साल से सभी की आंखों में धूल झोंकने में लगा हुआ था। मूल रूप से बेंगलुरु का अजय पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया था।
दोस्ती करता और सामान चुरा ले जाता पुलिस के मुताबिक एथिकल हैकर कुरापति अजय को उसके परिवार ने बेदखल किया हुआ है। लेकिन वो अपनी जिंदगी ऐश से जी रहा था। वो अक्सर अपना नाम, पहचान बदलता रहता ताकि उसे पकड़ा न जा सके। वो देश के बड़े शहरों के होटल में चेक-इन करता। वहां लोगों से दोस्ती करता और फिर उनके मोबाइल, लैपटॉप, कार्ड और कैश लेकर उड़ जाता। पुलिस की नाक में उसने इस कदर नाक में दम कर दिया था कि उसकी मूवमेंट ट्रैक करने के लिए कई राज्यों की पुलिस ने एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बना डाला था।
सामान चुराता फिर वापस भेज देता कुरापति अजय का लोगों को चूना लगाने का स्टाइल बिल्कुल ही अलग था। वो पहले लोगों के मोबाइल, लैपटॉप, डेबिट-क्रेडिट कार्ड चुराता, फिर उनका इस्तेमाल करके कूरियर से वापस उनके पते पर भेज देता। पुलिस भी मानती है कि वो कुछ नया करने में माहिर था। हर चोरी के बाद वो अपनी सिम और आधार कार्ड बदल देता था। वो कई फोन इस्तेमाल करता था और फर्जी नामों से सिम चलाता था। पुलिस के मुताबिक उसे मोबाइल चोरी में कोई दिलचस्पी नहीं थी। वो सिर्फ OTP के लिए उन्हें चुराता था। इसके जरिए वो फ्लाइट, होटल के कमरे बुक किया करता था।
पश्चिम बंगाल के शख्स को लगाया 50 लाख चूना कई राज्यों में लोगों को चूना लगाने के बाद कुरापति अजय ने जुलाई में पश्चिम बंगाल का रुख किया। 29 जुलाई को बिधाननगर थाने में एक केस दर्ज हुआ। विनय कुमार नाम के शख्स का मोबाइल, लैपटॉप और वॉलेट उनके गेस्टहाउस से चोरी हो गया। इस गेस्ट हाउस में अजय भी रुका हुआ था। बाद में पता चला कि अजय ने क्रेडिट कार्ड से 5 लाख रुपये का सोना खरीद डाला और डेबिट कार्ड से एक मोबाइल फोन खरीदा। उसने विनय को 50 लाख रुपये का चूना लगाया।
15-15 आई फोन पिछले रविवार को उसे गिरफ्तार किया गया। दरअसल पुलिस को सूचना मिली कि वो केरल में है। स्थानीय पुलिस की मदद से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से ढेर सारे आधार कार्ड, सिम कार्ड और डिजिटल डिवाइस मिले। जांचकर्ताओं की मानें तो उसके पास से करीब 15 लाख रुपये की कीमत के 15 आई फोन और 38 सिम कार्ड भी बरामद हुए हैं।
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