बड़वानीः मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के राजपुर अनु विभाग से चौंकाने वाला मामला सामने आया। यहां अज्ञात जानवर के हमले से प्रभावित चार लोगों की मृत्यु हो गई है। यह हमला 5 मई की सुबह लिम्बई और सनगांव ग्राम में हुआ था। शुक्रवार के दिन मुआवजे की राशि को लेकर ग्रामीणों ने राजपुर आकर प्रदर्शन किया। उनके प्रदर्शन से ही इस बात का खुलासा हुआ की चार लोगों की मौत हो गई है।
राजपुर के एसडीएम जितेंद्र पटेल ने बताया कि 5 मई की तड़के घर के बाहर सो रहे 18 लोगों को अज्ञात जानवर ने काटा था। इसमें दो महिलाओं और दो पुरुषों की मृत्यु हो गई है। उन्होंने बताया कि जानवर ने ग्राम लिंबई के 14 और सनगांव के चार लोगों को काटा था।
ग्रामीणों ने नहीं दी मौत की जानकारी
एसडीएम ने बताया कि ग्रामीणों ने तीन लोगों की मृत्यु के बारे में प्रशासन को सूचना नहीं दी थी। इसलिए उनका पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। जबकि गुरुवार को जिला अस्पताल में भर्ती एक महिला की मृत्यु के बाद उसका पोस्टमार्टम कराया गया है। साथ ही बॉडी पार्ट्स को सुरक्षित रख जांच के लिए भेजा गया है।
एसडीएम ने बताया कि तीन लोगों की मृत्यु के बाद जिला कलेक्टर गुंचा सनोबर के निर्देश पर शेष प्रभावितों को भी जिला अस्पताल बुलवाकर उनको भर्ती करवाया था। तीन दिन भर्ती रहने के बाद वे डिस्चार्ज कर दिए गये। उन्होंने बताया कि मृतक और घायल सभी को रेबीज के तीन-तीन डोज लग चुके थे।
क्या बोले वन मंडल अधिकारी
बड़वानी के वन मंडलाधिकारी आशीष बंसोड़ ने बताया कि जानवर के मूवमेंट और काटने के पैटर्न से यह लगता है कि यह रैबीज से प्रभावित कुत्ता था। ग्रामीणों को विभिन्न हिंसक वन्यजीवों के फोटो और वीडियो दिखाये गये लेकिन वे लोग पहचान नहीं कर पाए। ग्रामीणों ने अज्ञात जानवर को कुत्ते जैसा ही बताया था। उन्होंने बताया कि दोनों ग्राम वन क्षेत्र से करीब 6 किलोमीटर दूर है। वन विभाग की टीम ने पिंजरा भी लगाया था और लगातार गश्त जारी है।
अज्ञात जानवर ने ली 4 की जान
राजपुर के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ देवेंद्र रोमडे ने बताया कि 5 में की सुबह तीन लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शेष 15 का राजपुर में ही इलाज किया गया था। जिला अस्पताल में भर्ती तीनों लोगों को डिस्चार्ज कर दिया गया था। लेकिन लिम्बई की रायली बाई (70) और सुरसिंह (60) की 23 मई को मृत्यु हो गई। यहीं के मंशाराम ने 24 मई को ने दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि इन तीनों मृत्यु की जानकारी ग्रामीणों ने प्रशासन अथवा अन्य किसी शासकीय अमले को नहीं दी। जिसके चलते उनका पोस्टमार्टम नहीं हो पाया।
मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि 28 मई को सड़ई बाई (60 साल) ने जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया। वह भी अज्ञात जानवर के काटे जाने से प्रभावित थी। लेकिन उसे हृदय की भी तकलीफ थी। उन्होंने बताया कि अज्ञात जानवर के काटे जाने के चलते लिम्बई में एक बछड़े की भी मौत हुई है।
ग्रामीणों ने की मुआवजे की मांग
उधर चार मौतों से आक्रोशित ग्रामीणों ने आज वन परिक्षेत्र कार्यालय राजपुर में आकर प्रदर्शन किया, और ज्ञापन सौंप कर मुआवजे की मांग की। जिला कलेक्टर गुंचा सनोबर ने मौतों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। साथ ही कहा कि मृतकों के परिवारों को शासन से नियमानुसार मुआवजा दिया जा रहा है। इसके अलावा शेष प्रभावितों के ऊपर पूरी नजर रख उनका उपचार कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि वन विभाग को लगातार गश्त जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
राजपुर के एसडीएम जितेंद्र पटेल ने बताया कि 5 मई की तड़के घर के बाहर सो रहे 18 लोगों को अज्ञात जानवर ने काटा था। इसमें दो महिलाओं और दो पुरुषों की मृत्यु हो गई है। उन्होंने बताया कि जानवर ने ग्राम लिंबई के 14 और सनगांव के चार लोगों को काटा था।
ग्रामीणों ने नहीं दी मौत की जानकारी
एसडीएम ने बताया कि ग्रामीणों ने तीन लोगों की मृत्यु के बारे में प्रशासन को सूचना नहीं दी थी। इसलिए उनका पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। जबकि गुरुवार को जिला अस्पताल में भर्ती एक महिला की मृत्यु के बाद उसका पोस्टमार्टम कराया गया है। साथ ही बॉडी पार्ट्स को सुरक्षित रख जांच के लिए भेजा गया है।
एसडीएम ने बताया कि तीन लोगों की मृत्यु के बाद जिला कलेक्टर गुंचा सनोबर के निर्देश पर शेष प्रभावितों को भी जिला अस्पताल बुलवाकर उनको भर्ती करवाया था। तीन दिन भर्ती रहने के बाद वे डिस्चार्ज कर दिए गये। उन्होंने बताया कि मृतक और घायल सभी को रेबीज के तीन-तीन डोज लग चुके थे।
क्या बोले वन मंडल अधिकारी
बड़वानी के वन मंडलाधिकारी आशीष बंसोड़ ने बताया कि जानवर के मूवमेंट और काटने के पैटर्न से यह लगता है कि यह रैबीज से प्रभावित कुत्ता था। ग्रामीणों को विभिन्न हिंसक वन्यजीवों के फोटो और वीडियो दिखाये गये लेकिन वे लोग पहचान नहीं कर पाए। ग्रामीणों ने अज्ञात जानवर को कुत्ते जैसा ही बताया था। उन्होंने बताया कि दोनों ग्राम वन क्षेत्र से करीब 6 किलोमीटर दूर है। वन विभाग की टीम ने पिंजरा भी लगाया था और लगातार गश्त जारी है।
अज्ञात जानवर ने ली 4 की जान
राजपुर के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ देवेंद्र रोमडे ने बताया कि 5 में की सुबह तीन लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शेष 15 का राजपुर में ही इलाज किया गया था। जिला अस्पताल में भर्ती तीनों लोगों को डिस्चार्ज कर दिया गया था। लेकिन लिम्बई की रायली बाई (70) और सुरसिंह (60) की 23 मई को मृत्यु हो गई। यहीं के मंशाराम ने 24 मई को ने दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि इन तीनों मृत्यु की जानकारी ग्रामीणों ने प्रशासन अथवा अन्य किसी शासकीय अमले को नहीं दी। जिसके चलते उनका पोस्टमार्टम नहीं हो पाया।
मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि 28 मई को सड़ई बाई (60 साल) ने जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया। वह भी अज्ञात जानवर के काटे जाने से प्रभावित थी। लेकिन उसे हृदय की भी तकलीफ थी। उन्होंने बताया कि अज्ञात जानवर के काटे जाने के चलते लिम्बई में एक बछड़े की भी मौत हुई है।
ग्रामीणों ने की मुआवजे की मांग
उधर चार मौतों से आक्रोशित ग्रामीणों ने आज वन परिक्षेत्र कार्यालय राजपुर में आकर प्रदर्शन किया, और ज्ञापन सौंप कर मुआवजे की मांग की। जिला कलेक्टर गुंचा सनोबर ने मौतों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। साथ ही कहा कि मृतकों के परिवारों को शासन से नियमानुसार मुआवजा दिया जा रहा है। इसके अलावा शेष प्रभावितों के ऊपर पूरी नजर रख उनका उपचार कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि वन विभाग को लगातार गश्त जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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