नई दिल्ली: भारत, दक्षिण पूर्व एशिया और दक्षिणी चीन के जंगलों में उसका राज चलता है। वो जन्मजात हत्यारा है, बेहद ताकतवर है, खूंखार है और उसका जहर भारी भरकम शरीर वाले एक हाथी को भी, कुछ ही पलों में मौत की नींद सुला सकता है। बात हो रही है ओफियोफैगस हन्ना किंग कोबरा की, जिसकी ताकत, तेज दिमाग और खौफ की वजह से, उसे 'किंग' का खिताब मिला हुआ है। किंग कोबरा दुनिया का सबसे लंबा जहरीला सांप है, जिसकी लंबाई 18 फीट तक होती है। इस सांप के अंदर ऐसी 6 खासियत हैं, जो उसे बाकी सांपों से अलग और जंगल में 'किंग' बनाती हैं।
1:- दूसरे सांपों को बनाता है निवालाजंगल में बाकी कोबरा जहां, चूहों या मेंढकों को खाकर अपना पेट भरते हैं। वहीं, किंग कोबरा अकेला ऐसा सांप है जो दूसरे सांपों को मारकर खाता है। चाहे अन्य प्रजाति के कोबरा हों या करैत सांप, किंग कोबरा किसी को नहीं बख्शता। सांपों को खाने की वजह से ही इस सांप को वैज्ञानिक नाम ओफियोफैगस दिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ है 'सांप-भक्षक'। ये ऐसा सांप है, जो अपने ही रिश्तेदारों को मारकर खा जाता है और उनके ऊपर राज करता है।
2:- जहर की घातक शक्तिसांपों के बीच किंग कोबरा का जहर सबसे घातक नहीं है। लेकिन, एक बार के काटने में ही यह इतना ज्यादा जहर छोड़ता है कि इसके शिकार का बचना मुश्किल हो जाता है। पूरी तरह से विकसित हो चुका एक किंग कोबरा किसी को काटने पर 7 मिलीलीटर तक जहर छोड़ता है। ये मात्रा इतनी ज्यादा है कि इलाज ना मिलने पर एक हाथी या कई वयस्क मनुष्यों को मारने के लिए काफी है। किंग कोबरा का जहर न्यूरोटॉक्सिक भी है, जो तंत्रिका तंत्र पर वार करता है, जिससे इंसान को लकवा तक मार सकता है।
3:- तेज दिमाग वाला सांपकिंग कोबरा की एक और खूबी है, जो इसे बाकी सांपों से अलग बनाती है और वो है इसका तेज दिमाग। बाकी सांप जहां अपनी स्वाभाविक प्रकृति के आधार पर व्यवहार करते हैं, वहीं किंग कोबरा ने इनसे अलग और एडवांस व्यवहार के संकेत दिए हैं। किंग कोबरा शिकार करते समय एक खास रणनीति बनाकर हमला करता है। वहीं, गैरजरूरी लड़ाई, खासकर मनुष्यों के साथ लड़ने से वह बचता है।
4:- घोंसलों का रक्षकमादा किंग कोबरा में ममता से भरा एक अलग व्यवहार होता है। यह छोटे पौधों और पत्तियों से अपना घोंसला बनाती है और इसके अंदर अंडे देती है। अंडे देने के बाद वह ज्यादातर अपने घोंसले के पास ही रहती है और जब तक अंडों से बच्चे बाहर नहीं निकल जाते, इनकी रक्षा करती है। यही व्यवहार इन्हें बाकी सांपों से अलग बनाता है। किंग कोबरा एकमात्र इस तरह का सांप है, जो घोंसले बनाने के बाद उनकी रक्षा भी करते हैं।
5:- मिला सकता है आंख से आंखखतरा महसूस होने पर किंग कोबरा अपने शरीर के एक तिहाई हिस्से को लंबवत हवा में खड़ा करने और अपने फन को फैलाने की क्षमता रखते हैं। इस खासियत से 15 फीट लंबा यह सांप लगभग 5 फीट तक लंबा खड़ा हो सकता है। यह ऊंचाई इतनी है कि किंग कोबरा किसी इंसान की आंखों में आंखें डालकर देख सकता है।
6:- जंगल में गूंजती गुर्राहटकिंग कोबरा की ताकत का एक और अहम हिस्सा है उसकी फुफकार। किसी भी दूसरे सांप की तुलना में, इनकी फुफकार कहीं ज्यादा भयानक होती है। किंग कोबरा की फुफकार इतनी तेज और गुंजयमान होती है कि इसे गुर्राहट कहना गलत नहीं होगा। कुदरत से किंग कोबरा को मिली यह अद्भुत शक्ति है।
1:- दूसरे सांपों को बनाता है निवालाजंगल में बाकी कोबरा जहां, चूहों या मेंढकों को खाकर अपना पेट भरते हैं। वहीं, किंग कोबरा अकेला ऐसा सांप है जो दूसरे सांपों को मारकर खाता है। चाहे अन्य प्रजाति के कोबरा हों या करैत सांप, किंग कोबरा किसी को नहीं बख्शता। सांपों को खाने की वजह से ही इस सांप को वैज्ञानिक नाम ओफियोफैगस दिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ है 'सांप-भक्षक'। ये ऐसा सांप है, जो अपने ही रिश्तेदारों को मारकर खा जाता है और उनके ऊपर राज करता है।
2:- जहर की घातक शक्तिसांपों के बीच किंग कोबरा का जहर सबसे घातक नहीं है। लेकिन, एक बार के काटने में ही यह इतना ज्यादा जहर छोड़ता है कि इसके शिकार का बचना मुश्किल हो जाता है। पूरी तरह से विकसित हो चुका एक किंग कोबरा किसी को काटने पर 7 मिलीलीटर तक जहर छोड़ता है। ये मात्रा इतनी ज्यादा है कि इलाज ना मिलने पर एक हाथी या कई वयस्क मनुष्यों को मारने के लिए काफी है। किंग कोबरा का जहर न्यूरोटॉक्सिक भी है, जो तंत्रिका तंत्र पर वार करता है, जिससे इंसान को लकवा तक मार सकता है।
3:- तेज दिमाग वाला सांपकिंग कोबरा की एक और खूबी है, जो इसे बाकी सांपों से अलग बनाती है और वो है इसका तेज दिमाग। बाकी सांप जहां अपनी स्वाभाविक प्रकृति के आधार पर व्यवहार करते हैं, वहीं किंग कोबरा ने इनसे अलग और एडवांस व्यवहार के संकेत दिए हैं। किंग कोबरा शिकार करते समय एक खास रणनीति बनाकर हमला करता है। वहीं, गैरजरूरी लड़ाई, खासकर मनुष्यों के साथ लड़ने से वह बचता है।
4:- घोंसलों का रक्षकमादा किंग कोबरा में ममता से भरा एक अलग व्यवहार होता है। यह छोटे पौधों और पत्तियों से अपना घोंसला बनाती है और इसके अंदर अंडे देती है। अंडे देने के बाद वह ज्यादातर अपने घोंसले के पास ही रहती है और जब तक अंडों से बच्चे बाहर नहीं निकल जाते, इनकी रक्षा करती है। यही व्यवहार इन्हें बाकी सांपों से अलग बनाता है। किंग कोबरा एकमात्र इस तरह का सांप है, जो घोंसले बनाने के बाद उनकी रक्षा भी करते हैं।
5:- मिला सकता है आंख से आंखखतरा महसूस होने पर किंग कोबरा अपने शरीर के एक तिहाई हिस्से को लंबवत हवा में खड़ा करने और अपने फन को फैलाने की क्षमता रखते हैं। इस खासियत से 15 फीट लंबा यह सांप लगभग 5 फीट तक लंबा खड़ा हो सकता है। यह ऊंचाई इतनी है कि किंग कोबरा किसी इंसान की आंखों में आंखें डालकर देख सकता है।
6:- जंगल में गूंजती गुर्राहटकिंग कोबरा की ताकत का एक और अहम हिस्सा है उसकी फुफकार। किसी भी दूसरे सांप की तुलना में, इनकी फुफकार कहीं ज्यादा भयानक होती है। किंग कोबरा की फुफकार इतनी तेज और गुंजयमान होती है कि इसे गुर्राहट कहना गलत नहीं होगा। कुदरत से किंग कोबरा को मिली यह अद्भुत शक्ति है।
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