राम त्रिपाठी: दिल्ली के लाल किले से महज 200 मीटर की दूरी पर हुएधमाके की आवाज इतनी तेज थी कि कई किलोमीटर दूर तक लोगों को लगा मानो भूकंप आ गया है। दुकान, शोरूम के शीशे और खिड़कियां खड़खड़ाने लगे थे। एकदम से लोग सड़कों पर बाहर आ गए। लोग आपस में पूछने लगे, “क्या हुआ? क्या हुआ?” कुछ देर तक सिविलर फुटपाथों, सीढ़ियों, सीढ़ियों से पटने को अफवाहों के बीच पता लगा कि लाल किले के बाहर कार में ब्लास्ट हुआ है। जंगल की आग की तरह यह ख़बर फ़ैलते ही दरियागंज, चांदनी चौक, जामा मस्जिद, चावड़ी बाजार, जमुना बाजार आदि में रहने वाले लोग, दुकानदार और व्यापारियों के चेहरों पर डर दिखने लगा।
दहशत का नजारा यह था कि धमाके की सही जानकारी मिलते ही लोगों के बीच एकदम से भगदड़ मच गई। दरियागंज में शाम 7 बजे के बीच काफी भीड़ होती है। ऑटो रिक्शा वालों का जमावड़ा होता है। धमाके की जानकारी मिलते ही सभी एकदम से गाड़ियाँ स्टार्ट करके इधर उधर निकलने लगे।
पुलिस ने दिए दुकानें बंद करने के आदेश
लोगों ने बताया कि उसी समय थाना पुलिस के साथ भारी पुलिस बल का गुजरने का सिलसिला शुरू हो गया। वे दुकान बंद करने का आदेश दे रहे थे। देखते ही देखते तुरंत तरह से घबराए लोग दुकान बंद करने लग गए।
‘समझ ही नहीं आया कि आखिर हुआ क्या’?
यहां के एयरटेल शोरूम में काम करने वाले कैरेज ने बताया कि सोमवार शाम को अचानक धमाका हुआ। धमाका इतना तेज था कि जमीन हिलने लगी थी। हमें लगा कि भूकंप आया है। बाद में पता लगा कि कार में ब्लास्ट हुआ है। वहीं, नावेंद्र ने बताया कि तेज धमाके की आवाज सुनकर इलाक़े में अफ़रातफ़री मच गई थी। लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि हुआ क्या है। लाल किले के पास बम फटने के बारे में जब पता लगा तो सबके होश उड़ गए। वहीं, समेद कुमार ने कहा कि वह बुजदिल चौक दरियागंज के पास खाना खा रहे थे। धमाका इतना तेज था कि हाथ से प्लेट गिर गई। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। बम की जानकारी मिली तो सब लोग खाना छोड़कर वहां से भाग गए।
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