राजगढ़: मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों की स्थिति दयनीय है। इन स्कूलों में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। राजगढ़ जिले के शासकीय प्राथमिक विद्यालय धनिया खेड़ी की छत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। लोगों का कहना है कि सरकार यहां भी राजस्थान के झालावाड़ जैसा कांड होने का इंतजार कर रही है। इस स्कूल में करीब 43 बच्चे पढ़ते हैं।
स्कूल की बिल्डिंग की छत बारिश के कारण झूल गई है। इतना ही नहीं छत से लगातार गिट्टी और मैटेरियल गिर रहा है। शनिवार को भी सुबह 6 से बड़ी मात्रा में मलबा गिरा। गनीमत रही कि वहां पर कोई बच्चा मौजूद नहीं था। बताया जा रहा है कि पिछले साल भी छत से मालवा गिरा था, लेकिन प्रशासन ने छत की मरम्मत करवा कर पल्ला झाड़ लिया था। अब हालत यह है कि लगातार छत से पानी का रिसाव होने के कारण छत कमजोर हो गई जो कभी भी गिर सकती है। पानी टपकने से बचने के लिए शिक्षा विभाग ने छत को प्लास्टिक से ढक दिया है।
राजस्थान जैसा कांड होने का डर
छत से मलबा गिरने के कारण अब ग्रामीणों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना भी बंद कर दिया है। उन्हें डर है कि राजस्थान के झालावाड़ जैसा कांड यहां भी न हो जाए। बताया जा रहा है कि ब्यावरा के शासकीय प्राथमिक विद्यालय धनियाखेड़ी की छत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। ऐसे छत को प्लास्टिक से ढक दिया गया है। जबकि नीचे से लगातार छत का मालवा गिर रहा है। जिससे बड़े हादसे का खतरा बना हुआ है।
10 स्कूलों की सूची हुई प्राप्त
ब्यावरा एसडीएम गीतांजलि शर्मा ने बताया कि जर्जर स्कूलों में क्लास नहीं लगाने को लेकर पूर्व में ही अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। वहीं जहां पर स्थिति ज्यादा गंभीर है। वहां दूसरी जगह पर स्कूल लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
स्कूल की बिल्डिंग की छत बारिश के कारण झूल गई है। इतना ही नहीं छत से लगातार गिट्टी और मैटेरियल गिर रहा है। शनिवार को भी सुबह 6 से बड़ी मात्रा में मलबा गिरा। गनीमत रही कि वहां पर कोई बच्चा मौजूद नहीं था। बताया जा रहा है कि पिछले साल भी छत से मालवा गिरा था, लेकिन प्रशासन ने छत की मरम्मत करवा कर पल्ला झाड़ लिया था। अब हालत यह है कि लगातार छत से पानी का रिसाव होने के कारण छत कमजोर हो गई जो कभी भी गिर सकती है। पानी टपकने से बचने के लिए शिक्षा विभाग ने छत को प्लास्टिक से ढक दिया है।
राजस्थान जैसा कांड होने का डर
छत से मलबा गिरने के कारण अब ग्रामीणों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना भी बंद कर दिया है। उन्हें डर है कि राजस्थान के झालावाड़ जैसा कांड यहां भी न हो जाए। बताया जा रहा है कि ब्यावरा के शासकीय प्राथमिक विद्यालय धनियाखेड़ी की छत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। ऐसे छत को प्लास्टिक से ढक दिया गया है। जबकि नीचे से लगातार छत का मालवा गिर रहा है। जिससे बड़े हादसे का खतरा बना हुआ है।
10 स्कूलों की सूची हुई प्राप्त
ब्यावरा एसडीएम गीतांजलि शर्मा ने बताया कि जर्जर स्कूलों में क्लास नहीं लगाने को लेकर पूर्व में ही अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। वहीं जहां पर स्थिति ज्यादा गंभीर है। वहां दूसरी जगह पर स्कूल लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
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