Next Story
Newszop

चीनी सेना के 98 साल... 3300 विमान, 700 युद्धपोत, 20 लाख सैनिक, PLA बनी दुनिया की सबसे शक्तिशाली फोर्स, दहशत में पड़ोसी

Send Push
बीजिंग: चीन की सेना पीएलए के गठन के 98 साल हो चुके हैं। चीन के रक्षा मंत्री डोंग जून ने इस मौके पर गुरुवार को कहा कि चीन की सेना वैश्विक जोखिमों और चुनौतियों से निपटने और स्थायी शांति, सार्वभौमिक सुरक्षा और साझा समृद्धि वाली दुनिया के निर्माण में मदद करने के लिए, अन्य देशों के सशस्त्र बलों के साथ मिलकर काम करने को तैयार है। उन्होंने यह टिप्पणी शुक्रवार को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की स्थापना की 98वीं वर्षगांठ के मौके पर बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय की तरफ से आयोजित एक स्वागत समारोह में की। इस मौके पर उन्होंने एक बार फिर ताइवान को कुचलने की कसम खाई है। पिछले 98 सालों में चीन ने अपनी सेना को प्रमुख वैश्विक ताकत बना दिया है और अब चीन, दुनिया की सबसे शक्तिशाली नौसेना का संचालन करता है।



दुनिया में अब चीन की सेना टॉप-5 सबसे शक्तिशाली सेना में शुमार हो चुकी है। ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स-2025 के मुताबिक दुनिया के 145 देशों में चीन की सेना अब तीसरे नंबर पर है। लेकिन कई रिपोर्ट्स में दावा किया है कि चीन, अब रूस को पीछे छोड़कर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति का निर्माण कर चुका है। इस इंडेक्स में भारत को चीन के बाद चौथे नंबर पर रखा गया है। चीन का रक्षा बजट लगभग 267 अरब डॉलर (कुछ अनुमानों में $314 अरब से भी ज्यादा) माना जाता है, जबकि भारत का बजट लगभग 75 अरब डॉलर है। चीन की सेना को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानि PLA कहा जाता है, जिसकी अलग-अलग शाखाएं जैसे पीएलए ग्राउंड फोर्स, पीएलए एयरफोर्स (PLAAF) और पीएलए नेवी यानि PLAN है।



चीन की थल सेना के पास कितनी शक्ति है?

चीन की थल सेना के पास करीब 20 से 22 लाख एक्टिव जवान होने की संभावना है, इसके अलावा चीन, दुनिया की सबसे बड़ी थल शक्ति रखता है, जिसमें रिकॉर्ड संख्या में टैंक, आर्टिलरी और भारी बख्तरबंद ब्रिगेड शामिल हैं। इसके अलावा चीन, लगातार अपनी सैन्य शक्ति को विस्तार दे रहा है। ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स के मुताबिक चीन के पास 6800 टैंक हैं, जिनमें 5440 एक्टिव हैं। 3490 टैंक हैं और 2750 रॉकेट आर्टिलरी है। चीन लगातार अपनी जमीनी ताकत को स्वदेशी टेक्नोलॉजी और रोबोटिक/AI क्षमताओं से लैस कर रहा है। इसके अलावा, चीनी सेना ने पिछले कुछ वर्षों में तेजी से रीस्ट्रक्चरिंग करते हुए पारंपरिक भारी बटालियनों को ज्यादा तेज-तर्रार ब्रिगेड आधारित ढांचे में बदला है, ताकि किसी भी सीमावर्ती संघर्ष में तेजी से कार्रवाई की जा सके।

image

चीन की वायु सेना के पास कितनी शक्ति है?

चीनी एयरफोर्स के पास करीब 3,300 सैन्य विमान हैं, जिसमें लड़ाकू विमान, परिवहन विमान, हेलिकॉप्टर और विशेष मिशन एयरक्राफ्ट शामिल हैं। चीन ने अपनी वायुसेना को लगातार एडवांस किया है और अब वो छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान J-36 बनाने में भी जुट गया है। चीन के पास अब स्वदेशी J-10 जैसे 4.5 जेनरेशन के लड़ाकू विमान हैं, जबकि उसके पास दो तरह के पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट J-20 और J-35 हैं। हालांकि चीन के पास अत्याधुनिक फ्लीट है, फिर भी तिब्बत और लद्दाख जैसे उच्च पर्वतीय इलाकों में इसकी तैनाती सीमित है क्योंकि वहां के एयरबेस लॉजिस्टिक रूप से चुनौतिपूर्ण हैं। यह एक ऐसा पहलू है जहां भारतीय वायुसेना को रणनीतिक बढ़त मिलती है। इसके अलावा चीन ने अपनी वायुसेना को स्पेस वॉरफेयर और नेटवर्क सेंन्टिग युद्ध क्षमता से इंटीग्रेट किया है, जिससे उसकी क्षमता काफी बढ़ गई है। एयर डिफेंस सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर ने भी चीन की सेना को काफी एडवांस बना दिया है।



चीन की नौसेना के पास कितनी शक्ति है?

चीन की नौसेना अब दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना मानी जाती है। ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स के मुताबिक चीन की नौसेना के पास जहाजों की कुल संख्या के आधार पर उसने अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है। चीन के पास करीब 730 युद्धपोत हैं, जिनमें 3 एयरक्राफ्ट कैरियर्स, 61 पनडुब्बियां, दर्जनों डेस्ट्रॉयर और फ्रिगेट्स शामिल हैं। चीन लगातार अपने नेवी को ब्लू वॉटर नेवी यानी विश्वभर में ऑपेशन के लिए सक्षम बना रही है। चीन ने कुल 6 एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने का लक्ष्य रखा है, जिनमें से 3 अब ऑपरेशनल हैं और एक का निर्माण हो रहा है। चीन, दक्षिण चीन सागर से लेकर हिंद महासागर क्षेत्र तक अपनी शक्ति का विस्तार कर रहा है। चीन के पास अब 65 से ज्यादा पनडुब्बियां हैं, जिनमें से 12 पनडुब्बियां परमाणु ऊर्जा से चलने वाली है। भारत की तरह चीन भी न्यूक्लिर ट्रायड फोर्स रखता है। यानि वो हवाई जहाज, जमीनी मिसाइल और अपनी नौसेना की ताकत से परमाणु युद्ध लड़ सकता है।

Loving Newspoint? Download the app now