लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से इंसानियत और ईमानदारी दोनों को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। जिंदा पति का फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाकर इंश्योरेंस पॉलिसी के 25 लाख रुपये हड़पने वाले दंपती को हजरतगंज पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी महिला ने बीमा कंपनी को धोखा देकर रकम अपने खाते में ट्रांसफर करा ली थी। मामला साामने आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। अब कार्रवाई हुई तो मामले को जानकर हर कोई हैरान रह गया।
फर्जी प्रमाणपत्र से ड्रामाएसीपी हजरतगंज विकास कुमार जायसवाल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी रायबरेली के रातापुर प्रगतिपुरम कॉलोनी निवासी रवि शंकर और उसकी पत्नी केश कुमारी हैं। दोनों फिलहाल लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित जानकीपुरम सेक्टर-एफ में रह रहे थे। रवि शंकर एक निजी कंपनी में कलेक्शन एजेंट के रूप में काम करता है। मामला तब उजागर हुआ जब अवीवा इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के सीनियर एग्जीक्यूटिव संदीप मधुकर ने हजरतगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई।
सीनियर एग्जीक्यूटिव के मुताबिक, रवि शंकर ने 5 दिसंबर 2012 को कंपनी से 25 लाख रुपये की पॉलिसी कराई थी। लेकिन, 21 अप्रैल 2023 को उसकी पत्नी केश कुमारी ने दावा किया कि उसके पति की 9 अप्रैल 2023 को मौत हो गई। उसने बीमा क्लेम के लिए आवेदन कर दिया।
चार दिन में ट्रांसफर हुए रुपयेबीमा कंपनी ने महिला की ओर से दिए गए सभी दस्तावेजों, जिसमें मृत्यु प्रमाणपत्र भी शामिल था, को जांचे बिना चार दिन के भीतर उसके खाते में 25 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। लेकिन कुछ महीनों बाद, यानी 2024 में कंपनी को पता चला कि पॉलिसीधारक रवि शंकर जीवित है। कंपनी ने जब मृत्यु प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों की जांच कराई तो खुलासा हुआ कि सभी कागजात फर्जी थे। इस पूरे खेल के पीछे रवि शंकर और उसकी पत्नी की मिलीभगत थी।
हजरतगंज पुलिस ने किया खुलासामामले की जांच का जिम्मा इंस्पेक्टर विक्रम सिंह और उनकी टीम को सौंपा गया था। टीम ने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और बैंक ट्रांजेक्शन के आधार पर दंपती का लोकेशन ट्रेस किया और बुधवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया। एसीपी हजरतगंज ने बताया कि यह केवल पति-पत्नी का ही नहीं, बल्कि एक संगठित गिरोह का हिस्सा भी हो सकता है, जो फर्जी दस्तावेज बनवाकर बीमा कंपनियों को ठगने का काम करता है। पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की भी पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है।
दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अब उन अधिकारियों और एजेंटों की भी जांच कर रही है, जिन्होंने इस फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र को मान्य कर बीमा दावा पारित किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दंपती के दोषी पाए जाने पर बीमा धोखाधड़ी कानून के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।
फर्जी प्रमाणपत्र से ड्रामाएसीपी हजरतगंज विकास कुमार जायसवाल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी रायबरेली के रातापुर प्रगतिपुरम कॉलोनी निवासी रवि शंकर और उसकी पत्नी केश कुमारी हैं। दोनों फिलहाल लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित जानकीपुरम सेक्टर-एफ में रह रहे थे। रवि शंकर एक निजी कंपनी में कलेक्शन एजेंट के रूप में काम करता है। मामला तब उजागर हुआ जब अवीवा इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के सीनियर एग्जीक्यूटिव संदीप मधुकर ने हजरतगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई।
सीनियर एग्जीक्यूटिव के मुताबिक, रवि शंकर ने 5 दिसंबर 2012 को कंपनी से 25 लाख रुपये की पॉलिसी कराई थी। लेकिन, 21 अप्रैल 2023 को उसकी पत्नी केश कुमारी ने दावा किया कि उसके पति की 9 अप्रैल 2023 को मौत हो गई। उसने बीमा क्लेम के लिए आवेदन कर दिया।
चार दिन में ट्रांसफर हुए रुपयेबीमा कंपनी ने महिला की ओर से दिए गए सभी दस्तावेजों, जिसमें मृत्यु प्रमाणपत्र भी शामिल था, को जांचे बिना चार दिन के भीतर उसके खाते में 25 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। लेकिन कुछ महीनों बाद, यानी 2024 में कंपनी को पता चला कि पॉलिसीधारक रवि शंकर जीवित है। कंपनी ने जब मृत्यु प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों की जांच कराई तो खुलासा हुआ कि सभी कागजात फर्जी थे। इस पूरे खेल के पीछे रवि शंकर और उसकी पत्नी की मिलीभगत थी।
हजरतगंज पुलिस ने किया खुलासामामले की जांच का जिम्मा इंस्पेक्टर विक्रम सिंह और उनकी टीम को सौंपा गया था। टीम ने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और बैंक ट्रांजेक्शन के आधार पर दंपती का लोकेशन ट्रेस किया और बुधवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया। एसीपी हजरतगंज ने बताया कि यह केवल पति-पत्नी का ही नहीं, बल्कि एक संगठित गिरोह का हिस्सा भी हो सकता है, जो फर्जी दस्तावेज बनवाकर बीमा कंपनियों को ठगने का काम करता है। पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की भी पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है।
दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अब उन अधिकारियों और एजेंटों की भी जांच कर रही है, जिन्होंने इस फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र को मान्य कर बीमा दावा पारित किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दंपती के दोषी पाए जाने पर बीमा धोखाधड़ी कानून के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।
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