अंधेरी: अंधेरी (पूर्व) में रहने वाले 65 वर्षीय एक बुजुर्ग कारोबारी फेसबुक पर अनजान लेकिन खूबसूरत महिला का फोटो और उसका आकर्षक प्रोफाइल देखकर ‘हनी ट्रैप’ का शिकार हो गया। महिला ने खुद का नाम ‘सुप्रिता शर्मा’ बताया और आकर्षक फर्जी प्रोफाइल बनाकर कारोबारी से 52 लाख ठग लिया। इसके साथ ही बिटकॉइन में निवेश का लालच भी दिया था।
एफआईआर के अनुसार, आरोपी महिला यानी कथित ‘सुप्रिता शर्मा’ ने खुद को हांगकांग स्थित एक नामचीन टेक कंपनी की पदाधिकारी बताया था। जून में सुप्रिता ने कारोबारी को फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। प्रोफाइल में उसकी खूबसूरत तस्वीरें लगी थी और प्रोफाइल भी आकर्षक था। इसलिए कारोबारी उसके प्रभावशाली व्यक्तित्व से आकर्षित हो गया और फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली। इसके बाद कारोबारी और सुप्रिता के बीच दोस्ती हो गई जो कुछ ही दिनों में कारोबार तक जा पहुंची। सुप्रिता ने कारोबारी को बिटकॉइन में निवेश और भारी मुनाफे का दावा किया।
पैसा वसूलने के बाद महिला गायब
पुलिस के मुताबिक, चूंकि सुप्रिता ने बातीचत के दौरान कारोबारी का विश्वास जीत लिया था। इसलिए उसने बिटकॉइन में निवेश के लिए उसको राजी कर लिया और किस्तों में कारोबारी से 52 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिया। इसके बाद, वह अचानक कारोबारी से सभी संपर्क तोड़ कर गायब हो गई। पीड़ित कारोबारी का दावा है कि कई दफा कॉल और मैसेज, मेल करने के ब बाद भी जब सुप्रिता ने कोई जबाव नहीं दिया तो उसे ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद उसने अंधेरी पुलिस का रुख किया। साइबर एक्सपर्ट्स की मदद से अंधेरी पुलिस आरोपी महिला का लोकेशन और डिजिटल ट्रांजेक्शन का पता लगाने की कोशिश कर केस की जांच कर रही है।
क्या होता है हनी ट्रैप
हनी ट्रैप, जिसे हनीपॉट भी कहा जाता है, अपराधियों द्वारा अपनाए जाने वाला एक खास रणनीति है जिसका उपयोग जासूसी, खुफिया जानकारी और अन्य गुप्त अभियानों की जानकारी निकालने के लिए किया जाता है। इसमें अक्सर खूबसूरत लड़कियों (महिलाओं) का इस्तेमाल किया जाता है, जो अपने आकर्षण और हुस्न के जाल में टारगेट शख्स को फंसा लेती हैं। फिर, निजी फोटो, विडियो या मैसेज के जरिए ब्लैकमेल कर खुफिया जानकारी या पैसों की मांग करती हैं। हनी ट्रैप का उपयोग ब्लैकमेल, किसी पर नियंत्रण रखने और साइबर अपराध को भी अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
हनी ट्रैप से कैसे बचें
-हनी ट्रैप केसों में अधिकतर महिलाएं ही वारदात को अंजाम देती हैं। इसलिए अनजान महिलाओं से दोस्ती करने से बचें।
-अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे अपना नाम, पता, फोन नंबर और वित्तीय जानकारी ऑनलाइन साझा करने से बचना चाहिए।
-केवल विश्वसनीय व्यक्तियों के साथ ही गोपनीय जानकारी साझा करना चाहिए। अपरिचित व्यक्तियों के साथ व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें।
-अजीबो-गरीब व्यवहार, पैसों की मांग या संदेहजनक प्रस्ताव रखने वाली महिलाओं से सावधान रहें।
-संदिग्ध गतिविधि का अहसास होते ही नजदीकी पुलिस या साइबर सेल या फिर 100\1930 पर कॉल कर मदद मांगे।
एफआईआर के अनुसार, आरोपी महिला यानी कथित ‘सुप्रिता शर्मा’ ने खुद को हांगकांग स्थित एक नामचीन टेक कंपनी की पदाधिकारी बताया था। जून में सुप्रिता ने कारोबारी को फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। प्रोफाइल में उसकी खूबसूरत तस्वीरें लगी थी और प्रोफाइल भी आकर्षक था। इसलिए कारोबारी उसके प्रभावशाली व्यक्तित्व से आकर्षित हो गया और फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली। इसके बाद कारोबारी और सुप्रिता के बीच दोस्ती हो गई जो कुछ ही दिनों में कारोबार तक जा पहुंची। सुप्रिता ने कारोबारी को बिटकॉइन में निवेश और भारी मुनाफे का दावा किया।
पैसा वसूलने के बाद महिला गायब
पुलिस के मुताबिक, चूंकि सुप्रिता ने बातीचत के दौरान कारोबारी का विश्वास जीत लिया था। इसलिए उसने बिटकॉइन में निवेश के लिए उसको राजी कर लिया और किस्तों में कारोबारी से 52 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिया। इसके बाद, वह अचानक कारोबारी से सभी संपर्क तोड़ कर गायब हो गई। पीड़ित कारोबारी का दावा है कि कई दफा कॉल और मैसेज, मेल करने के ब बाद भी जब सुप्रिता ने कोई जबाव नहीं दिया तो उसे ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद उसने अंधेरी पुलिस का रुख किया। साइबर एक्सपर्ट्स की मदद से अंधेरी पुलिस आरोपी महिला का लोकेशन और डिजिटल ट्रांजेक्शन का पता लगाने की कोशिश कर केस की जांच कर रही है।
क्या होता है हनी ट्रैप
हनी ट्रैप, जिसे हनीपॉट भी कहा जाता है, अपराधियों द्वारा अपनाए जाने वाला एक खास रणनीति है जिसका उपयोग जासूसी, खुफिया जानकारी और अन्य गुप्त अभियानों की जानकारी निकालने के लिए किया जाता है। इसमें अक्सर खूबसूरत लड़कियों (महिलाओं) का इस्तेमाल किया जाता है, जो अपने आकर्षण और हुस्न के जाल में टारगेट शख्स को फंसा लेती हैं। फिर, निजी फोटो, विडियो या मैसेज के जरिए ब्लैकमेल कर खुफिया जानकारी या पैसों की मांग करती हैं। हनी ट्रैप का उपयोग ब्लैकमेल, किसी पर नियंत्रण रखने और साइबर अपराध को भी अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
हनी ट्रैप से कैसे बचें
-हनी ट्रैप केसों में अधिकतर महिलाएं ही वारदात को अंजाम देती हैं। इसलिए अनजान महिलाओं से दोस्ती करने से बचें।
-अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे अपना नाम, पता, फोन नंबर और वित्तीय जानकारी ऑनलाइन साझा करने से बचना चाहिए।
-केवल विश्वसनीय व्यक्तियों के साथ ही गोपनीय जानकारी साझा करना चाहिए। अपरिचित व्यक्तियों के साथ व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें।
-अजीबो-गरीब व्यवहार, पैसों की मांग या संदेहजनक प्रस्ताव रखने वाली महिलाओं से सावधान रहें।
-संदिग्ध गतिविधि का अहसास होते ही नजदीकी पुलिस या साइबर सेल या फिर 100\1930 पर कॉल कर मदद मांगे।
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