द्रास (करगिल)। इंडियन आर्मी ने अपनी दो इंफ्रेंट्री ब्रिगेड को रूद्र ब्रिगेड में तब्दील कर दिया है और ये दोनों ही बॉर्डर पर तैनात हैं। सूत्रों के मुताबिक इनका वेलिडेशन चल रहा है। इन्हें बनाने की प्रक्रिया वैसे तो ऑपरेशन सिंदूर से पहले शुरू कर दी थी लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद इनमें तेजी लाई गई।
क्या है रुद्र ब्रिगेड?
करगिल वॉर मेमोरियल से आर्मी चीफ ने कहा कि रुद्र के रूप में नई ऑल आर्म्स ब्रिगेड्स का गठन किया जा रहा है। जिनमें इंफ्रेंट्री, मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री, टैंक, तोप यूनिट, स्पेशल फोर्सेस और अनमैन्ड एरियल सिस्टम जैसे फाइटिंग कंपोनेंट को एक साथ मिलाया गया है। जिन्हें विशेष रूप से तैयार किए गए लॉजिस्टिक्स सपोर्ट और कॉम्बेट सपोर्ट मिलेगा।
IBG की तर्ज पर बयाना गया
दरअसल आर्मी में इंटीग्रेटेड बेटल ग्रुप (IBG) बनने का प्रस्ताव काफी वक्त से लंबित है। इसके प्रस्ताव में भी सभी आर्म्स को एक साथ रखकर बेटल ग्रुप तैयार करना था। अभी ये तो नहीं हो पाया है लेकिन रूद्र ब्रिगेड लगभग उसी तर्ज पर आर्मी ने तैयार की हैं। हालांकि ये IBG नहीं है क्योंकि IBG ब्रिगेड से ज्यादा बड़ी और डिविजन से छोटी होती।
IBG बनेगी या नहीं?
IBG बनाने की योजना लंबे वक्त से चल रही है, लेकिन अब तक पिक्चर साफ नहीं हुई कि ये बनेगा या नहीं। हालांकि भारतीय सेना ने अपनी दो कोर में आईबीजी की तरह ही एक्सरसाइज काफी पहले ही शुरू कर दी है। IBG के लिए गवर्नमेंट सेंग्शन लेटर यानी जीएसएल का इंतजार है। मामला अभी डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (डीएमए) के पास पेंडिंग है।
इस साल जनवरी में अपनी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने IBG से जुड़े सवाल पर कहा था कि हमने रक्षा मंत्रालय में फैसला लेने वाले सभी लोगों को प्रजेंटेशन दे दिया है। उनके कुछ सवाल थे। तब भारतीय सेना प्रमुख ने कहा था कि IBG कब बनेगी इसकी टाइमलाइन देना मुश्किल है क्योंकि जहां पर ब्यूरोक्रेसी इनवॉल्व होती है वहां वक्त लगता है। IBG या तो इसी साल बन जाएगी या फिर पूरा प्रोजेक्ट कैंसल कर देंगे।
आईबीजी के गठन से फैसले लागू करने में आएगी तेजी
सेना को ज्यादा धारदार बनाने के लिए आईबीजी का प्रस्ताव आया था। अभी तक सेना की एक कोर के अंडर डिविजन और फिर डिविजन के अंडर ब्रिगेड आती हैं। लेकिन आईबीजी में कोर से सीधे ब्रिगेड को निर्देश मिलेंगे। कहा गया कि इस नई युद्ध रणनीति में बीच की एक लेयर नहीं होगी, जिससे फैसले लेने और उसे लागू करने में तेजी आएगी।
भैरव बटालियन का भी गठन
आर्मी चीफ ने कहा कि ‘भैरव’ लाइट कमांडो बटालियन को रूप में और ज्यादा घातक स्पेशल फोर्सेस यूनिट का भी गठन किया गया है। जो बॉर्डर पर दुश्मन को चौंकाने के लिए तैयार हैं। जनरल द्विवेदी ने कहा कि इंफ्रेंट्री बटालियन में ड्रोन प्लाटून, आर्टिलरी में दिव्यास्त्र बैटरीज और लॉइटरिंग म्युनिशन बैटरीज के जरिए मारक क्षमता को कई गुना बढ़ा दिया गया है।
क्या है रुद्र ब्रिगेड?
करगिल वॉर मेमोरियल से आर्मी चीफ ने कहा कि रुद्र के रूप में नई ऑल आर्म्स ब्रिगेड्स का गठन किया जा रहा है। जिनमें इंफ्रेंट्री, मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री, टैंक, तोप यूनिट, स्पेशल फोर्सेस और अनमैन्ड एरियल सिस्टम जैसे फाइटिंग कंपोनेंट को एक साथ मिलाया गया है। जिन्हें विशेष रूप से तैयार किए गए लॉजिस्टिक्स सपोर्ट और कॉम्बेट सपोर्ट मिलेगा।
IBG की तर्ज पर बयाना गया
दरअसल आर्मी में इंटीग्रेटेड बेटल ग्रुप (IBG) बनने का प्रस्ताव काफी वक्त से लंबित है। इसके प्रस्ताव में भी सभी आर्म्स को एक साथ रखकर बेटल ग्रुप तैयार करना था। अभी ये तो नहीं हो पाया है लेकिन रूद्र ब्रिगेड लगभग उसी तर्ज पर आर्मी ने तैयार की हैं। हालांकि ये IBG नहीं है क्योंकि IBG ब्रिगेड से ज्यादा बड़ी और डिविजन से छोटी होती।
IBG बनेगी या नहीं?
IBG बनाने की योजना लंबे वक्त से चल रही है, लेकिन अब तक पिक्चर साफ नहीं हुई कि ये बनेगा या नहीं। हालांकि भारतीय सेना ने अपनी दो कोर में आईबीजी की तरह ही एक्सरसाइज काफी पहले ही शुरू कर दी है। IBG के लिए गवर्नमेंट सेंग्शन लेटर यानी जीएसएल का इंतजार है। मामला अभी डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (डीएमए) के पास पेंडिंग है।
इस साल जनवरी में अपनी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने IBG से जुड़े सवाल पर कहा था कि हमने रक्षा मंत्रालय में फैसला लेने वाले सभी लोगों को प्रजेंटेशन दे दिया है। उनके कुछ सवाल थे। तब भारतीय सेना प्रमुख ने कहा था कि IBG कब बनेगी इसकी टाइमलाइन देना मुश्किल है क्योंकि जहां पर ब्यूरोक्रेसी इनवॉल्व होती है वहां वक्त लगता है। IBG या तो इसी साल बन जाएगी या फिर पूरा प्रोजेक्ट कैंसल कर देंगे।
आईबीजी के गठन से फैसले लागू करने में आएगी तेजी
सेना को ज्यादा धारदार बनाने के लिए आईबीजी का प्रस्ताव आया था। अभी तक सेना की एक कोर के अंडर डिविजन और फिर डिविजन के अंडर ब्रिगेड आती हैं। लेकिन आईबीजी में कोर से सीधे ब्रिगेड को निर्देश मिलेंगे। कहा गया कि इस नई युद्ध रणनीति में बीच की एक लेयर नहीं होगी, जिससे फैसले लेने और उसे लागू करने में तेजी आएगी।
भैरव बटालियन का भी गठन
आर्मी चीफ ने कहा कि ‘भैरव’ लाइट कमांडो बटालियन को रूप में और ज्यादा घातक स्पेशल फोर्सेस यूनिट का भी गठन किया गया है। जो बॉर्डर पर दुश्मन को चौंकाने के लिए तैयार हैं। जनरल द्विवेदी ने कहा कि इंफ्रेंट्री बटालियन में ड्रोन प्लाटून, आर्टिलरी में दिव्यास्त्र बैटरीज और लॉइटरिंग म्युनिशन बैटरीज के जरिए मारक क्षमता को कई गुना बढ़ा दिया गया है।
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