जबलपुर: ईसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक में 11 अगस्त को हुई डकैती में बिहार के एक गिरोह का हाथ होने का संदेह है, जहां सुबह के समय गोल्ड लोन वाली बैंक को निशाना बनाया गया और सोना व नकदी लूटी गई। इस घटना में गैंगस्टर सुबोध सिंह के गुर्गों के शामिल होने की आशंका है, पुलिस मामले की जांच कर रही है और लुटेरों की तलाश जारी है।
बिहार की गैंग का हो सकता है हाथ
इस लूट में बिहार की गैंग का हाथ हो सकता है। इस लूट का पैटर्न देश के विभिन्न राज्यों में हुई लूट जैसा ही है। वहां भी लुटेरों ने गोल्ड लोन वाली बैंकों को सुबह-सुबह टारगेट किया था। उसी अंदाज में बैंक पहुंचे और कुछ ही देर में सोना और नकदी लेकर फरार हो गए। इस वारदात में शामिल बदमाशों में से कुछ भोजपुरी बोलते सुने गए हैं। ऐसे में शक है कि इस तरह की कई लूट का मास्टरमाइंड रहा गैंगस्टर सुबोध सिंह के गुर्गों ने वारदात को अंजाम दिया होगा।
एक ही बैरक में बंद थे सुबोध गैंग के गुर्गे और रईस
कुछ दिन तक पाटन निवासी गांजा तस्कर रईस सिंह उड़ीसा की जेल से बंद था। सूत्रों का कहना है कि वह जिस बैरक में बंद था, उसमें सुबोध सिंह गैंग के गुर्गे भी थे। संभव है कि उनके साथ मिलकर उसने प्लान बनाया होगा। जब वह जेल से छूटकर आया तो उसने सबसे पहले स्थानीय गांजा सप्लायर बबलू सिंह से मुलाकात की और उसे अपने प्लान में शामिल कर लिया। बबलू भी कई बार कई बार जेल जा चुका है। अब पुलिस दोनों की तलाश में है।
लुटेरों तक पहुंचने में जुटी पुलिस और क्राइं ब्रांच
फिलहाल पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीमें लुटेरों तक पहुंचने में जुटी हुई हैं। इन 4 दिनों में कई अहम सुराग जुटाए गए हैं। कुछ संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया है। जबलपुर रेंज के आईजी प्रमोद वर्मा ने फरार बैंक डकैतों पर 30 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। घटना के अगले दिन 12 अगस्त की रात को पता चला कि जबलपुर के ग्राम इंद्राना में रहने वाले जितेंद्र झारिया के घर पर डकैतों ने किराए का कमरा लिया था। उस मकान के मालिक से पूछताछ की जा रही है, जहां 10 से 12 तक लुटेरे ठहरे हुए थे।
बिहार की गैंग का हो सकता है हाथ
इस लूट में बिहार की गैंग का हाथ हो सकता है। इस लूट का पैटर्न देश के विभिन्न राज्यों में हुई लूट जैसा ही है। वहां भी लुटेरों ने गोल्ड लोन वाली बैंकों को सुबह-सुबह टारगेट किया था। उसी अंदाज में बैंक पहुंचे और कुछ ही देर में सोना और नकदी लेकर फरार हो गए। इस वारदात में शामिल बदमाशों में से कुछ भोजपुरी बोलते सुने गए हैं। ऐसे में शक है कि इस तरह की कई लूट का मास्टरमाइंड रहा गैंगस्टर सुबोध सिंह के गुर्गों ने वारदात को अंजाम दिया होगा।
एक ही बैरक में बंद थे सुबोध गैंग के गुर्गे और रईस
कुछ दिन तक पाटन निवासी गांजा तस्कर रईस सिंह उड़ीसा की जेल से बंद था। सूत्रों का कहना है कि वह जिस बैरक में बंद था, उसमें सुबोध सिंह गैंग के गुर्गे भी थे। संभव है कि उनके साथ मिलकर उसने प्लान बनाया होगा। जब वह जेल से छूटकर आया तो उसने सबसे पहले स्थानीय गांजा सप्लायर बबलू सिंह से मुलाकात की और उसे अपने प्लान में शामिल कर लिया। बबलू भी कई बार कई बार जेल जा चुका है। अब पुलिस दोनों की तलाश में है।
लुटेरों तक पहुंचने में जुटी पुलिस और क्राइं ब्रांच
फिलहाल पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीमें लुटेरों तक पहुंचने में जुटी हुई हैं। इन 4 दिनों में कई अहम सुराग जुटाए गए हैं। कुछ संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया है। जबलपुर रेंज के आईजी प्रमोद वर्मा ने फरार बैंक डकैतों पर 30 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। घटना के अगले दिन 12 अगस्त की रात को पता चला कि जबलपुर के ग्राम इंद्राना में रहने वाले जितेंद्र झारिया के घर पर डकैतों ने किराए का कमरा लिया था। उस मकान के मालिक से पूछताछ की जा रही है, जहां 10 से 12 तक लुटेरे ठहरे हुए थे।
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