नई दिल्ली: प्रतिका रावल ने महिला विश्व कप 2025 में भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने स्मृति मंधाना के बाद सबसे ज्यादा 308 रन बनाए। हालांकि बांग्लादेश के खिलााफ मैच में फील्डिंग के दौरान उन्हें चोट लगी। इसकी वजह से सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबला नहीं खेल पाईं। उनकी जगह शेफाली टीम का हिस्सा बनीं। उन्होंने फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड जीता और भारत को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई। प्रतिका रावल का कहना है कि उन्हें भरोसा था कि शेफाली फाइनल में कमाल करेंगी। उन्होंने पीटीआई को बताया, 'शेफाली को मोटिवेशन की जरूरत नहीं है। वह अपने इंस्टिंक्ट और विश्वास के साथ खेलती है। फाइनल से पहले वह मेरे पास आई और बोली- मुझे सच में दुख है कि तुम नहीं खेल पा रही हो। मैंने उससे कहा कि कोई बात नहीं, ऐसा होता है। मुझे लग रहा था कि वह उस दिन कुछ खास करेगी।'
प्रतिका रावल ने मनोविज्ञान की पढ़ाई की है। इससे उन्हें महत्वपूर्ण मैचों से चूकने की निराशा से निपटने में मदद की। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा- मुझे यह नहीं कहना चाहिए कि मैं अभी मनोवैज्ञानिक हूं क्योंकि मैंने अपनी मास्टर्स डिग्री पूरी नहीं की है। लेकिन मनोविज्ञान की छात्रा होने के नाते, इसने मुझे मानवीय भावनाओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद की। सबसे पहले तो जो हुआ उसे स्वीकार करना होता है। आप उसे बदल नहीं सकते। एक बार जब मैंने चोट को स्वीकार कर लिया, तो मैंने केवल उसी पर ध्यान केंद्रित किया जिसे मैं नियंत्रित कर सकती थी- रिकवरी, नींद, पोषण और टीम का समर्थन।
उन्होंने आगे कहा- निराशा तो थी, लेकिन कोई हताशा नहीं। मेरे पिताजी मेरे साथ थे, मेरे कोच लगातार मुझसे पूछते रहते थे। मेरी मां और भाई हर दिन फोन करते थे। मेरा सपोर्ट सिस्टम बहुत अच्छा है। उन्होंने मुझे अकेला या निराश महसूस नहीं करने दिया।
वर्ल्ड कप जीतने की हकीकत अभी भी प्रतिका को पूरी तरह से समझ नहीं आई है। उन्होंने व्हीलचेयर पर रहते हुए ही अपनी टीम के साथ जश्न मनाया था। उन्होंने कहा, 'हमें वर्ल्ड कप जीतने की आदत डालने में बहुत समय लगेगा। यह अभी तक मेरे दिमाग में नहीं उतरा है। जब भी मैं उस ट्रॉफी को देखती हूं, तब मुझे एहसास होता है, ओह, यह सच में हो गया।'
प्रतिका को भी मेडल मिला है
प्रतिका ने अपने मेडल को लेकर चल रही उलझन को भी दूर किया। उन्होंने बताया, 'मेरे पास अब मेरा अपना मेडल है। सपोर्ट स्टाफ के एक सदस्य ने मुझे अस्थायी रूप से अपना मेडल दिया था क्योंकि मेरा समय पर नहीं पहुंचा था। किसी ने मुझे बताया कि जय सर ने मुझे एक मेडल भेजा है। मैं बहुत खुश थी, लेकिन लोगों ने ऑनलाइन इसे बहुत बड़ा मुद्दा बना दिया। इसमें थोड़ा समय लगेगा, लेकिन यह मुझे मिल जाएगा।
2024 मे डेब्यू करने वाली प्रतिका रावल का वनडे में रिकॉर्ड दमदार है। उन्होंने अभी तक 24 मैचों में 1110 रन बनाए हैं। उनका औसत 50 और स्ट्राइक रेट 83 का है। वह 2 शतक और 7 फिफ्टी ठोक चुकी हैं। प्रतिका के नाम 6 विकेट भी हैं। उनकी वजह से ही शेफाली वर्मा को टीम से बाहर बैठना पड़ा था।
प्रतिका की रिकवरी अच्छी चल रही है। उन्होंने कहा, 'मैं अब बहुत बेहतर महसूस कर रही हूं। कुछ दिनों में मेरा एक्स-रे होना है और मैं ज्यादातर काम खुद ही कर रही हूं। मैंने हल्की-फुल्की मूवमेंट भी शुरू कर दी है। जैसे ही डॉक्टर मुझे हरी झंडी देंगे, मैं फिर से बल्लेबाजी शुरू कर दूंगी। मैं वापसी करने के लिए बहुत उत्साहित हूं - मुझे बैट पकड़ना याद आता है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ टीम की मुलाकात का एक मजेदार किस्सा भी साझा किया। उन्होंने हंसते हुए कहा- उन्होंने मुझे भेल की पेशकश की क्योंकि मैं व्हीलचेयर पर थी। मुझे याद है मैंने सोचा, 'हे भगवान, यह मैंने अब तक की सबसे महंगी भेल खाई है!
प्रतिका रावल ने मनोविज्ञान की पढ़ाई की है। इससे उन्हें महत्वपूर्ण मैचों से चूकने की निराशा से निपटने में मदद की। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा- मुझे यह नहीं कहना चाहिए कि मैं अभी मनोवैज्ञानिक हूं क्योंकि मैंने अपनी मास्टर्स डिग्री पूरी नहीं की है। लेकिन मनोविज्ञान की छात्रा होने के नाते, इसने मुझे मानवीय भावनाओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद की। सबसे पहले तो जो हुआ उसे स्वीकार करना होता है। आप उसे बदल नहीं सकते। एक बार जब मैंने चोट को स्वीकार कर लिया, तो मैंने केवल उसी पर ध्यान केंद्रित किया जिसे मैं नियंत्रित कर सकती थी- रिकवरी, नींद, पोषण और टीम का समर्थन।
उन्होंने आगे कहा- निराशा तो थी, लेकिन कोई हताशा नहीं। मेरे पिताजी मेरे साथ थे, मेरे कोच लगातार मुझसे पूछते रहते थे। मेरी मां और भाई हर दिन फोन करते थे। मेरा सपोर्ट सिस्टम बहुत अच्छा है। उन्होंने मुझे अकेला या निराश महसूस नहीं करने दिया।
वर्ल्ड कप जीतने की हकीकत अभी भी प्रतिका को पूरी तरह से समझ नहीं आई है। उन्होंने व्हीलचेयर पर रहते हुए ही अपनी टीम के साथ जश्न मनाया था। उन्होंने कहा, 'हमें वर्ल्ड कप जीतने की आदत डालने में बहुत समय लगेगा। यह अभी तक मेरे दिमाग में नहीं उतरा है। जब भी मैं उस ट्रॉफी को देखती हूं, तब मुझे एहसास होता है, ओह, यह सच में हो गया।'
प्रतिका को भी मेडल मिला है
प्रतिका ने अपने मेडल को लेकर चल रही उलझन को भी दूर किया। उन्होंने बताया, 'मेरे पास अब मेरा अपना मेडल है। सपोर्ट स्टाफ के एक सदस्य ने मुझे अस्थायी रूप से अपना मेडल दिया था क्योंकि मेरा समय पर नहीं पहुंचा था। किसी ने मुझे बताया कि जय सर ने मुझे एक मेडल भेजा है। मैं बहुत खुश थी, लेकिन लोगों ने ऑनलाइन इसे बहुत बड़ा मुद्दा बना दिया। इसमें थोड़ा समय लगेगा, लेकिन यह मुझे मिल जाएगा।
2024 मे डेब्यू करने वाली प्रतिका रावल का वनडे में रिकॉर्ड दमदार है। उन्होंने अभी तक 24 मैचों में 1110 रन बनाए हैं। उनका औसत 50 और स्ट्राइक रेट 83 का है। वह 2 शतक और 7 फिफ्टी ठोक चुकी हैं। प्रतिका के नाम 6 विकेट भी हैं। उनकी वजह से ही शेफाली वर्मा को टीम से बाहर बैठना पड़ा था।
प्रतिका की रिकवरी अच्छी चल रही है। उन्होंने कहा, 'मैं अब बहुत बेहतर महसूस कर रही हूं। कुछ दिनों में मेरा एक्स-रे होना है और मैं ज्यादातर काम खुद ही कर रही हूं। मैंने हल्की-फुल्की मूवमेंट भी शुरू कर दी है। जैसे ही डॉक्टर मुझे हरी झंडी देंगे, मैं फिर से बल्लेबाजी शुरू कर दूंगी। मैं वापसी करने के लिए बहुत उत्साहित हूं - मुझे बैट पकड़ना याद आता है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ टीम की मुलाकात का एक मजेदार किस्सा भी साझा किया। उन्होंने हंसते हुए कहा- उन्होंने मुझे भेल की पेशकश की क्योंकि मैं व्हीलचेयर पर थी। मुझे याद है मैंने सोचा, 'हे भगवान, यह मैंने अब तक की सबसे महंगी भेल खाई है!
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