गुरुग्राम : मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने की धमकी देकर एक शख्स को डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया। इसके बाद उन्हें धमकाकर करीब 36 लाख रुपये ऐंठे गए। मामले की जांच शुरू हुई तो पुलिस ने एक आरएमपी डॉक्टर, एक प्रॉपर्टी डीलर सहित तीन लोगों को अरेस्ट किया है। आरोपी डॉक्टर व प्रॉपर्टी डीलर पर साइबर ठगी के लिए बैंक खाता उपलब्ध कराने में शामिल होने का आरोप है। पुलिस टीम मामले में अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। कार्रवाई साइबर क्राइम थाना वेस्ट थाना टीम ने की है। मामले में हैरत की बात है कि पीड़ित को ठगों ने पहला कॉल कर डराया, फिर इसके लगभग एक साल बाद फिर से फोन कर लाखों रुपये ऐंठ लिए।
14 मई 2024 को एक व्यक्ति ने साइबर क्राइम थाना वेस्ट पुलिस को बताया था कि उनके पास एक फोन कॉल आया। कॉलर ने खुद को संचार विभाग का अधिकारी बताया। पीड़ित से कहा कि उनके मोबाइल नंबर का इस्तेमाल अवैध कामों में हुआ है। ऐसे में उनके खिलाफ मुंबई के पुलिस थाने में केस दर्ज है।
मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने की दी धमकीआरोपी ने किसी पुलिस अधिकारी को कॉल ट्रांसफर कर दी। फर्जी पुलिस अधिकारी की ओर से बताया गया कि उनके आधार कार्ड मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल हुआ है। ऐसे में उनके खिलाफ वॉरंट भी जारी किया हुआ है। 16 अप्रैल 2025 को फिर ठगों ने वॉट्सऐप पर कॉल कनेक्ट कर कहा कि विडियो कॉल के माध्यम से अदालत में पेश किया जा रहा। विडियो कॉल पर एक फर्जी जज से मीटिंग करवाई और वॉरंट दिखाकर डराते हुए लाखों रुपये ट्रांसफर करवा लिए।
दिल्ली में क्लिनिक चलाता है आरोपीएसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान के नेतृत्व में थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर संदीप कुमार की टीम ने तीन आरोपियों को अरेस्ट किया। आरोपियों की पहचान दिल्ली में क्लिनिक चलाने वाले आरएमपी डॉ. रामचरण निवासी नांगलोई, प्रॉपटी डीलर अभिषेक निवासी लखनऊ और शिप्रा जायसवाल निवासी गोरखपुर उत्तर प्रदेश के रूप में हुई। आरोपी रामचरण को 27 जून को अरेस्ट कर कोर्ट में पेश कर दो दिन के पुलिस हिरासत रिमांड पर लिया गया था। आरोपी अभिषेक और शिप्रा जायसवाल को सोमवार को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया।
एक-दूसरे को बेचते गए बैंक अकाउंटपुलिस को आरोपियों से पता लगा कि ठगी गई रकम में से दो लाख रुपये आरोपी राजीव झा के खाते में ट्रांसफर हुए थे। राजीव झा ने यह खाता आरोपी गणेश को 50 हजार रुपये में बेचा था। आरोपी गणेश ने यह बैंक खाता मनीष को बेचा था, जिससे उसे 32 हजार रुपये कमीशन मिला था। आरोपी मनीष ने यह अकाउंट आरोपी रामचरण को बेचा, जिससे उसे 58 हजार रुपये कमीशन के रूप में मिले थे। रामचरण ने यह खाता अभिषेक को बेचा था, जिससे उसे 20 हजार रुपये मिले थे। अभिषेक ने यह खाता आरोपी महिला शिप्रा जायसवाल को बेचा, जिससे उसे 15 हजार रुपये मिले। आरोपी शिप्रा ने यह खाता किसी अन्य व्यक्ति को बेचा था, जिससे उसे कमीशन के रूप में 30 हजार रुपये मिले थे।
14 मई 2024 को एक व्यक्ति ने साइबर क्राइम थाना वेस्ट पुलिस को बताया था कि उनके पास एक फोन कॉल आया। कॉलर ने खुद को संचार विभाग का अधिकारी बताया। पीड़ित से कहा कि उनके मोबाइल नंबर का इस्तेमाल अवैध कामों में हुआ है। ऐसे में उनके खिलाफ मुंबई के पुलिस थाने में केस दर्ज है।
मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने की दी धमकीआरोपी ने किसी पुलिस अधिकारी को कॉल ट्रांसफर कर दी। फर्जी पुलिस अधिकारी की ओर से बताया गया कि उनके आधार कार्ड मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल हुआ है। ऐसे में उनके खिलाफ वॉरंट भी जारी किया हुआ है। 16 अप्रैल 2025 को फिर ठगों ने वॉट्सऐप पर कॉल कनेक्ट कर कहा कि विडियो कॉल के माध्यम से अदालत में पेश किया जा रहा। विडियो कॉल पर एक फर्जी जज से मीटिंग करवाई और वॉरंट दिखाकर डराते हुए लाखों रुपये ट्रांसफर करवा लिए।
दिल्ली में क्लिनिक चलाता है आरोपीएसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान के नेतृत्व में थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर संदीप कुमार की टीम ने तीन आरोपियों को अरेस्ट किया। आरोपियों की पहचान दिल्ली में क्लिनिक चलाने वाले आरएमपी डॉ. रामचरण निवासी नांगलोई, प्रॉपटी डीलर अभिषेक निवासी लखनऊ और शिप्रा जायसवाल निवासी गोरखपुर उत्तर प्रदेश के रूप में हुई। आरोपी रामचरण को 27 जून को अरेस्ट कर कोर्ट में पेश कर दो दिन के पुलिस हिरासत रिमांड पर लिया गया था। आरोपी अभिषेक और शिप्रा जायसवाल को सोमवार को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया।
एक-दूसरे को बेचते गए बैंक अकाउंटपुलिस को आरोपियों से पता लगा कि ठगी गई रकम में से दो लाख रुपये आरोपी राजीव झा के खाते में ट्रांसफर हुए थे। राजीव झा ने यह खाता आरोपी गणेश को 50 हजार रुपये में बेचा था। आरोपी गणेश ने यह बैंक खाता मनीष को बेचा था, जिससे उसे 32 हजार रुपये कमीशन मिला था। आरोपी मनीष ने यह अकाउंट आरोपी रामचरण को बेचा, जिससे उसे 58 हजार रुपये कमीशन के रूप में मिले थे। रामचरण ने यह खाता अभिषेक को बेचा था, जिससे उसे 20 हजार रुपये मिले थे। अभिषेक ने यह खाता आरोपी महिला शिप्रा जायसवाल को बेचा, जिससे उसे 15 हजार रुपये मिले। आरोपी शिप्रा ने यह खाता किसी अन्य व्यक्ति को बेचा था, जिससे उसे कमीशन के रूप में 30 हजार रुपये मिले थे।
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