नई दिल्ली: भारत और तालिबान के बीच पहली बार राजनीतिक बातचीत हुई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी से बात की। इसके बाद भारत ने एक खास कदम उठाया है। भारत ने अफगानिस्तान से 160 ट्रकों को अटारी बॉर्डर से आने की इजाजत दे दी है। इन ट्रकों में सूखे मेवे और नट्स हैं। हालांकि, भारत ने अभी तक काबुल में तालिबान की सरकार को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं दी है।सूत्रों से पता चला है कि पाकिस्तान ने पहले इन ट्रकों को वाघा बॉर्डर पर रोका। बाद में कुछ ट्रकों को अटारी में सामान उतारने की इजाजत दी गई। बता दें कि भारत ने 23 अप्रैल को अटारी-वाघा बॉर्डर बंद कर दिया था। एक दिन पहले पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। पाकिस्तान पहले अफगानिस्तान से भारत को एकतरफा व्यापार की इजाजत देता रहा है। इससे अफगानी सामान भारत को निर्यात किया जाता था, लेकिन भारत से अफगानिस्तान को कुछ नहीं भेजा जाता था। दोनों देशों के बीच कितना व्यापार?दक्षिण एशिया में भारत, अफगानिस्तान का सबसे बड़ा एक्सपोर्ट मार्केट है। यहां लगभग 1 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है। विदेश मंत्री जयशंकर और अफगान मंत्री मुत्ताकी की मुलाकात 15 मई को हुई थी। पाकिस्तान की वजह से व्यापार में दिक्कतें आ रही हैं। फिर भी, भारत दक्षिण एशिया में अफगानी उत्पादों का सबसे बड़ा बाजार है। हाल ही में पाकिस्तान ने एक बार भारत को अफगानिस्तान सामान भेजने की इजाजत दी थी। यह साल 2021 के अंत में हुआ था। भारत ने अफगानिस्तान को 50,000 टन गेहूं भेजने का प्रस्ताव रखा था। अफगानिस्तान में सूखे की वजह से लोगों को परेशानी हो रही थी। तालिबान ने पाकिस्तान पर दबाव डाला कि वह गेहूं की सप्लाई को न रोके। अफगानिस्तान को दिया धन्यवादमुत्ताकी ने जयशंकर को गुरुवार को फोन किया था। वह जल्द ही ईरान और चीन जाने वाले हैं। भारत इस बात को बहुत महत्वपूर्ण मानता है। दोनों नेताओं ने आपस में संपर्क में रहने की बात कही। जयशंकर ने पहलगाम हमले के बाद भारत के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मुत्ताकी को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस बात के लिए भी धन्यवाद दिया कि काबुल पाकिस्तान की बातों में नहीं आया। पाकिस्तान ने यह दावा किया था कि भारत ने अफगानिस्तान पर मिसाइलें दागी हैं। रिश्तों में आएगी तेजीविदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस साल दुबई में मुत्ताकी से मुलाकात की थी। तब से, भारत अफगानिस्तान में अपने प्रोजेक्ट्स को फिर से शुरू करने की सोच रहा है। साथ ही वह और भी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स पर विचार कर रहा है। भारत ने काबुल के साथ राजनीतिक रूप से जुड़ने का फैसला किया है। इससे इन प्रयासों को और तेजी मिलेगी।
You may also like
Kerala Heavy Rainfall : पांच उत्तरी जिलों में 20 मई तक भारी बारिश का अनुमान
श्रीनगर, गांदरबेल और हंदवाड़ा में कई ठिकानों पर एसआईए ने मारा छापा, आतंकी साजिश को लेकर कार्रवाई
Jaipur Gold Silver Price: सोने में ₹1900 तो चांदी में ₹1800 का आया जबरदस्त उछाल, जानिए क्या है आज के ताजा भाव
जयपुर से काशी जाने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी राहत! अब सीधी उड़ान से कर सकेंगे बाबा विश्वनाथ के दर्शन, जाने कब से शुरू होगी सेवा
श्रेयस अय्यर को आखिर क्यों इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम में नहीं मिली जगह?