आगरा: ताजनगरी आगरा के एक गांव में एक 12 वर्षीय बालिका की सांप के काटने के बाद झाड़फूंक के चक्कर में जान चली गई। परिजन उसे अस्पताल ले जाने के बजाय एक झाड़फूंक करने वाले के पास ले गए। उसने काफी देर तक इलाज करने के बाद हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद जब बालिका को एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में लाया गया, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टरों के अनुसार, यदि समय पर एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन दिया जाता तो बच्ची की जान बचाई जा सकती थी।   
   
यह घटना थाना जगनेर के गांव हंसराज की है। रविवार रात को हेत सिंह की बेटी तनु (12) और छोटा बेटा जतिन (10) चारपाई पर सो रहे थे। रात करीब दो बजे दोनों चीखने लगे। मां रेखा के जागने पर तनु दर्द से कराहने लगी और कुछ बोल नहीं पा रही थी। जतिन ने मां को बताया कि उसने दीदी के पैर के ऊपर से सांप जाते देखा है और उसे सांप ने डस लिया है।
     
काफी देर तक चलती रही झाड़फूंकरेखा अन्य परिजनों के साथ तनु को बेहोशी की हालत में पास के गांव में झाड़फूंक करने वाले के पास ले गई। उसने सांप के डसने के निशान के पास पैर को रस्सी से कसकर बांध दिया और काफी देर तक झाड़फूंक की। जब झाड़फूंक का कोई फायदा नहीं हुआ, तब उसने परिजनों को बालिका को अस्पताल ले जाने को कहा। जब तक घर वाले तनु को एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे, तब तक उसके प्राण पखेरू उड़ गए।
     
डॉक्टर ने की ये अपीलएसएन मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी प्रभारी डॉ. मनीष बंसल ने कहा कि झाड़फूंक से सर्पदंश का मरीज ठीक नहीं होता है। सांप के विष के प्रभाव को कम करने के लिए एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन लगाया जाता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि सर्पदंश पर झाड़फूंक कराने के बजाय तत्काल नजदीकी चिकित्सा केंद्र पर लेकर जाएं।
  
यह घटना थाना जगनेर के गांव हंसराज की है। रविवार रात को हेत सिंह की बेटी तनु (12) और छोटा बेटा जतिन (10) चारपाई पर सो रहे थे। रात करीब दो बजे दोनों चीखने लगे। मां रेखा के जागने पर तनु दर्द से कराहने लगी और कुछ बोल नहीं पा रही थी। जतिन ने मां को बताया कि उसने दीदी के पैर के ऊपर से सांप जाते देखा है और उसे सांप ने डस लिया है।
काफी देर तक चलती रही झाड़फूंकरेखा अन्य परिजनों के साथ तनु को बेहोशी की हालत में पास के गांव में झाड़फूंक करने वाले के पास ले गई। उसने सांप के डसने के निशान के पास पैर को रस्सी से कसकर बांध दिया और काफी देर तक झाड़फूंक की। जब झाड़फूंक का कोई फायदा नहीं हुआ, तब उसने परिजनों को बालिका को अस्पताल ले जाने को कहा। जब तक घर वाले तनु को एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे, तब तक उसके प्राण पखेरू उड़ गए।
डॉक्टर ने की ये अपीलएसएन मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी प्रभारी डॉ. मनीष बंसल ने कहा कि झाड़फूंक से सर्पदंश का मरीज ठीक नहीं होता है। सांप के विष के प्रभाव को कम करने के लिए एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन लगाया जाता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि सर्पदंश पर झाड़फूंक कराने के बजाय तत्काल नजदीकी चिकित्सा केंद्र पर लेकर जाएं।
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