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'पुत्र मोह में धृतराष्ट बने बैठे हैं', भूपेश बघेल पर जमकर बरसे डेप्युटी सीएम, कहा- जनता ने आर्थिक नाकेबंदी को नकारा

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रायपुर: ईडी की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस ने मंगलवार को प्रदेशव्यापी आर्थिक नाकेबंदी की। कांग्रेस के आंदोलन पर बीजेपी ने पलटवार किया है। राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि एक के बाद एक भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बाद कांग्रेस में भी भूपेश बघेल की स्वीकार्यता खत्म हो रही है। आखिर कब तक भूपेश बघेल, अपनी सरकार में हुए भ्रष्टाचारों पर पर्दा डालने के लिए ऐसे काम करेंगे? उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल ने पहले धन मोह में अपनी साख गंवा दी, अब पुत्र मोह में धृतराष्ट बने बैठे हैं।



चोरी ऊपर से सीनाजोरी

अरुण साव ने कहा पहली बार देखा जा रहा है कि भ्रष्टाचारियों के पक्ष में आर्थिक नाकाबंदी करके निर्दोष आम जनता को सजा देने का षड्यंत्र किया गया था। जनता का धन्यवाद कि इसे विफल कर दिया। भूपेश बघेल कह रहे है कि श्रीराम को गाली देने वाले उनके पिता जीवित होते तो आरोपी के जेल जाने पर गर्व महसूस करते। साव ने कहा यह आश्चर्यजनक है कि भूपेश बघेल अपने बेटे की गिरफ्तारी पर कह रहे हैं कि अगर उसके दादा आज जीवित होते तो खुश होते। अनेक बार अन्याय का विरोध करते हुए वे जेल गए थे।



भूपेश बघेल को किस बात का गर्व

हम सभी जानते हैं कि हिंदुत्व का विरोध कर और श्रीराम पर टिप्पणी करके नंदकुमार बघेल जेल जाते रहे हैं। भूपेश बघेल को क्या अब हिंदुत्व और श्रीराम आदि अन्याय लग रहे अब? मुखौटा उतर गया है। पहले कहते थे कि उनके पिताजी से वे सहमत नहीं हैं। अब नंद कुमार बघेल से सहमत हो गए? भूपेश बघेल तो इस बात पर भी गर्वित और आत्ममुग्ध हैं कि इस गिरफ्तारी के बाद उनके बेटे को पूरा देश जान गया है। एक बाप को अपने बेटे पर गर्व होता है जब वो डॉक्टर बने, इंजीनियर बने, उच्च अधिकारी बने, सामाजिक क्षेत्र में कार्य करते हुए प्रसिद्धि पाए मगर किसी आर्थिक अपराध में नाम शामिल होने में कोई बाप गर्व करे तो इसे आप क्या कहेंगे?



ईडी ने अपने बयान में साफ किया है

साव ने कहा प्रवर्तन निदेशालय ने प्रेस रिलीज में भी यह आईने की तरह साफ है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और अनुसूचित अपराधों से अर्जित 2500 करोड़ रुपये से अधिक की आपराधिक आय (पीओसी) लाभार्थियों की जेबों में भर गई। ईडी की प्रेस रिलीज से यह पता चला है कि चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये की पीओसी प्राप्त हुई थी। चैतन्य ने उक्त पीओसी को मिलाने के लिए अपनी रियल एस्टेट फर्मों का इस्तेमाल किया था। इसके अलावा, चैतन्य पर शराब घोटाले के 1000 करोड़ रुपये से अधिक के पीओसी को संभालने का भी आरोप है।



जनता ने आर्थिक नाकेबंदी का किया विरोध

आर्थिक नाकेबंदी में भूपेश को विशेषज्ञता हासिल है जब शासन में थे तो कोल, महादेव एप्प, चावल, शराब, पीएससी, घोटाला करके प्रदेश के आर्थिक विकास की नाकेबंदी इन्होंने करवायी थी। प्रदेश की जनता ने आर्थिक नाकेबंदी का विरोध किया। व्यापारिक और श्रम संगठनों ने इनकी नाकाबंदी का विरोध किया था। जनता भी खुल कर इनकी अराजकता के विरोध में आई। हम सभी संगठनों और छत्तीसगढ़ की जनता का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने भ्रष्टाचारियों का विरोध कर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है।

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