तेल अवीव: भारत और इजरायल के बीच हथियारों की एक बड़ी डील हुई है। यह डील भारतीय रक्षा मंत्रालय के एक प्रतिनिधिमंडल की इजरायल की गुप्त यात्रा के दौरान हुई है। इसके तहत इजरायल अपनी तीन शक्तिशाली मिसाइलों को भारत को सौंपेगा। इन मिसाइलों का भारत में निर्माण भी किया जाएगा। इजरायली रक्षा मंत्रालय के महानिदेशक जनरल अमीर बरम ने पिछले हफ्ते अपने भारतीय समकक्ष राजेश कुमार सिंह के साथ रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
यरूशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस एमओयू के तहत भारत न केवल इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) की एयर लोरा बैलिस्टिक मिसाइलों और राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स आइस ब्रेकर क्रूज़ मिसाइलों की खरीद कर सकेगा, बल्कि उनका निर्माण भी कर सकेगा। इससे भारत की सैन्य शक्ति में जबरदस्त इजाफा होने की उम्मीद है। इन हथियारों को चीन और पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है।
इजरायल से बड़े पैमाने पर हथियार खरीदता है भारत
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) के अनुसार, भारत इज़राइल के रक्षा उद्योगों का सबसे बड़ा ग्राहक है। 2020 और 2024 के बीच, इज़राइल के कुल रक्षा निर्यात में भारत का लगभग 34% हिस्सा था।
इजरायल की रैम्पेज मिसाइल की सफलता से भारत खुश
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इजरायल की रैम्पेज मिसाइल की शानदार सफलता से भारत उत्साहित है। इस कारण वह इजरायल से एयर लोरा मिसाइल ों को खरीदना चाहता है। रैम्पेज मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 250 किलोमीटर है। इसे भारतीय वायुसेना के सुखोई एसयू 30एमकेआई और मिग 29 विमानों पर तैनात किया गया है। यह बेहद सटीक हमला करने वाली मिसाइल है, लेकिन इसकी कम मारक क्षमता भारतीय लड़ाकू विमानों को हमले के लिए पाकिस्तान के एयर डिफेंस जोन में घुसने को मजबूर करती है, लेकिन एयर लोरा मिसाइल के आने से यह परेशानी खत्म हो जाएगी।
एयर लोरा मिसाइल की रेंज 400 किमी
एयर लोरा मिसाइल की मारक क्षमता 400 किलोमीटर है। यह भारतीय लड़ाकू विमानों को दूर से ही दुश्मन के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने में मदद करेगा। इससे न केवल भारतीय लड़ाकू विमान दुश्मनों के एयर डिफेंस सिस्टम की रेंज से बाहर रहेंगे, बल्कि उन्हें भारी नुकसान भी पहुंचा सकेंगे। एयर लोरा मिसाइलों को खास तौर पर दुश्मन की मिसाइल साइट, सैन्य ठिकानों और एयर डिफेंस सिस्टमों को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह मिसाइल 1600 किलोग्राम वजनी है, सुपरसोनिक गति से उड़ती है और बिना किसी व्यवधान के सुरक्षित सैटेलाइट नेविगेशन का इस्तेमाल करती है।
सटीक हमला करने में माहिर है एयर लोरा मिसाइल
एयर लोरा मिसाइल "फायर एंड फारगेट" के सिद्धांत पर काम करती है। इसका अर्थ यह है कि एक बार लक्ष्य पर दागे जाने के बाद इसे गाइड करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। यह मिसाइल कई तरह के विस्फोटकों को ले जा सकती है, जिन्हें आसान लक्ष्यों का बंकरों पर तैनात किया जा सकता है। अपनी 400 किलोमीटर की मारक क्षमता और दस मीटर के भीतर की सटीकता के साथ, यह भारत को किसी भी पाकिस्तानी ठिकाने पर हमला करने में सक्षम बनाएगा।
इजरायल से आइस ब्रेकर मिसाइल भी खरीदेगा भारत
साथ ही, भारत ने इजरायल की आइस ब्रेकर क्रूज मिसाइल में भी रुचि दिखाई है। इस मिसाइल को जमीन और समुद्री लक्ष्यों पर लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह मिसाइल सभी मौसमों में प्रभावी है, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध से भरे वातावरण में भी अच्छी तरह से काम कर सकती है, और इसमें इन्फ्रारेड (IIR)-आधारित नेविगेशन और मिसाइल मार्गदर्शन क्षमताएं हैं, जो AI के माध्यम से लक्ष्यों को प्राप्त और पहचान सकती हैं।
यरूशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस एमओयू के तहत भारत न केवल इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) की एयर लोरा बैलिस्टिक मिसाइलों और राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स आइस ब्रेकर क्रूज़ मिसाइलों की खरीद कर सकेगा, बल्कि उनका निर्माण भी कर सकेगा। इससे भारत की सैन्य शक्ति में जबरदस्त इजाफा होने की उम्मीद है। इन हथियारों को चीन और पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है।
इजरायल से बड़े पैमाने पर हथियार खरीदता है भारत
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) के अनुसार, भारत इज़राइल के रक्षा उद्योगों का सबसे बड़ा ग्राहक है। 2020 और 2024 के बीच, इज़राइल के कुल रक्षा निर्यात में भारत का लगभग 34% हिस्सा था।
इजरायल की रैम्पेज मिसाइल की सफलता से भारत खुश
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इजरायल की रैम्पेज मिसाइल की शानदार सफलता से भारत उत्साहित है। इस कारण वह इजरायल से एयर लोरा मिसाइल ों को खरीदना चाहता है। रैम्पेज मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 250 किलोमीटर है। इसे भारतीय वायुसेना के सुखोई एसयू 30एमकेआई और मिग 29 विमानों पर तैनात किया गया है। यह बेहद सटीक हमला करने वाली मिसाइल है, लेकिन इसकी कम मारक क्षमता भारतीय लड़ाकू विमानों को हमले के लिए पाकिस्तान के एयर डिफेंस जोन में घुसने को मजबूर करती है, लेकिन एयर लोरा मिसाइल के आने से यह परेशानी खत्म हो जाएगी।
एयर लोरा मिसाइल की रेंज 400 किमी
एयर लोरा मिसाइल की मारक क्षमता 400 किलोमीटर है। यह भारतीय लड़ाकू विमानों को दूर से ही दुश्मन के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने में मदद करेगा। इससे न केवल भारतीय लड़ाकू विमान दुश्मनों के एयर डिफेंस सिस्टम की रेंज से बाहर रहेंगे, बल्कि उन्हें भारी नुकसान भी पहुंचा सकेंगे। एयर लोरा मिसाइलों को खास तौर पर दुश्मन की मिसाइल साइट, सैन्य ठिकानों और एयर डिफेंस सिस्टमों को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह मिसाइल 1600 किलोग्राम वजनी है, सुपरसोनिक गति से उड़ती है और बिना किसी व्यवधान के सुरक्षित सैटेलाइट नेविगेशन का इस्तेमाल करती है।
सटीक हमला करने में माहिर है एयर लोरा मिसाइल
एयर लोरा मिसाइल "फायर एंड फारगेट" के सिद्धांत पर काम करती है। इसका अर्थ यह है कि एक बार लक्ष्य पर दागे जाने के बाद इसे गाइड करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। यह मिसाइल कई तरह के विस्फोटकों को ले जा सकती है, जिन्हें आसान लक्ष्यों का बंकरों पर तैनात किया जा सकता है। अपनी 400 किलोमीटर की मारक क्षमता और दस मीटर के भीतर की सटीकता के साथ, यह भारत को किसी भी पाकिस्तानी ठिकाने पर हमला करने में सक्षम बनाएगा।
इजरायल से आइस ब्रेकर मिसाइल भी खरीदेगा भारत
साथ ही, भारत ने इजरायल की आइस ब्रेकर क्रूज मिसाइल में भी रुचि दिखाई है। इस मिसाइल को जमीन और समुद्री लक्ष्यों पर लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह मिसाइल सभी मौसमों में प्रभावी है, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध से भरे वातावरण में भी अच्छी तरह से काम कर सकती है, और इसमें इन्फ्रारेड (IIR)-आधारित नेविगेशन और मिसाइल मार्गदर्शन क्षमताएं हैं, जो AI के माध्यम से लक्ष्यों को प्राप्त और पहचान सकती हैं।
You may also like

दिल्ली ब्लास्ट के बाद राम मंदिर की सुरक्षा और सख्त हुई, अयोध्या में हाई अलर्ट, आने-जाने वालों की हो रही जांच

एक ऐसीˈ महिला जिसके पास है दो योनि, पिरियड्स और सेक्स लाइफ को लेकर खोले कई राज﹒

दिल्ली: लाल क़िला मेट्रो स्टेशन के पास कार धमाके में 8 लोगों की मौत, गृह मंत्री अमित शाह ने जारी किया बयान

एक गलतीˈ और चली गई 250000 जीवों की जान… 1989 की वो रात, जब सिहर गया था अमेरिका﹒

पीएम मोदी के भूटान दौरे पर अध्यात्म, व्यापार, विकास और विरासत की दिखेगी झलक




