काबुल: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शांति वार्ता विफल होने के साथ ही दोनों ओर से बयानबाजी तेज हो गई है। अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान ने बयान जारी करते हुए कड़े शब्दों में पाकिस्तान के रवैये की आलोचना की है। तालिबान ने पाक प्रतिनिधिमंडल पर वार्ता में बाधा डालने और तुर्की-कतर के मध्यस्थता के प्रयासों के बावजूद गैर जिम्मेदाराना व्यवहार करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं तालिबान ने पाकिस्तान को युद्ध की चेतावनी भी दे डाली है।
तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने 8 नवंबर को जारी बयान में तुर्की और कतर का मध्यस्थता के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि तालिबान को वार्ता में पाकिस्तान की ओर से गंभीरता की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पाकिस्तान ने एक बार फिर पूरी तरह से असहयोगी रवैये का प्रदर्शन किया। पाकिस्तान ने सारा दोष अफगान सरकार पर डालने की कोशिश की।
दूसरों पर दोष ना डाले पाकिस्तानइस्लामाबाद के रुख की निंदा करते हुए मुजाहिद ने कहा कि तालिबान ने अपनी सिद्धांतवादी स्थिति दोहराई कि अफगानिस्तान किसी को अपनी धरती का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं करने देगा। पाकिस्तान को अपने अंदरुनी मुद्दों को दूसरों पर नहीं डालना चाहिए। पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों को बाहरी बनाने की कोशिश निराशाजनक है।
तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने शनिवार प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और पाकिस्तान के बीच समस्या हालिया महीनों में शुरू नहीं हुई है। टीटीपी के उभार का उनकी सरकार से भी कोई ताल्लुक नहीं है। टीटीपी और पाकिस्तानी सेना के बीच लड़ाई 2002 से ही जारी है। इसे मौजूदा शासन से जोड़ना पूरा तरह से गलत है
पाकिस्तान को युद्ध की धमकीमुजाहिद ने कहा कि अफगान तालिबान ने टीटीपी और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत कराने की कोशिश की थी और यह प्रक्रिया काफी हद तक सफल रही लेकिन पाक सेना ने इसे नाकाम किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना के भीतर कुछ गुट हैं, जो नहीं चाहते कि अफगानिस्तान में एक संप्रभु सरकार हो। ऐसे तत्व जानबूझकर परेशानी पैदा कर रहे हैं।
अफगानिस्तान के बॉर्डर और जनजातीय मामलों के मंत्री नूरुल्लाह नूरी ने पाकिस्तानी अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि वह अफगानों के धैर्य की परीक्षा ना लें। उन्होंने पाक रक्षा मंत्री को हड़काते हुए कहा कि वह अपनी सेना की तकनीक पर ना इतराएं। अफगानी युद्ध के लिए तैयार हैं। अगर युद्ध छिड़ा तो अफगानिस्तान का बच्चा-बच्चा जंग के लिए उठ खड़ा होगा।
तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने 8 नवंबर को जारी बयान में तुर्की और कतर का मध्यस्थता के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि तालिबान को वार्ता में पाकिस्तान की ओर से गंभीरता की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पाकिस्तान ने एक बार फिर पूरी तरह से असहयोगी रवैये का प्रदर्शन किया। पाकिस्तान ने सारा दोष अफगान सरकार पर डालने की कोशिश की।
दूसरों पर दोष ना डाले पाकिस्तानइस्लामाबाद के रुख की निंदा करते हुए मुजाहिद ने कहा कि तालिबान ने अपनी सिद्धांतवादी स्थिति दोहराई कि अफगानिस्तान किसी को अपनी धरती का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं करने देगा। पाकिस्तान को अपने अंदरुनी मुद्दों को दूसरों पर नहीं डालना चाहिए। पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों को बाहरी बनाने की कोशिश निराशाजनक है।
तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने शनिवार प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और पाकिस्तान के बीच समस्या हालिया महीनों में शुरू नहीं हुई है। टीटीपी के उभार का उनकी सरकार से भी कोई ताल्लुक नहीं है। टीटीपी और पाकिस्तानी सेना के बीच लड़ाई 2002 से ही जारी है। इसे मौजूदा शासन से जोड़ना पूरा तरह से गलत है
पाकिस्तान को युद्ध की धमकीमुजाहिद ने कहा कि अफगान तालिबान ने टीटीपी और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत कराने की कोशिश की थी और यह प्रक्रिया काफी हद तक सफल रही लेकिन पाक सेना ने इसे नाकाम किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना के भीतर कुछ गुट हैं, जो नहीं चाहते कि अफगानिस्तान में एक संप्रभु सरकार हो। ऐसे तत्व जानबूझकर परेशानी पैदा कर रहे हैं।
अफगानिस्तान के बॉर्डर और जनजातीय मामलों के मंत्री नूरुल्लाह नूरी ने पाकिस्तानी अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि वह अफगानों के धैर्य की परीक्षा ना लें। उन्होंने पाक रक्षा मंत्री को हड़काते हुए कहा कि वह अपनी सेना की तकनीक पर ना इतराएं। अफगानी युद्ध के लिए तैयार हैं। अगर युद्ध छिड़ा तो अफगानिस्तान का बच्चा-बच्चा जंग के लिए उठ खड़ा होगा।
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