वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो भारत के खिलाफ लगातार जहर उगल रहे हैं। अब उन्होंने भारत पर ताजा हमला बोलते हुए ब्रिक्स देशों को वैम्पायर बताया है जो अमेरिका का खून चूस रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिक्स गठबंधन साथ नहीं चल सकता क्योंकि इसके सदस्य देश एक दूसरे से नफरत करते हैं। नवारो की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब ब्रिक्स सदस्य देशों ने ट्रंप प्रशासन के टैरिफ पर चर्चा के लिए एक वर्चुअल बैठक की। नवारो ने दावा किया कि ब्रिक्स देश अमेरिका के बिना टिक नहीं पाएगा। BRICS समूह में मुख्य रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।
एक टीवी इंटरव्यू में नवारो ने कहा, 'इनमें (ब्रिक्स) से कोई भी देश अमेरिका को (सामान) बेचे बिना टिक नहीं पाएगा। जब वे अमेरिका को सामान बेचते हैं तो वे वैम्पायर की तरह होते हैं जो अपनी अनुचित व्यापार प्रथाओं से हमारा खून चूस रहे होते हैं।' उन्होंने आगे कहा कि 'मुझे नहीं पता कि ब्रिक्स कैसे एकजुट होता है, एक साथ कैसे रहता है क्योंकि ऐतिहासिक रूप से वे एक-दूसरे से नफरत करते हैं और एक दूसरे को मारते हैं।'
चीन और भारत की दुश्मनी का जिक्र
इसी इंटरव्यू के दौरान पहले पीटर नवारो ने भारत और चीन के संबधों की आलोचना की थी और कहा कि दोनों दशकों से युद्ध लड़ रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि चीन ने पाकिस्तान को परमाणु बम दिया था। नवारो ने कहा कि भारत को व्यापार वार्ता में अमेरिका की शर्तें माननी होंगी, वरना यह नई दिल्ली के लिए अच्छा नहीं होगा। उन्होंने भारत के टैरिफ को 'महाराजा' टैरिफ बताया कि भारत सरकार इसके चलते उनसे नाराज है, लेकिन 'यह बिल्कुल सच है। दुनिया के किसी भी बड़े देश की तुलना में अमेरिका पर उनका टैरिफ सबसे ज्यादा है। हमें इससे निपटना होगा।'
रूसी तेल खरीद को बताया खून का पैसा
नवारो भारत और रूस के संबंधों को लेकर लगातार हमले कर रहे हैं। इससे पहले वॉइट हाउस के ट्रेड सलाहकार ने रूसी तेल खरीद को खून को पैसा बताया और कहा कि यूक्रेन संघर्ष से पहले भारत मॉस्को से बहुत छोटी मात्रा में तेल खरीदता था। पीटर नवारो जब भारत के खिलाफ तीखा हमला कर रहे हैं, वहीं रूस के साथ भारत के तेल व्यापार को निशाना बनाकर की गई उनकी एक पोस्ट का एक्स ने फैक्ट कर दिया और उसे खारिज कर दिया। इस फैक्ट चेक के बाद नवारो और एलन मस्क के बीच विवाद हो गया था। मस्क ने फैक्ट चेक का बचाव किया था और कहा कि 'लोग इस प्लेटफॉर्म पर नैरेटिव तय करते हैं।'
एक टीवी इंटरव्यू में नवारो ने कहा, 'इनमें (ब्रिक्स) से कोई भी देश अमेरिका को (सामान) बेचे बिना टिक नहीं पाएगा। जब वे अमेरिका को सामान बेचते हैं तो वे वैम्पायर की तरह होते हैं जो अपनी अनुचित व्यापार प्रथाओं से हमारा खून चूस रहे होते हैं।' उन्होंने आगे कहा कि 'मुझे नहीं पता कि ब्रिक्स कैसे एकजुट होता है, एक साथ कैसे रहता है क्योंकि ऐतिहासिक रूप से वे एक-दूसरे से नफरत करते हैं और एक दूसरे को मारते हैं।'
चीन और भारत की दुश्मनी का जिक्र
इसी इंटरव्यू के दौरान पहले पीटर नवारो ने भारत और चीन के संबधों की आलोचना की थी और कहा कि दोनों दशकों से युद्ध लड़ रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि चीन ने पाकिस्तान को परमाणु बम दिया था। नवारो ने कहा कि भारत को व्यापार वार्ता में अमेरिका की शर्तें माननी होंगी, वरना यह नई दिल्ली के लिए अच्छा नहीं होगा। उन्होंने भारत के टैरिफ को 'महाराजा' टैरिफ बताया कि भारत सरकार इसके चलते उनसे नाराज है, लेकिन 'यह बिल्कुल सच है। दुनिया के किसी भी बड़े देश की तुलना में अमेरिका पर उनका टैरिफ सबसे ज्यादा है। हमें इससे निपटना होगा।'
रूसी तेल खरीद को बताया खून का पैसा
नवारो भारत और रूस के संबंधों को लेकर लगातार हमले कर रहे हैं। इससे पहले वॉइट हाउस के ट्रेड सलाहकार ने रूसी तेल खरीद को खून को पैसा बताया और कहा कि यूक्रेन संघर्ष से पहले भारत मॉस्को से बहुत छोटी मात्रा में तेल खरीदता था। पीटर नवारो जब भारत के खिलाफ तीखा हमला कर रहे हैं, वहीं रूस के साथ भारत के तेल व्यापार को निशाना बनाकर की गई उनकी एक पोस्ट का एक्स ने फैक्ट कर दिया और उसे खारिज कर दिया। इस फैक्ट चेक के बाद नवारो और एलन मस्क के बीच विवाद हो गया था। मस्क ने फैक्ट चेक का बचाव किया था और कहा कि 'लोग इस प्लेटफॉर्म पर नैरेटिव तय करते हैं।'
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