केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी और अच्छी खबर जल्द ही आ सकती है! लंबे समय से चल रही 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की चर्चाओं के बीच अब उम्मीदें और बढ़ गई हैं कि सरकार इस दिशा में जल्द कोई कदम उठा सकती है। अगर ऐसा होता है, तो लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन में अच्छी खासी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
क्यों है 8वें वेतन आयोग की उम्मीद?
आमतौर पर, हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग गठित किया जाता है। पिछला, यानी 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था। इस हिसाब से 8वें वेतन आयोग का गठन 2025-2026 के आसपास होना चाहिए। इसके अलावा, एक महत्वपूर्ण नियम यह भी है कि जब महंगाई भत्ता (DA) मूल वेतन के 50% को पार कर जाता है, तो इसे मूल वेतन में मिला दिया जाता है और नए वेतनमान पर विचार किया जाता है। जनवरी 2024 से केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 50% हो चुका है, जिससे 8वें वेतन आयोग की मांग और मजबूत हो गई है।
कितनी बढ़ सकती है सैलरी?
हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन अगर 8वां वेतन आयोग बनता है, तो कर्मचारियों के वेतन में कई तरह से इजाफा हो सकता है:
फिटमेंट फैक्टर: यह सबसे अहम होता है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना था। अगर 8वें वेतन आयोग में इसे बढ़ाकर 3.00 या 3.68 गुना किया जाता है, तो न्यूनतम मूल वेतन में काफी बढ़ोतरी होगी। उदाहरण के लिए, अगर मौजूदा न्यूनतम वेतन ₹18,000 है और फिटमेंट फैक्टर 3.68 होता है, तो यह ₹26,000 से भी ज़्यादा हो सकता है।
महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR): डीए के मूल वेतन में विलय होने और नए वेतनमान बनने से कुल सैलरी पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
अन्य भत्ते: हाउस रेंट अलाउंस (HRA), ट्रैवल अलाउंस (TA) और अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी की उम्मीद की जा सकती है।
सरकार का रुख और संभावित समयसीमा:
फिलहाल सरकार की तरफ से 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार एक नया वेतन आयोग गठित करने के बजाय किसी और फॉर्मूले पर भी विचार कर सकती है, जिससे कर्मचारियों की सैलरी समय-समय पर बढ़ती रहे। लेकिन, कर्मचारियों के संगठन लगातार 8वें वेतन आयोग की मांग कर रहे हैं। अगर आम चुनाव के बाद नई सरकार इस पर विचार करती है, तो अगले एक-दो साल में इसकी घोषणा हो सकती है और इसे 1 जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है।
केंद्रीय कर्मचारी बेसब्री से इस पर आधिकारिक घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करेगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी मांग को बढ़ावा दे सकता है।
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