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एक्सपायरी दवा से बनती है शराब, पुलिस-माफिया की मिलीभगत..', जेडीयू नेता का बड़ा धमाका

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बिहार जहरीली शराब त्रासदी: बिहार के कुछ इलाकों में जहरीली शराब के कारण हुए दंगों में अब तक 37 लोगों की जान जा चुकी है. कई अन्य का अस्पताल में इलाज चल रहा है। मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियां आरोपों की बौछार कर रही हैं. जदयू के वरिष्ठ नेता गोपाल मंडल ने इस हत्याकांड के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है.

गोपाल मंडल ने कहा है कि जहरीली शराब पीने से गरीब मर जाता है, गरीब लोग महुदो पीते हैं, यहां गुड़ की शराब में एक्सपायरी गोलियां और सल्फास मिला दिया जाता है. जो इसे सहन नहीं कर पाता वह मर जाता है।

पुलिस की मिलीभगत

इस स्थिति को सुधारने के लिए एक कमेटी बनानी चाहिए और दोषियों को पकड़कर घर में बंद करना चाहिए. पुलिस अलर्ट पर है लेकिन शराब तस्करों के साथ पुलिस की मिलीभगत से शराब विक्रेताओं का मनोबल बढ़ा हुआ है. जिला पदाधिकारी सख्त कार्रवाई करें तो स्थिति शांत हो जायेगी.

ड्रोन छापे

एसपी अवधेश दीक्षित के निर्देशानुसार क्षेत्र में ड्रोन कैमरे की मदद से शराब भट्टियों को चिन्हित कर नष्ट किया गया है. पुलिस ने भारी मात्रा में शराब भी नष्ट कर दी है. साथ ही शराब बनाने में प्रयुक्त उपकरण, गैस-चूल्हा, ड्रम और गैली को भी नष्ट कर दिया गया। पुलिस अब तक 140 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी कर चुकी है. 5000 लीटर से अधिक देशी शराब को नष्ट कर दिया गया है. कई लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई है.

37 लोगों की मौत हो गई

बिहार के सीवान, छपरा और गोपालगंज जिले में झड़प के कारण अब तक 37 लोगों की जान जा चुकी है. उत्पाद विभाग की टीम के साथ पुलिस ने बैकुंठपुर, मांझा और बरौली थाने के दियारे इलाके में छापेमारी की. जिसमें भारी मात्रा में देशी शराब मिली. जहरीली शराब पीने से सबसे ज्यादा मौतें सीवान जिले में हुईं, जहां 28 मौतें हुईं, इसके बाद छपरा जिले में 7 मौतें हुईं और गोपालगंज में 2 मौतें हुईं।

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