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मार्च और अप्रैल 2025 में UPI सेवाओं में तीन बार व्यवधान आया, जिससे करोड़ों उपयोगकर्ताओं को भुगतान करने में कठिनाई हुई ।

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मार्च और अप्रैल 2025 में UPI सेवाओं में तीन बार व्यवधान आया, जिससे करोड़ों उपयोगकर्ताओं को भुगतान करने में कठिनाई हुई ।

News India live, Digital Desk: यूपीआई (UPI) सेवाओं में लगातार आ रही तकनीकी खराबी और आउटेज की समस्याओं के मद्देनजर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई। इस बैठक में उन्होंने संबंधित अधिकारियों से मौजूदा तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर की कमियों को तत्काल दूर करने के निर्देश दिए। वित्त मंत्री ने साफ किया कि सरकार का लक्ष्य अगले 2-3 वर्षों में प्रतिदिन एक अरब यूपीआई ट्रांजैक्शन का आंकड़ा पार करना है।

बार-बार की तकनीकी गड़बड़ियों से उपयोगकर्ताओं की परेशानी

हाल ही में अप्रैल 2025 के दौरान यूपीआई सर्विस तीन बार बाधित हुई, जिससे देशभर के करोड़ों उपयोगकर्ताओं को पेमेंट करने में गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इससे पहले मार्च में भी ऐसी ही तकनीकी दिक्कतें सामने आई थीं। इन घटनाओं ने यूपीआई सेवा की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।

बैठक में मौजूद वरिष्ठ अधिकारी

इस समीक्षा बैठक में वित्त सचिव अजय सेठ, वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू, और नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के एमडी और सीईओ दिलीप असबे समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक के दौरान वित्त मंत्री सीतारमण ने यूपीआई प्लेटफॉर्म को और अधिक विश्वसनीय, मजबूत, और व्यापक बनाने की जरूरत पर बल दिया।

तेज गति से बढ़ रहे हैं UPI उपयोगकर्ता

NPCI के अधिकारियों के अनुसार, 2021-22 से 2024-25 के बीच करीब 26 करोड़ नए यूजर्स और 5.5 करोड़ व्यापारी यूपीआई से जुड़े हैं। इससे हर साल करीब 45 करोड़ एक्टिव यूजर्स की संख्या हो गई है। बैठक में इस बढ़ते यूजर बेस को संभालने के लिए यूपीआई के इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने और रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम को बेहतर करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

नए ऐप्स बना रहे हैं अपनी पकड़

यूपीआई बाजार में नए ऐप्स तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं। सुपर.मनी (Super.Money), नवी (Navi), भीम (Bhim), और क्रेड (Cred) जैसे ऐप्स आकर्षक कैशबैक और ऑफर्स देकर उपभोक्ताओं का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। मार्च 2025 तक इन नए प्लेटफॉर्म्स ने यूपीआई बाजार में करीब 4 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल कर ली है, जो अक्टूबर 2024 में सिर्फ 2.3 प्रतिशत थी। हालांकि, बाजार में अभी भी फोनपे और गूगल पे का दबदबा कायम है, जो कुल मिलाकर 82 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं।

सरकार और NPCI के संयुक्त प्रयासों का मकसद स्पष्ट है—यूपीआई को बिना किसी बाधा के निरंतर संचालन के लिए सक्षम बनाना और उपयोगकर्ताओं के भरोसे को बनाए रखना।

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