News India Live, Digital Desk: उत्तर प्रदेश के संभल में सुरक्षा व्यवस्था और ज़्यादा पुख्ता कर दी गई है. बीते साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंदूपुरा खेड़ा में भड़की हिंसा के बाद यहाँ एक नई पुलिस चौकी स्थापित की गई है. जिलाधिकारी (DM) और पुलिस अधीक्षक (SP) ने मिलकर इस चौकी का उद्घाटन किया. अधिकारियों ने यह भी बताया कि जल्द ही दो और पुलिस चौकियों का भी उद्घाटन किया जाएगा.हिंसा की वो आग और उसके बाद का सुरक्षा चक्रपिछले साल 24 नवंबर को संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के समय जब हिंसा भड़की थी, तब हिंदूपुरा खेड़ा में भी हालात बिगड़ गए थे. उग्र भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया था और फायरिंग भी की थी. इस घटना के बाद से ही प्रशासन ने शहर में सुरक्षा को मजबूत करने का खाका तैयार किया. कुल 39 नई पुलिस चौकियाँ स्थापित करने की योजना बनाई गई, जिसमें से हिंदूपुरा खेड़ा चौराहा को भी एक पुलिस चौकी के लिए चुना गया था. विजयदशमी के त्योहार के मौके पर DM और SP ने इस नई चौकी का उद्घाटन किया. इस दौरान 'मिशन शक्ति' के तहत छात्राएँ भी कार्यक्रम में शामिल हुईं.एसपी ने बताया सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ामएसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि हिंसा के बाद शहर में सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए कई जगहें चुनी गई थीं और हिंदूपुरा खेड़ा भी उनमें से एक था, जहाँ पुलिस टीम पर पथराव और फायरिंग की घटना हुई थी. इन नई पुलिस चौकियों के बनने से शहर में सुरक्षा और पुख्ता होगी. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि जल्द ही दो अन्य चौकियों का भी उद्घाटन किया जाएगा. इस मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार सोनी, एएसपी कुलदीप सिंह और सीओ कुलदीप कुमार जैसे अधिकारी भी मौजूद थे.रायसत्ती चौकी अब बन गई है पूरा थानासंभल में एक और बड़ा बदलाव आया है: सांसद जियाउर्रहमान बर्क के घर के पास स्थित रायसत्ती पुलिस चौकी को अब पुलिस स्टेशन का दर्जा दे दिया गया है. इससे इलाके में लोगों का सुरक्षा पर भरोसा बढ़ा है और प्रशासनिक कामकाज भी आसान हो गया है. दीपा सराय मोहल्ले के चौक पर एक अत्याधुनिक दोमंजिला पुलिस चौकी भी लगभग तैयार हो चुकी है. इसका निर्माण कार्य अब अपने अंतिम चरण में है, जिसमें प्लास्टर, पेंटिंग और फिनिशिंग का काम बाकी हैअभी यह पूरी तरह से तैयार नहीं हुई है, लेकिन लोगों को तुरंत सुरक्षा मिल सके, इसके लिए इसका संचालन पहले से ही शुरू कर दिया गया है. एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि ये पुलिस चौकियाँ सिर्फ इमारतें नहीं हैं, बल्कि ये सामाजिक विश्वास को फिर से बनाने और अपराध को रोकने की रणनीति का अहम हिस्सा हैं. आने वाले समय में चिह्नित अन्य जगहों पर भी पुलिस चौकियों का निर्माण तेज़ी से पूरा किया जाएगा100 दिनों में बनी थी जामा मस्जिद के सामने सत्यव्रत चौकीपिछले साल 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद ही ज़िले में नई सुरक्षा व्यवस्था पर सोचने पर मजबूर होना पड़ा था. इसके बाद पुलिस प्रशासन ने ज़िले में 39 नई पुलिस चौकियाँ बनाने की योजना बनाई थी. इनमें से कई चौकियाँ तैयार हो चुकी हैं और कुछ जल्द ही शुरू हो जाएंगी. हिंसा प्रभावित क्षेत्र में, जामा मस्जिद के सामने 'सत्यव्रत पुलिस चौकी' का निर्माण तो केवल 100 दिनों में पूरा कर लिया गया था. इस चौकी को अब ज़िले का मुख्य कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहाँ से सभी सीसीटीवी कैमरों की लाइव मॉनिटरिंग होती है. इतना ही नहीं, सुरक्षा के नज़रिए से यह चौकी और भी संवेदनशील हो गई है क्योंकि इसमें एटीएस (एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड) की एक अस्थायी यूनिट भी स्थापित की गई है.
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