Next Story
Newszop

Bihar Politics : तेजस्वी के एक बयान से महागठबंधन में भूकंप, हार का ठीकरा दोस्तों पर फोड़ा या बड़े भाई का त्याग बताया?

Send Push

News India Live, Digital Desk: चुनाव खत्म हो गए, नतीजे भी आ गए, लेकिन बिहार की सियासत में बयानों का तूफ़ान थमने का नाम नहीं ले रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के एक बयान ने महागठबंधन के भीतर ही एक नई बहस छेड़ दी है, और एनडीए को बैठे-बिठाए हमला करने का मौका दे दिया है। सवाल उठ रहा है कि क्या तेजस्वी ने लोकसभा चुनाव में मिली हार का ठीकरा अपने सहयोगी दलों (कांग्रेस और लेफ्ट) पर फोड़ा है?आखिर तेजस्वी ने ऐसा क्या कह दिया?राजद की एक समीक्षा बैठक के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा, "हम बड़े दल थे, इसलिए हमने अपनी जीती हुई कई सीटें भी सहयोगियों के लिए छोड़ दीं, ताकि गठबंधन बना रहे। लेकिन अब इस पर विचार करने की जरूरत है कि ऐसा क्यों हुआ।"बस, इसी बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी। इस बयान के दो मतलब निकाले जाने लगे। पहला, जो एनडीए कह रहा है, कि तेजस्वी अपनी हार की खीझ सहयोगियों पर निकाल रहे हैं। और दूसरा, जो राजद और कांग्रेस कह रहे हैं, कि तेजस्वी सिर्फ 'बड़े भाई' की तरह किए गए त्याग की बात कर रहे थे।एनडीए ने तुरंत लपका मौकाजैसे ही यह बयान सामने आया, एनडीए के नेता हमलावर हो गए। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने चुटकी लेते हुए कहा, "महागठबंधन में अब सिर-फुटौव्वल शुरू हो गया है। तेजस्वी यादव अपनी हार का ठीकरा सहयोगियों पर फोड़ रहे हैं।" वहीं, भाजपा विधायक नितिन नवीन ने कहा कि इस गठबंधन की 'पोटली' खुल चुकी है और सब अपना-अपना हिसाब मांग रहे हैं। एनडीए इसे महागठबंधन के अंदर चल रही खटपट और अविश्वास के सबूत के तौर पर पेश कर रहा है।डैमेज कंट्रोल में उतरा RJD और कांग्रेसबवाल बढ़ता देख, राजद और कांग्रेस तुरंत डैमेज कंट्रोल में जुट गए। राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि तेजस्वी के बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है। उनका कहना था कि तेजस्वी सिर्फ यह बता रहे थे कि राजद ने गठबंधन धर्म निभाने के लिए कितनी कुर्बानी दी। वहीं, कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने भी कहा कि गठबंधन में कोई खटपट नहीं है और तेजस्वी के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।क्या हैं इस बयान के असली मायने?बात चाहे जो भी हो, एक बात तो साफ़ है कि तेजस्वी के इस बयान से 'धुआं' तो उठ ही गया है। लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन न कर पाने की कसक महागठबंधन में साफ दिख रही है। भले ही नेता 'ऑल इज वेल' का दावा करें, लेकिन यह बयान इस बात का संकेत जरूर देता है कि 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे और रणनीति को लेकर अंदरखाने सब कुछ उतना सहज नहीं है, जितना ऊपर से दिखाया जा रहा है।
Loving Newspoint? Download the app now