News India Live, Digital Desk: हाल ही में, ब्रिटेन के लेबर पार्टी के नेता कीर स्टारमर भारत आए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात में कई अहम मुद्दों पर बात हुई, लेकिन सबसे खास चर्चा इस बात पर रही कि क्या ब्रिटेन भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्य बनाने में मदद करेगा? भारत लंबे समय से UNSC में स्थायी सीट की मांग कर रहा है, और अगर ब्रिटेन का पूरा समर्थन मिल जाए, तो यह एक बड़ा कदम साबित हो सकता है.भारत क्यों चाहता है UNSC में स्थायी सीट?संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद दुनिया की सबसे शक्तिशाली संस्थाओं में से एक है. इसमें पांच स्थायी सदस्य हैं – अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन – जिनके पास 'वीटो' पावर है. भारत का तर्क है कि वह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, एक बड़ी अर्थव्यवस्था है, और वैश्विक शांति अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाता है. ऐसे में, वैश्विक मुद्दों पर उसकी बात को सुना जाना और उसे स्थायी सदस्य के रूप में मान्यता मिलना बेहद ज़रूरी है. भारत की आबादी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, यह मांग बिल्कुल जायज़ लगती है.स्टारमर की मुलाकात और ब्रिटेन का रुखकीर स्टारमर ने पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की और इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत की भूमिका अंतर्राष्ट्रीय मंच पर और बढ़नी चाहिए. ब्रिटेन ऐतिहासिक रूप से भारत के स्थायी सदस्य बनने की वकालत करता रहा है, लेकिन अब अगर लेबर पार्टी की सरकार बनती है, तो उनका समर्थन और निर्णायक हो सकता है. स्टारमर ने भारत को "अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण" देश बताया और कहा कि वह चाहते हैं कि भारत वैश्विक मंच पर सही जगह पर खड़ा हो. यह बयान भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत है.हालांकि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव लाना आसान नहीं है. इसमें सभी मौजूदा स्थायी सदस्यों की सहमति ज़रूरी होती है, और चीन जैसे कुछ देश भारत की स्थायी सदस्यता का विरोध करते रहे हैं. लेकिन, अगर ब्रिटेन जैसे बड़े देश का मज़बूत समर्थन मिलता है, तो भारत की दावेदारी और मज़बूत होगी. भारत को लगता है कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए अब समय आ गया है कि UNSC का विस्तार हो और उसमें ज़्यादा देशों को शामिल किया जाए, ताकि यह दुनिया की बदलती तस्वीर को सही तरीके से दर्शा सके.देखना यह होगा कि आने वाले समय में ब्रिटेन का यह समर्थन भारत के लिए कितना मददगार साबित होता है और क्या भारत का UNSC में स्थायी सदस्य बनने का सपना हकीकत में बदल पाता है.
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