रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में एक बार फिर से तनाव बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। हाल ही में, यूक्रेन ने रूस के पांच एयरबेस पर हमले किए हैं, जिससे रूस को जवाबी कार्रवाई के लिए प्रेरित किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि रूस के पास कई 'डूम्सडे' हथियार हैं, जिनका उपयोग वह यूक्रेन को नष्ट करने के लिए कर सकता है, लेकिन अब तक उसने संयम बनाए रखा है।
रूस की रणनीति में बदलाव की संभावना
विशेषज्ञों का कहना है कि यूक्रेन के ड्रोन हमलों के बाद रूस पर दबाव बढ़ गया है, और वह अपने खुफिया हथियारों का उपयोग करने पर विचार कर सकता है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय दबाव और वैश्विक राजनीति के कारण रूस ने अब तक अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल नहीं किया है।
रूस के सबसे खतरनाक हथियार
1. Kh-47M2 किंझल (Kinzhal): यह हवा से दागी जाने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल है, जो रूस की सबसे तेज और खतरनाक मिसाइलों में से एक मानी जाती है। इसकी रेंज लगभग 2000 किलोमीटर है और यह 12,348 किमी/घंटा की गति से उड़ती है।
2. RS-28 सरमत (Sarmat): इसे 'शैतान-2' के नाम से भी जाना जाता है। यह एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी रेंज 18,000 किलोमीटर तक है और यह एक साथ 10 से 15 परमाणु हथियार ले जा सकती है।
3. अवनगार्ड (Avangard): यह रडार से बचने वाला ग्लाइड व्हीकल है, जिसकी गति Mach 27 यानी लगभग 32,200 किमी/घंटा है।
4. 9M730 बुरेवेस्तनिक (Burevestnik): यह परमाणु ऊर्जा से चलने वाली क्रूज़ मिसाइल है, जो हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है और इसे 'फ्लाइंग चेर्नोबिल' भी कहा जाता है।
रूस का हथियारों का इस्तेमाल न करने का कारण
ICANW (International Campaign to Abolish Nuclear Weapons) की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के पास 5,449 परमाणु हथियार हैं, लेकिन वह अब तक यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर इनका प्रयोग नहीं कर पाया है। इसके पीछे कई कारण हैं:
वैश्विक दबाव: यदि रूस ने परमाणु या महाविनाशक हथियारों का उपयोग किया, तो अमेरिका और NATO देशों का विरोध हो सकता है।
राजनीतिक रणनीति: रूस फिलहाल सीधे युद्ध से ज्यादा, रणनीतिक जवाब और क्षेत्रीय दबदबा बनाए रखने की नीति पर चल रहा है।
मानवता की चिंता: बड़े हथियारों का प्रयोग वैश्विक संकट को जन्म दे सकता है।
क्या रूस का रवैया बदलेगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यूक्रेन के हमले जारी रहे, तो रूस को अपनी ताकत दिखाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में सरमत और अवनगार्ड जैसे हथियारों का उपयोग संभव है, लेकिन यह कदम तीसरे विश्व युद्ध की संभावना को जन्म दे सकता है।
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