डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से टैरिफ उनके लिए एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है। हर समय, चाहे वह सोते हों या जागते, टैरिफ उनके विचारों में रहता है। कनाडा को 51वां राज्य बनाने की बात हो या फेंटनिल की तस्करी को रोकने की, ट्रंप का समाधान हमेशा टैरिफ होता है। हाल के महीनों में, यह स्पष्ट हो गया है कि टैरिफ उनके लिए एक प्रमुख रणनीति बन गई है। हाल ही में, उन्होंने घोषणा की कि 4 जून से स्टील और एल्युमीनियम पर अमेरिकी टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया जाएगा।
स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ में वृद्धि
स्टील-एल्युमिनियम पर टैरिफ दोगुना
राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को बताया कि अगले सप्ताह से अमेरिका में आयातित स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ 25% से बढ़ाकर 50% कर दिया जाएगा। उनका मानना है कि यह कदम अमेरिकी उद्योग को मजबूती प्रदान करेगा। पेंसिलवेनिया में एक यूएस स्टील प्लांट में श्रमिकों को संबोधित करते हुए, ट्रंप ने कहा कि अब कोई भी इससे बच नहीं पाएगा। इसके बाद, उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि एल्युमीनियम पर भी यही दर लागू होगी, जो 4 जून से प्रभावी होगी। यह निर्णय उनकी आक्रामक व्यापार नीति का हिस्सा है, जो न केवल प्रतिद्वंद्वियों बल्कि सहयोगी देशों को भी प्रभावित कर रहा है। हाल ही में अदालत ने इन टैरिफ पर सवाल उठाए थे, लेकिन फेडरल अपील कोर्ट ने इन्हें लागू रखने की अनुमति दी है।
भारत पर टैरिफ का प्रभाव
भारत के स्टील-एल्युमिनियम निर्यात पर संकट?
भारत का अमेरिका को स्टील और एल्युमीनियम का निर्यात बहुत अधिक नहीं है, इसलिए ट्रंप के इस निर्णय का प्रत्यक्ष प्रभाव सीमित रहेगा। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि वैल्यू-एडेड स्टील उत्पादों और ऑटो पार्ट्स निर्यातक इससे प्रभावित हो सकते हैं। 50% टैरिफ से भारत के 4.56 अरब डॉलर के निर्यात पर असर पड़ेगा। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, यह भारतीय उत्पादकों की प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचा सकता है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) ने सरकार से अपील की है कि इस मुद्दे को द्विपक्षीय स्तर पर उठाया जाए।
निर्यातकों और आयातकों पर प्रभाव
भारतीय निर्यातकों और अमेरिकी आयातकों दोनों को नुकसान
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के महानिदेशक अजय सहाय ने इस स्थिति को चिंताजनक बताया है। उनका कहना है कि भारतीय निर्यातकों और अमेरिकी आयातकों दोनों को नुकसान होगा। इसके अलावा, यह भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते की बातचीत को भी जटिल बना सकता है। (ईईपीसी) इंडिया के पंकज चड्ढा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की एकतरफा टैरिफ वृद्धि वार्ताओं के दौरान हो रही है। यह निश्चित रूप से इंजीनियरिंग निर्यात को प्रभावित करेगा, जो वर्तमान में लगभग 5 बिलियन डॉलर है।
You may also like
विराट कोहली: 20 लाख रुपये से शुरू हुए सफ़र का 18 साल लंबा इंतज़ार
Health Tips- खाली पेट भीगे हुए अंजीर खाने के फायदें जानते हैं आप, आइए जानें
Home Care Tips- क्या आप कॉकरोट और छिपकली से परेशान हैं, तो पोछा लगाते समय कर लें ये काम
Travel Tips- परिवार के साथ घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो जाए पनवेल
Chinese National Arrested With Pathogen: अमेरिका में चीन की नागरिक गिरफ्तार, फसलों के साथ इंसान और जानवरों को बीमार करने वाले खतरनाक फ्यूसेरियम ग्रैमिनियरम कवक को छिपाकर लाने का आरोप