आधार और ई-आधार: आधार कार्ड आज के डिजिटल युग में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बन गया है। यह दस्तावेज विभिन्न कार्यों में आधार सत्यापन के लिए आवश्यक है। हालांकि, कई लोग आधार और ई-आधार के बीच अंतर को समझने में भ्रमित रहते हैं। क्या ये दोनों एक समान हैं या इनमें कोई भिन्नता है? आइए इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
आधार कार्ड की विशेषताएँ
आधार कार्ड एक 12 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या है, जो भारत सरकार द्वारा किसी व्यक्ति की बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय जानकारी के आधार पर जारी की जाती है। एक बार जब आपको आधार मिल जाता है, तो यह आपके लिए घर बैठे उपलब्ध हो जाता है। दूसरी ओर, ई-आधार, आधार कार्ड का डिजिटल संस्करण है, जिसे यूआईडीएआई की वेबसाइट या एमआधार ऐप से डाउनलोड किया जा सकता है।
यह एक पीडीएफ फाइल है, जिसे आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर कहीं भी रख सकते हैं और यह भौतिक आधार कार्ड के समान मान्य है। आप इसे सरकारी और गैर-सरकारी दोनों कार्यों में आसानी से उपयोग कर सकते हैं। ई-आधार कार्ड डाउनलोड करने के लिए, आपको यूआईडीएआई की वेबसाइट पर जाना होगा और आधार नंबर पर क्लिक करके इसे डाउनलोड करना होगा।
आधार और ई-आधार के फायदे और नुकसान
आधार कार्ड के कई फायदे हैं, जैसे कि इसका उपयोग बैंक, सरकारी योजनाओं, और सिम कार्ड के लिए आसानी से किया जा सकता है। भौतिक आधार कार्ड को सभी आसानी से स्वीकार करते हैं। वहीं, ई-आधार के फायदे में इसे कभी भी डाउनलोड करने की सुविधा शामिल है, और आप इसे कहीं भी भेज सकते हैं।
हालांकि, आधार कार्ड खोने का डर रहता है, और खो जाने पर नया आधार बनवाने में समय लगता है। डिजिटल आधार कार्ड का एक नुकसान यह है कि आपको हमेशा पासवर्ड याद रखना होगा। इसके अलावा, तकनीक में कम जानकारी रखने वालों के लिए इसे उपयोग करना थोड़ा कठिन हो सकता है।
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