हेल्थ कार्नर: हल्दी का नाम सुनते ही सब्जियों में इसके उपयोग का ख्याल आता है। यह न केवल स्वाद बढ़ाती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हल्दी की एक और किस्म होती है, जिसे काली हल्दी कहा जाता है? इसका उपयोग आमतौर पर घर के मसालों में नहीं किया जाता, बल्कि इसे तांत्रिक क्रियाओं में विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है। काली हल्दी में कई औषधीय गुण होते हैं, जो विभिन्न बीमारियों से राहत दिलाने में सहायक होते हैं। आइए जानते हैं ज्योतिष शास्त्र में काली हल्दी का क्या महत्व है।
यदि आपके व्यापार में रुकावट आ रही है, तो शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार को पीले कपड़े में काली हल्दी, 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र, एक चांदी का सिक्का और 11 अभिमंत्रित धनदायक कौड़ियां बांधकर, 108 बार ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेव नमः’ का जाप करते हुए इस कपड़े को तिजोरी में रख दें। इससे धन लाभ होने की संभावना बढ़ जाती है।
अगर आपके बच्चे को नजर लग गई है, तो बच्चे के ऊपर से काली हल्दी की गांठ को सात बार उतारकर उसे चौहारे पर रख दें। इससे बच्चे की नजर दूर हो जाएगी।
यदि परिवार में कोई व्यक्ति लंबे समय से बीमार है, तो गुरुवार को आटे के दो पेड़े बनाकर उसमें गीली चने की दाल, गुड़ और थोड़ी सी पिसी काली हल्दी डालकर रोगी के ऊपर से सात बार उतारकर चौराहे पर रख दें। ऐसा लगातार तीन गुरुवार तक करने से रोगी की स्थिति में सुधार होने लगेगा। कहा जाता है कि शुक्ल पक्ष के गुरुवार से हर दिन काली हल्दी को पीसकर उसका तिलक करने से ग्रह शुभ फल देने लगते हैं।
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