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पुत्रदा एकादशी: जानें व्रत का महत्व और पालन के नियम

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पुत्रदा एकादशी का महत्व


लाइव हिंदी खबर :- पौष महीने की पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से भक्त की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। इस व्रत का नाम भी संतान प्राप्ति के लिए रखा गया है, इसलिए इसे विशेष रूप से संतान की कामना करने वाले लोग करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी के दिन दान, स्नान और तप करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।


पुत्रदा एकादशी पर क्या करें

इस दिन क्या करें- 
1. पुत्रदा एकादशी का व्रत निर्जला, फलाहारी या जलीय उपवास के रूप में रखा जा सकता है।
2. निर्जला व्रत केवल स्वस्थ व्यक्तियों को ही करना चाहिए।
3. सामान्य लोग फलाहारी या जलीय उपवास का पालन कर सकते हैं।


4. यदि आप संतान की इच्छा रखते हैं, तो इस दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप और श्री नारायण की पूजा करनी चाहिए।


इस दिन क्या न करें

इस दिन भूलकर न करें ये काम- 
1. एकादशी के दिन चोरी करना वर्जित है, क्योंकि ऐसा करने से 7 पीढ़ियों को पाप लगता है।
2. व्रति को भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए कठोर शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्रोध और झूठ बोलने से बचें।


3. रात में सोना नहीं चाहिए; पूरी रात भगवान विष्णु की भक्ति, मंत्र जप और जागरण करना चाहिए।
4. सुबह जल्दी उठें और शाम को सोने से बचें।
5. जुआ खेलने से भी बचें, क्योंकि यह वंश का नाश कर सकता है।
6. व्रत के दौरान खान-पान और व्यवहार में संयम और सात्विकता का पालन करें।


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