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नीला, मैरून, सफ़ेद, नारंगी... भारतीय पासपोर्ट अलग-अलग रंगों में क्यों आते हैं? जानिए हर रंग का महत्व

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PC: India Today

पासपोर्ट केवल यात्रा दस्तावेज़ नहीं हैं; ये पहचान, विशेषाधिकार और अंतर्राष्ट्रीय स्थिति का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत में, पासपोर्ट चार रंगों में जारी किए जाते हैं: नीला, सफ़ेद, मैरून और नारंगी। प्रत्येक रंग का एक अलग महत्व होता है, जो धारक की यात्रा की श्रेणी और उद्देश्य को दर्शाता है। यहाँ प्रत्येक रंग के अर्थ पर एक विस्तृत नज़र डाली गई है।

नीला पासपोर्ट (साधारण पासपोर्ट)
नीला पासपोर्ट भारत में सबसे आम और व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला पासपोर्ट है। यह आम नागरिकों को अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के लिए जारी किया जाता है, चाहे वह पर्यटन, व्यवसाय, अध्ययन या व्यक्तिगत यात्राओं के लिए हो। अधिकांश भारतीय पासपोर्ट धारक इसी प्रकार का पासपोर्ट रखते हैं।

सफ़ेद पासपोर्ट (आधिकारिक पासपोर्ट)
सफ़ेद पासपोर्ट सरकारी अधिकारियों और विदेश में आधिकारिक कर्तव्य पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्तियों को जारी किया जाता है। यह राजनयिक ज़िम्मेदारी का प्रतीक है और धारकों को कुछ विशेषाधिकार प्रदान करता है, जिसमें आसान immigration clearance भी शामिल है।
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मैरून पासपोर्ट (राजनयिक पासपोर्ट)
मैरून पासपोर्ट भारतीय राजनयिकों, शीर्ष नौकरशाहों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के लिए आरक्षित है। इस प्रकार के पासपोर्ट में वैश्विक समझौतों के अनुसार राजनयिक प्रतिरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय विशेषाधिकार होते हैं, जिससे धारकों को यात्रा के दौरान उच्च स्तर की पहुँच और सुरक्षा मिलती है।

नारंगी पासपोर्ट (ईसीआर श्रेणी के लिए प्रस्तावित)
नारंगी पासपोर्ट उन भारतीय नागरिकों को जारी किए जाते हैं जिनकी Emigration check required (ईसीआर) स्टेटस होता है। इसमें आमतौर पर वे लोग शामिल होते हैं जिन्होंने अध्ययन की न्यूनतम योग्यता पूरी नहीं की है या जो कुछ देशों में काम करने जा रहे हैं। नारंगी पासपोर्ट रखने वालों को विदेश यात्रा से पहले अतिरिक्त इमिग्रेशन जाँच से गुजरना पड़ता है।

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