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SCO: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को सुनाई खरी खरी, जब सीमा पर आतंकवाद हैं तो कैसे बढ़ सकता हैं कारोबार

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By shiv sharma

इंटरनेट डेस्क। इस्लामाबाद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक का आज दूसरा दिन हैं और भारत की और से इस बार विदेश मंत्री पाकिस्तान के दौरे पर है। जी हां विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय पाकिस्तान में हैं और एससीओ समिट में भाग ले रहे है। यहा उन्होंने पाकिस्तान और चीन अपने बयानों से आईना दिखाया है। एससीओ बैठक में जब बाकी सदस्य देश आपसी सहयोग बढ़ाने की बात कर रहे थे तब जयशंकर ने याद दिलाया की सीमा पार आतंकवाद से ना तो कारोबार बढ़ सकता है और ना ही संगठन के बीच कनेक्टिविटी हो सकती है।

क्या कहा एस जयशंकर ने 
मीडिया रिपोटर्स की माने तो बैठक में शामिल चीन के पीएम ली शियांग की उपस्थिति में जयशंकर ने कहा कि सहयोग बढ़ाने के लिए दूसरे की भौगोलिक अखंडता व संप्रभुता को स्वीकार करना चाहिए। ऐसे में एस जयशंकर ने कहा कि अगर दोस्ती कम हुई है या अच्छे पड़ोसी की भावना कम हुई है तो हमें गंभीरता से इसकी समीक्षा करनी चाहिए व इसके कारणों को खोजने की कोशिश करनी चाहिए। बुधवार को एससीओ के सदस्यों के सरकारों के प्रमुखों की बैठक हुई। बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में आपसी सहयोग को बढ़ाने के एक विस्तृत एजेंडे की घोषणा की गई है।

भारत ने नहीं किया समर्थन
मीडिया रिपोटर्स की माने तो भारत के अलावा हर सदस्य देश ने चीन की वन बेल्ट-वन रोड का समर्थन किया और इसे इस समूचे क्षेत्र के विकास के लिए जरूरी करार दिया है। लेकिन भारत ने इसका समर्थन नहीं किया हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने भाषण में जब संप्रभुता का मुद्दा उठाया तो यह वन बेल्ट-वन रोड के तहत चीन की तरफ से पाकिस्तान के कब्जे बाले कश्मीर इलाके में सड़क मार्ग के निर्माण को लेकर ही है। जयशंकर ने कहा कि आचार-संहिता में यह साफ है कि हमारे समक्ष क्या चुनौतियां हैं। इसमें तीन चुनौतियों की बात है आतंकवाद, अतिवाद और पृथकतावाद। आज के संदर्भ में ये बातें और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई हैं।

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