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महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों से क्यों होते हैं अलग? जानें कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

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महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अक्सर क्यों छूट जाते हैं नजर?

हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा—एक ऐसी जानलेवा स्थिति है, जो अब सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही। बदलती जीवनशैली और बढ़ता तनाव युवाओं, खासकर महिलाओं को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों से काफी अलग और कई बार इतने हल्के होते हैं कि उन्हें पहचान पाना मुश्किल हो जाता है। यही वजह है कि समय पर इलाज नहीं मिल पाता और जान का खतरा बढ़ जाता है।

आइए विस्तार से जानते हैं कि महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण कैसे अलग होते हैं, क्यों होते हैं और क्या हैं इससे बचने के उपाय।

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण
  • अत्यधिक और असामान्य थकान

    • बिना अधिक परिश्रम किए भी लगातार थकावट महसूस होना

    • यह थकान हफ्तों तक रह सकती है और आराम करने के बाद भी नहीं जाती

  • पीठ, गर्दन, जबड़े और कंधे में दर्द

    • छाती के बजाय पीठ के ऊपरी हिस्से, गर्दन, जबड़े या कंधे में दर्द

    • दर्द धीरे-धीरे बढ़ सकता है और हल्का दबाव जैसा भी लग सकता है

  • पेट में दर्द या जलन

    • गैस या एसिडिटी जैसा महसूस होना

    • जलन, भारीपन या पेट के ऊपरी हिस्से में दबाव

  • सांस लेने में तकलीफ

    • सीढ़ियां चढ़ने या हलका काम करने पर भी सांस फूलना

    • सामान्य स्थिति में भी दम घुटने जैसा अनुभव होना

  • उल्टी और चक्कर आना

    • मतली महसूस होना या सिर घूमना

    • कभी-कभी उल्टी भी हो सकती है

  • नींद में खलल और बेचैनी

    • हार्ट अटैक से कुछ दिन पहले नींद नहीं आना

    • घबराहट या बेचैनी का अनुभव

  • पुरुषों में हार्ट अटैक के आम लक्षण
    • छाती में तेज और दबाव भरा दर्द

    • पसीना आना, खासकर ठंडा पसीना

    • चक्कर आना या बेहोशी

    • सांस लेने में परेशानी

    महिलाओं में लक्षण अलग क्यों होते हैं?
    • महिलाओं की धमनियों की बनावट पुरुषों से अलग होती है

    • छोटे आर्टरीज (छोटी धमनियां) में ब्लॉकेज ज्यादा होता है, जिससे छाती में तेज दर्द नहीं होता

    • हार्मोनल बदलाव, खासकर मेनोपॉज के बाद, दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा देते हैं

    • स्ट्रेस हार्मोन का प्रभाव महिलाओं पर अलग होता है

    महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा क्यों ज्यादा है?
    • मेनोपॉज के बाद हार्मोन में बदलाव

    • हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा

    • तनाव और चिंता, अनियमित दिनचर्या

    • दिल से जुड़े लक्षणों को नजरअंदाज करना या उन्हें सामान्य मान लेना

    बचाव के उपाय
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं

    • संतुलित और पौष्टिक आहार लें

    • रोजाना हल्का-फुल्का व्यायाम करें

    • धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं

  • नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं

    • ईसीजी, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर की जांच समय-समय पर करवाएं

  • तनाव से दूर रहें

    • योग, ध्यान और अच्छी नींद से मानसिक शांति पाएं

  • लक्षणों को नजरअंदाज न करें

    • कोई भी असामान्य बदलाव महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

  • महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण जितने अलग होते हैं, उतने ही खतरनाक भी हो सकते हैं। इसीलिए ज़रूरी है कि महिलाएं अपने शरीर की बातों को समझें, स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और समय रहते चिकित्सकीय सलाह लें। एक छोटा सा लक्षण भी बड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है।

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