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तो क्या बज गया युद्ध का बिगुल... राफेल, सुखोई-30 MKI, मिराज-2000 जैसे विमानों के साथ वायुसेना ने किया नाइट लैंडिंग ड्रिल

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इंटरनेट डेस्क। भारतीय वायु सेना (IAF) ने उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेसवे पर फ्लाईपास्ट और लैंडिंग अभ्यास किया। अभ्यास में राफेल, सुखोई-30 MKI, मिराज-2000, मिग-29, जगुआर, C-130J सुपर हरक्यूलिस, AN-32 परिवहन विमान और MI-17 V5 हेलीकॉप्टर जैसे विमान शामिल थे। इस अभ्यास में उन्नत लड़ाकू जेट और परिवहन विमानों ने टेक-ऑफ और लैंडिंग दोनों अभ्यास किए। इसमें लो फ्लाई-पास्ट और विभिन्न लैंडिंग और टेक-ऑफ युद्धाभ्यास भी शामिल थे, जो दिन और रात दोनों समय की परिचालन क्षमताओं का मूल्यांकन करने के लिए दो चरणों में आयोजित किए गए थे।

अभियान का ये था उद्देश्य

गंगा एक्सप्रेसवे का 3.5 किलोमीटर लंबा हिस्सा भारत का पहला ऐसा रोड रनवे है जिसे लड़ाकू विमानों के दिन और रात दोनों समय संचालन के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस बढ़ी हुई क्षमता का श्रेय एक्सप्रेसवे के इस हिस्से में विशेष रूप से स्थापित उन्नत प्रकाश व्यवस्था और नेविगेशन सिस्टम के एकीकरण को जाता है। इस अभियान का उद्देश्य युद्ध के समय की स्थितियों के दौरान वैकल्पिक रनवे के रूप में काम करने के लिए गंगा एक्सप्रेसवे की क्षमता का आकलन करना था।

रात के समय में भी प्रदान करता है सुरक्षित संचालन

इस रनवे में सैन्य विमानों के भारी वजन और दबाव को झेलने के लिए विशेष, भारी-भरकम सामग्रियों से निर्मित, हवाई पट्टी में कई सुविधाएं हैं। इनमें सटीक लैंडिंग के लिए सटीक एप्रोच लाइटिंग, अत्यधिक भार के लिए डिज़ाइन किया गया प्रबलित फुटपाथ और एक CAT II इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) शामिल है जो कम दृश्यता या रात के समय में भी सुरक्षित संचालन को सक्षम बनाता है।

PC : Livehindutsan

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