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Pratapgarh Uttrapradesh अधीक्षक की छानबीन से मची खलबली

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उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  रानीगंज सीएचसी में समय से डॉक्टर के न पहुंचने और सुविधाएं न मिलने और वसूली के आरोपों से जुड़ी खबर छपी तो सीएचसी अधीक्षक ने छानबीन शुरू करते हुए जांच बैठा दी. इससे डॉक्टर से लेकर कर्मचारियों तक में खलबली मच गई. पीड़ित का भी दो अलग-अलग बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा.

रानीगंज के बावरपुर निवासी रंजीत पटेल का एक वीडियो  को वायरल हुआ था. इसमें उन्होंने प्रसव के नाम पर 3700 रुपये वसूलने के अलावा बिजली, पानी व खाना न मिलने का भी आरोप लगाया था. कुंभापुर निवासी नफीस खान ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी को ब्लीडिंग होने लगी तो डॉक्टर ही नहीं मिले, नर्स ने इंजेक्शन लगाकर डिस्चार्ज कर दिया.

सीएचसी में खलबली मच गई और आरोप लगाने वाले रंजीत पटेल की खोज होने लगी.

दोपहर तक सीएचसी अधीक्षक के पास रंजीत पटेल का लिखा एक पत्र पहुंच गया जिसमें लिखा था कि उनसे किसी ने रुपये नहीं मांगे और न लिए. भोजन सहित सारी सुविधाएं उनके मरीज को मिलीं. किन्तु जब रंजीत से दोबारा बात की गई तो उन्होंने बताया कि नौकरी बचाने की दुहाई देते हुए उनसे उक्त पत्र लिखवाया गया लेकिन यदि उनके रुपये वापस न किए गए तो वह उक्त पत्र को नहीं मानेंगे. अधीक्षक का कहना है कि जांच हो रही है, जांच के मुताबिक कार्रवाई होगी.

आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर केस

नगर कोतवाली के चिलबिला निवासी नरेंद्र कुमार दुबे पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल किया था. मामला 18 अगस्त का है. नरेंद्र दुबे ने गांव के ही दीपक दुबे उर्फ ऋतुराज, आदर्श दुबे, अमरजीत पांडेय, गोपाल दुबे उर्फ मिथलेश, कमलेश पर छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है.

 

 

प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क

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