मऊ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी-एमएलए) डॉ. केपी सिंह की अदालत ने शनिवार को उत्तर प्रदेश की मऊ सदर सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी को 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन और भड़काऊ भाषण देने के मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई।
अदालत ने गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे अंसारी को आईपीसी की धारा 189 और 153-ए के तहत दो-दो साल, धारा 506 के तहत एक साल और धारा 171-एफ के तहत छह महीने कैद की सजा सुनाई। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। विस्तृत लेखस के साथी मंसूर अंसारी को मामले में आईपीसी की धारा 120-बी के तहत छह महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई गई है और उस पर ₹1000 का जुर्माना लगाया गया है।
मामले की सुनवाई 29 मई को पूरी हो गई थी। मामले में पक्षकारों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने सजा सुनाने के लिए 31 मई की तारीख तय की थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने मामले में अब्बास अंसारी को दोषी करार दिया। मामले में अभियोजन पक्ष के अनुसार, सब इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद की शिकायत पर मऊ के कोतवाली थाना क्षेत्र में अब्बास अंसारी और अन्य के खिलाफ धारा 153 ए (शत्रुता को बढ़ावा देना), 189 (लोक सेवक को नुकसान पहुंचाने की धमकी देना), 171 एफ (चुनाव में अनुचित प्रभाव डालने या प्रतिरूपण करने की सजा), 120 बी (आपराधिक साजिश) और धारा 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया था। बिंद ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव के दौरान मऊ सदर सीट से एसबीएसपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे अब्बास अंसारी ने शहर के पहाड़पुर मैदान में एक जनसभा के दौरान मऊ प्रशासन के अधिकारियों को धमकाते हुए कहा था कि वह चुनाव के बाद "बदला लेंगे और उन्हें सबक सिखाएंगे"। जब अदालत ने यह आदेश सुनाया तो अब्बास अंसारी अदालत में मौजूद थे।
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