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क्या सच में गलताजी मंदिर में है भूतों का साया? श्रद्धालुओं के अनुभव चौका देंगे

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जयपुर के गलता जी मंदिर, जो अपनी धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, अपने रहस्यमयी वातावरण और अजीब घटनाओं के कारण भी चर्चा में रहता है। यह मंदिर अरावली की पहाड़ियों के बीच स्थित है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभवों का अहसास होता है। लेकिन कई बार यहां के बारे में ऐसी कहानियां सुनने को मिलती हैं, जिनसे यह सवाल उठता है कि क्या सच में गलता जी मंदिर में भूतों का साया है?

गलता जी मंदिर का रहस्यमयी इतिहास

गलता जी मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है और यह एक पवित्र स्थल के रूप में जाना जाता है। मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ था और यह धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन इसके अलावा भी गलता जी मंदिर के बारे में कुछ रहस्यमयी कथाएँ प्रचलित हैं, जिन्हें सुनकर अक्सर लोग हैरान रह जाते हैं। खासकर रात के समय मंदिर के आसपास होने वाली अजीब घटनाएँ और असामान्य अनुभवों को लेकर कई लोग मानते हैं कि यहां भूत-प्रेत का साया हो सकता है।

भूतों के साये के बारे में कथाएँ

गलता जी मंदिर के बारे में एक प्रचलित मान्यता है कि मंदिर की घाटी में और आसपास की पहाड़ियों में आत्माएँ भटकती हैं। श्रद्धालु बताते हैं कि कई बार रात के समय उन्हें मंदिर के भीतर हल्की आवाज़ें सुनाई देती हैं। कभी तो यह आवाज़ें किसी के चलने की होती हैं, कभी कुछ अनहोनी सी घटनाएँ घटती हैं। कुछ लोगों ने यह भी दावा किया है कि उन्होंने मंदिर के आस-पास की चट्टानों और पेड़ों से अस्पष्ट और डरावनी परछाइयाँ देखी हैं।

एक अन्य कथा के अनुसार, एक श्रद्धालु ने बताया कि उसे मंदिर में प्रवेश करने के बाद अचानक ठंडी हवा का एहसास हुआ, और फिर एक नकारात्मक ऊर्जा का सामना हुआ, जिसे उसने महसूस किया। वह श्रद्धालु डर के कारण मंदिर से बाहर भाग गया और कहा कि उसे महसूस हुआ कि कोई अनदेखी शक्ति उसकी ओर बढ़ रही थी।

बंदरों की अजीब हरकतें

गलता जी मंदिर में कई बंदर भी रहते हैं, जो धार्मिक स्थल के हिस्से के रूप में देखने को मिलते हैं। दिन के समय ये बंदर मंदिर के आस-पास खेलते और घूमते रहते हैं, लेकिन रात के समय उनकी हरकतें कुछ और ही होती हैं। श्रद्धालु और स्थानीय लोग मानते हैं कि रात के समय इन बंदरों की अजीब हरकतें और तेज आवाजें मंदिर में छिपे हुए भूत-प्रेतों के संकेत हो सकती हैं। कई बार ये बंदर मंदिर के अंदर और बाहर चीखते और दौड़ते हैं, जिससे डरावनी स्थितियाँ बन जाती हैं।

असामान्य घटनाओं का होना

कुछ श्रद्धालु यह भी कहते हैं कि गलता जी मंदिर के पास स्थित पवित्र जलधारा के पास अचानक जल का स्तर बदलता है, जो किसी सामान्य कारण से नहीं होता। कभी-कभी जल की धारा तेज़ हो जाती है, तो कभी अचानक शांत हो जाती है, जिससे यह लगता है कि कोई अप्राकृतिक शक्ति इस पर काबू पा रही है।

क्यों नहीं डरते स्थानीय लोग?

हालांकि कई लोग गलता जी मंदिर को लेकर डरावनी घटनाओं के बारे में बातें करते हैं, लेकिन स्थानीय लोग इन घटनाओं से बिल्कुल नहीं डरते। उनके लिए यह स्थान केवल एक पवित्र धार्मिक स्थल है और वे मानते हैं कि यहां की किसी भी घटना का संबंध किसी बुरी शक्ति से नहीं बल्कि प्रकृति की अद्भुत विशेषताओं से है। वे मानते हैं कि यह स्थल एक पुण्य की भूमि है, जहां देवी-देवताओं का वास है और यहां की घटनाओं को धार्मिक दृष्टि से देखा जाता है।

निष्कर्ष

क्या सच में गलता जी मंदिर में भूतों का साया है? यह सवाल आज भी अनसुलझा है। कुछ श्रद्धालु और पर्यटक यहां के रहस्यमयी अनुभवों को भूत-प्रेत से जोड़ते हैं, तो कुछ इसे केवल प्राकृतिक घटनाओं और असामान्य वातावरण के परिणाम के रूप में देखते हैं। बावजूद इसके, गलता जी मंदिर आज भी श्रद्धालुओं का प्रिय स्थल बना हुआ है, और यहां के अनुभवों के साथ यह एक रहस्यमयी आकर्षण का केंद्र बना रहता है।

यह कहना मुश्किल है कि गलता जी मंदिर में सचमुच भूत-प्रेत का साया है, लेकिन जो भी हो, इस मंदिर का वातावरण और इसकी रहस्यमयी ऊर्जा लोगों को अपनी ओर खींचती है, और शायद यही कारण है कि यह स्थान आज भी इतना आकर्षक और चर्चित है।

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